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सरकार के खिलाफ जन संघर्ष मोर्चा मुखर, उपनल कर्मियों के नियमितीकरण की मांग उठाई - जन संघर्ष मोर्चा विकासनगर

उपनल कर्मियों की मांगों को लेकर जन संघर्ष मोर्चा ने तहसील घेराव किया. कर्मियों के नियमितीकरण मामले को लेकर एसडीएम के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा.

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Published : Dec 18, 2019, 7:39 PM IST

विकासनगर: हजारों उपनल कर्मियों की मांगों को लेकर जन संघर्ष मोर्चा ने तहसील घेराव किया. उपनल कर्मियों के नियमितीकरण मामलों को लेकर एसडीएम के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा.

उपनल कर्मियों के लिए जन संघर्ष मोर्चा ने तहसील घेराव किया.

जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष और जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न विभागों में उपनल के माध्यम से कर्मचारियों के मामले में हाई कोर्ट ने पिछले साल 12 नवंबर को जनहित याचिका में सरकार को इन कर्मचारियों को नियमित करने, जीएसटी और सर्विस टैक्स आदि न काटने के निर्देश दिए थे. सरकार को ये फैसला नागवार गुजरा और सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की.

सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर इसी साल एक फरवरी को रोक लगाते हुए नोटिस जारी किया. रघुवीर सिंह ने बताया कि उपनल में कर्मचारियों की संख्या लगभग 20 हजार 911 है. कर्मचारी इस उम्मीद पर इतने कम वेतन में सेवाएं दे रहे हैं कि भविष्य में इन्हें नियमित कर दिया जाएगा. लेकिन सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों का भविष्य खतरे में है.

ये भी पढ़ें: व्यापारी भूपी पांडे हत्याकांड का मुख्य आरोपी गौरव गुप्ता यूपी से गिरफ्तार

रघुनाथ सिंह नेगी ने बताया कि वर्तमान और पूर्व सरकारों ने लगभग 20 हजार 911 कर्मचारियों को प्रायोजित किया है. सरकार की कोई स्पष्ट नीति न होने के कारण कानून का ढंग से पालन नहीं किया गया. इस कारण इंटरेस्ट नियमितीकरण आदि मामले अटके हुए हैं. सरकार बीच का कोई रास्ता निकाल कर इनका भविष्य सुरक्षित कर सकती है, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है.

विकासनगर: हजारों उपनल कर्मियों की मांगों को लेकर जन संघर्ष मोर्चा ने तहसील घेराव किया. उपनल कर्मियों के नियमितीकरण मामलों को लेकर एसडीएम के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा.

उपनल कर्मियों के लिए जन संघर्ष मोर्चा ने तहसील घेराव किया.

जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष और जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न विभागों में उपनल के माध्यम से कर्मचारियों के मामले में हाई कोर्ट ने पिछले साल 12 नवंबर को जनहित याचिका में सरकार को इन कर्मचारियों को नियमित करने, जीएसटी और सर्विस टैक्स आदि न काटने के निर्देश दिए थे. सरकार को ये फैसला नागवार गुजरा और सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की.

सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर इसी साल एक फरवरी को रोक लगाते हुए नोटिस जारी किया. रघुवीर सिंह ने बताया कि उपनल में कर्मचारियों की संख्या लगभग 20 हजार 911 है. कर्मचारी इस उम्मीद पर इतने कम वेतन में सेवाएं दे रहे हैं कि भविष्य में इन्हें नियमित कर दिया जाएगा. लेकिन सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों का भविष्य खतरे में है.

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रघुनाथ सिंह नेगी ने बताया कि वर्तमान और पूर्व सरकारों ने लगभग 20 हजार 911 कर्मचारियों को प्रायोजित किया है. सरकार की कोई स्पष्ट नीति न होने के कारण कानून का ढंग से पालन नहीं किया गया. इस कारण इंटरेस्ट नियमितीकरण आदि मामले अटके हुए हैं. सरकार बीच का कोई रास्ता निकाल कर इनका भविष्य सुरक्षित कर सकती है, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है.

Intro:विकासनगर उपनल कर्मियों की मांगों को लेकर जन संघर्ष मोर्चा ने किया तहसील घेराव उपनल कर्मियों के नियमितीकरण आदि मामलों को लेकर एसडीएम के माध्यम से राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा


Body:जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न विभागों में उपनल के माध्यम से कर्मचारियों के मामले में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा 12-11-2018 को जनहित याचिका में सरकार को इन कर्मचारियों को नियमित करने एवं जीएसटी व सर्विस टैक्स आदि ना काटने के निर्देश दिए थे लेकिन सरकार को यह नागवार गुजरा तथा सरकार द्वारा उक्त आदेश के खिलाफ माननीय सर्वोच्च न्यायालय में एसएलपी दाखिल की गई माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उक्त आदेश पर 1-2-2019 को रोक लगा दी गई तथा नोटिस जारी किए गए ताकि उक्त कर्मचारियों को कार्य करते लगभग 10 से 12 वर्ष बीत गए हैं तथा कई कर्मचारी 5 से 10 वर्षों से अपनी सेवाएं बहुत कम वेतन में विभागों को दे रहे हैं कर्मचारियों की संख्या लगभग 20911 है कर्मचारी इस उम्मीद पर इतने कम वेतन में असली सेवाएं दे रहे हैं कि भविष्य में इन को नियमित कर दिया जाएगा लेकिन सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों का भविष्य चौपट हो गया है


Conclusion:नेगी ने कहा कि वर्तमान व पूर्व अति सरकार द्वारा लगभग 2911 कर्मचारियों को प्रायोजित किया गया है सरकार की कोई स्पष्ट नीति ना होने के कारण उत्तल द्वारा कायदे कानून का ढंग से पालन नहीं किया गया इस कारण इंटरेस्ट नियमितीकरण आदि मामलों में रोड़ा अटका जा रहा है सरकार कोई बीच का रास्ता निकाल कर इनका भविष्य सुरक्षित कर सकती है लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है इसी को लेकर आज तहसील भैरव कर राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन एसडीएम के माध्यम से सौंपा
बाइट_ रघुनाथ सिंह नेगी _अध्यक्ष जन संघर्ष मोर्चा_ पूर्व उपाध्यक्ष जीएमवीएन
बाइट _उपनल कर्मचारी
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