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10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण पर राज्य आंदोलनकारियों की पैरवी दोबारा करे सरकार: रघुनाथ सिंह नेगी - Request to lobby the state agitators

रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि आंदोलनकारी आरक्षण मामले में लचर पैरवी तो खनन मामले में सरकार जबरदस्त पैरवी क्यों कर रही है. सरकार आंदोलनकारी आरक्षण मामले में सरकारी वकीलों को नियुक्त कर रही है. जबकि, खनन कारोबारियों के हितों की पैरवी को सॉलिसिटर जनरल की नियुक्ति. यह दोहरे मानदंड सरकार क्यों अपना रही है.

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जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी.
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Published : Apr 7, 2022, 3:39 PM IST

विकासनगर: जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि कल राज्य आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण मामले में सरकार की तरफ से की गई लचर पैरवी आंदोलनकारियों पर कुठाराघात साबित हुई है. जिसके कारण राज्य आंदोलनकारियों की नौकरी पर बन आई है. उन्होंने कहा कि सरकार को क्षैतिज आरक्षण मामले पर दोबारा पैरवी करनी चाहिए.

रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि आंदोलनकारी आरक्षण मामले में लचर पैरवी तो खनन मामले में सरकार जबरदस्त पैरवी क्यों कर रही है. सरकार आंदोलनकारी आरक्षण मामले में सरकारी वकीलों को नियुक्त कर रही है. जबकि, खनन कारोबारियों के हितों की पैरवी को सॉलिसिटर जनरल की नियुक्ति. यह दोहरे मानदंड सरकार क्यों अपना रही है. नेगी ने कहा कि सरकार मॉडिफिकेशन एप्लीकेशन एवं अपने नोटिफिकेशन को बचाने में नाकामयाब रही यानि सरकार की मंशा आंदोलनकारियों के हितों की रक्षा करना तो कतई नहीं था.

रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि एक तरफ सरकार खनन कारोबारियों के हितों की रक्षा के लिए उच्च न्यायालय नैनीताल में योजित खनन कारोबार से जुड़ी दो जनहित याचिकाएं सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया को विशेष तौर पर पैरवी को आबाद्व किया गया था लेकिन राज्य आंदोलनकारियों के मामले में कोई मजबूत पैरवी नहीं की गई. यानी दिल्ली से किसी बड़े सरकारी वकील को क्यों इंगेज नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि पूर्व में उच्च न्यायालय द्वारा अपने आदेश के द्वारा आरक्षण पर रोक लगा दी गई थी.

पढ़ें- मोरारी बापू की कथा में शामिल हुए CM धामी, डायलिसिस सेंटर का करेंगे लोकार्पण

वहीं, इसी आदेश के खिलाफ वर्ष 2015 में कांग्रेस सरकार द्वारा आंदोलनकारियों के समर्थन में विधेयक पारित कर राजभवन को भेजा गया था लेकिन कई बार मिन्नतें करने के बावजूद भी विधेयक राजभवन में धूल फांक रहा है. ऐसे में जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने सरकार से आंदोलनकारियों के हितों की पैरवी मजबूती से करने की अपील की है.

विकासनगर: जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि कल राज्य आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण मामले में सरकार की तरफ से की गई लचर पैरवी आंदोलनकारियों पर कुठाराघात साबित हुई है. जिसके कारण राज्य आंदोलनकारियों की नौकरी पर बन आई है. उन्होंने कहा कि सरकार को क्षैतिज आरक्षण मामले पर दोबारा पैरवी करनी चाहिए.

रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि आंदोलनकारी आरक्षण मामले में लचर पैरवी तो खनन मामले में सरकार जबरदस्त पैरवी क्यों कर रही है. सरकार आंदोलनकारी आरक्षण मामले में सरकारी वकीलों को नियुक्त कर रही है. जबकि, खनन कारोबारियों के हितों की पैरवी को सॉलिसिटर जनरल की नियुक्ति. यह दोहरे मानदंड सरकार क्यों अपना रही है. नेगी ने कहा कि सरकार मॉडिफिकेशन एप्लीकेशन एवं अपने नोटिफिकेशन को बचाने में नाकामयाब रही यानि सरकार की मंशा आंदोलनकारियों के हितों की रक्षा करना तो कतई नहीं था.

रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि एक तरफ सरकार खनन कारोबारियों के हितों की रक्षा के लिए उच्च न्यायालय नैनीताल में योजित खनन कारोबार से जुड़ी दो जनहित याचिकाएं सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया को विशेष तौर पर पैरवी को आबाद्व किया गया था लेकिन राज्य आंदोलनकारियों के मामले में कोई मजबूत पैरवी नहीं की गई. यानी दिल्ली से किसी बड़े सरकारी वकील को क्यों इंगेज नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि पूर्व में उच्च न्यायालय द्वारा अपने आदेश के द्वारा आरक्षण पर रोक लगा दी गई थी.

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वहीं, इसी आदेश के खिलाफ वर्ष 2015 में कांग्रेस सरकार द्वारा आंदोलनकारियों के समर्थन में विधेयक पारित कर राजभवन को भेजा गया था लेकिन कई बार मिन्नतें करने के बावजूद भी विधेयक राजभवन में धूल फांक रहा है. ऐसे में जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने सरकार से आंदोलनकारियों के हितों की पैरवी मजबूती से करने की अपील की है.

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