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हाई कोर्ट के फैसले पर विपक्ष ने जताई खुशी, नेता प्रतिपक्ष ने कहा- कोर्ट ने सरकार को आईना दिखाया

हाईकोर्ट ने कहा है कि दो से अधिक बच्चे वाले चुनाव लड़ सकेंगे और यह फैसला 25 जुलाई 2019 से लागू होगा. इस तारीख के बाद दो से अधिक बच्चे वाले प्रत्याशी पंचायत चुनाव लड़ने के अयोग्य माने जाएंगे.

जोत सिंह बिष्ट और इंदिरा हृदयेश
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Published : Sep 19, 2019, 5:13 PM IST

Updated : Sep 19, 2019, 8:52 PM IST

देहरादून/हल्द्वानी/काशीपुर: नैनीताल हाई कोर्ट ने दो बच्चों से अधिक वाले उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने के आदेश पर रोक लगा दी है. जन अधिकार मंच ने हाई कोर्ट के इस फैसले पर अपनी खुशी जाहिर की है. सरकार के इस फैसले के खिलाफ जन अधिकार मंच के संयोजक जोत सिंह बिष्ट समेत कई लोगों ने हाई कोर्ट में अलग-अलग याचिका दायर की थी.

जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि नैनीताल हाई कोर्ट का जो फैसला आया है उससे हमारी जीत हुई है. वह हाई कोर्ट के इस फैसले को स्वागत करते है. प्रदेश सरकार ने तानाशाही पूर्ण रवैया अपनाकर गलत निर्णय लेकर पंचायतों पर काबिज होने का प्रयास किया गया था, लेकिन हाई कोर्ट ने उनके हक में फैसला सुनाया और अब दो बच्चों से ज्यादा वाले प्रतिनिधि भी पंचायत चुनाव लड़ सकते हैं.

पढ़ें- अब दो से ज्यादा बच्चे वाले भी लड़ सकेंगे पंचायत चुनाव, हाईकोर्ट ने सरकार के आदेश पर लगाई रोक

कोर्ट ने साफ किया है इस संशोधन को लागू करने की कट ऑफ डेट 25 जुलाई 2019 होगी. मतलब इस तारीख के बाद दो से अधिक बच्चे वाले प्रत्याशी पंचायत चुनाव लड़ने के अयोग्य माने जाएंगे, जबकि 25 जुलाई 2019 से पहले जिसके तीन बच्चे हैं, वह चुनाव लड़ सकते हैं.

हाई कोर्ट के फैसले पर विपक्ष ने जताई खुशी

बता दें कि हाल ही में त्रिवेंद्र सरकार ने इसी साल विधानसभा में पंचायती राज एक्ट संशोधन बिल पास किया था. इस बिल के अनुसार जिनके दो से ज्यादा बच्चे है वो पंचायत चुनाव में हिस्सा नहीं ले सकते है यानि वो पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकते है. सरकार के इस फैसले के खिलाफ कई लोग हाई कोर्ट में चले गए थे.

पढ़ें- पंचायत चुनाव आते ही फर्जी प्रमाण पत्रों का खेल शुरू, जल्दी के चक्कर में ठगे जा रहे प्रत्याशी

नेता प्रतिपक्ष ने किया फैसले का स्वागत
हाई कोर्ट के इस फैसले पर नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने भी स्वागत किया है. हृदयेश ने कहा है कि राज्य सरकार ने आनन फानन ये फैसला लिया था. हाई कोर्ट ने सरकार के फैसले को पलट कर सरकार को आईना दिखाया है.

प्रधान संगठन से जताई खुशी

कालाढूंगी के प्रधान मनोहर लाल ने भी सरकार के इस फैसले के खिलाफ नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. वो भी कोर्ट के फैसले के खुश नजर आ रहे है. मनोहर लाल ने कहा कि हाई कोर्ट से उन्हें न्याय मिला है. कोर्ट ने सरकार की मनमानी के खिलाफ फैसला सुनाया है.

हाई कोर्ट के इस फैसले से कई उम्मीदवारों ने भी राहत की सास ली है. हाई कोर्ट का आदेश आने के बाद ऐसे उम्मीदवार भी नामांकन पत्र लेने पहुंचे रहे है. जिनके दो से ज्यादा बच्चे है.

देहरादून/हल्द्वानी/काशीपुर: नैनीताल हाई कोर्ट ने दो बच्चों से अधिक वाले उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने के आदेश पर रोक लगा दी है. जन अधिकार मंच ने हाई कोर्ट के इस फैसले पर अपनी खुशी जाहिर की है. सरकार के इस फैसले के खिलाफ जन अधिकार मंच के संयोजक जोत सिंह बिष्ट समेत कई लोगों ने हाई कोर्ट में अलग-अलग याचिका दायर की थी.

जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि नैनीताल हाई कोर्ट का जो फैसला आया है उससे हमारी जीत हुई है. वह हाई कोर्ट के इस फैसले को स्वागत करते है. प्रदेश सरकार ने तानाशाही पूर्ण रवैया अपनाकर गलत निर्णय लेकर पंचायतों पर काबिज होने का प्रयास किया गया था, लेकिन हाई कोर्ट ने उनके हक में फैसला सुनाया और अब दो बच्चों से ज्यादा वाले प्रतिनिधि भी पंचायत चुनाव लड़ सकते हैं.

पढ़ें- अब दो से ज्यादा बच्चे वाले भी लड़ सकेंगे पंचायत चुनाव, हाईकोर्ट ने सरकार के आदेश पर लगाई रोक

कोर्ट ने साफ किया है इस संशोधन को लागू करने की कट ऑफ डेट 25 जुलाई 2019 होगी. मतलब इस तारीख के बाद दो से अधिक बच्चे वाले प्रत्याशी पंचायत चुनाव लड़ने के अयोग्य माने जाएंगे, जबकि 25 जुलाई 2019 से पहले जिसके तीन बच्चे हैं, वह चुनाव लड़ सकते हैं.

हाई कोर्ट के फैसले पर विपक्ष ने जताई खुशी

बता दें कि हाल ही में त्रिवेंद्र सरकार ने इसी साल विधानसभा में पंचायती राज एक्ट संशोधन बिल पास किया था. इस बिल के अनुसार जिनके दो से ज्यादा बच्चे है वो पंचायत चुनाव में हिस्सा नहीं ले सकते है यानि वो पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकते है. सरकार के इस फैसले के खिलाफ कई लोग हाई कोर्ट में चले गए थे.

पढ़ें- पंचायत चुनाव आते ही फर्जी प्रमाण पत्रों का खेल शुरू, जल्दी के चक्कर में ठगे जा रहे प्रत्याशी

नेता प्रतिपक्ष ने किया फैसले का स्वागत
हाई कोर्ट के इस फैसले पर नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने भी स्वागत किया है. हृदयेश ने कहा है कि राज्य सरकार ने आनन फानन ये फैसला लिया था. हाई कोर्ट ने सरकार के फैसले को पलट कर सरकार को आईना दिखाया है.

प्रधान संगठन से जताई खुशी

कालाढूंगी के प्रधान मनोहर लाल ने भी सरकार के इस फैसले के खिलाफ नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. वो भी कोर्ट के फैसले के खुश नजर आ रहे है. मनोहर लाल ने कहा कि हाई कोर्ट से उन्हें न्याय मिला है. कोर्ट ने सरकार की मनमानी के खिलाफ फैसला सुनाया है.

हाई कोर्ट के इस फैसले से कई उम्मीदवारों ने भी राहत की सास ली है. हाई कोर्ट का आदेश आने के बाद ऐसे उम्मीदवार भी नामांकन पत्र लेने पहुंचे रहे है. जिनके दो से ज्यादा बच्चे है.

Intro:नैनीताल हाईकोर्ट ने दो बच्चों से अधिक वाले उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने के आदेश पर रोक लगा दी है,। इस मामले में नया गांव कालाढूंगी निवासी मनोहर लाल आर्य जो सिंह बिष्ट घोसिया रहमान सहित कई अन्य लोगों ने अलग-अलग याचिका दायर कर कहा था कि राज्य सरकार की ओर से 2019 में पंचायती राज एक्ट में संशोधन कर दो से अधिक बच्चों वाले उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने से रोका जा रहा है जो कि गलत है। जिसके बाद जन अधिकार मंच ने हाईकोर्ट के फैसले को लेकर खुशी जताई है।

नोट- जन अधिकार मंच के संयोजक जोत सिंह बिष्ट की बाइट मेल से भेजी जा रही है


Body: जन अधिकार मंच के संयोजक जो सिंह बिष्ट ने प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि पंचायत चुनाव को लेकर आज नैनीताल हाई कोर्ट का जो फैसला आया है उससे हमारी जीत हुई है और वह उस फैसले का हाईकोर्ट को धन्यवाद अदा करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा तानाशाही पूर्ण रवैया अपनाकर गलत निर्णय लेकर पंचायतों पर काबिज होने का प्रयास किया गया और यह फरमान सुनाया गया कि 3 बच्चों वाले प्रतिनिधि को चुनाव से वंचित रखने का निर्णय लिया गया लेकिन आज हाईकोर्ट द्वारा जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए 25 जुलाई 2019 से पूर्व हुए 3 बच्चों के माता-पिता को चुनाव लड़ने क्या फैसला सुनाया है। इस फैसले के बाद दो बच्चों की बाध्यता के कारण जो प्रतिनिधि चुनाव लड़ने से वंचित हो रहे थे वह पंचायत चुनाव लड़ सकते हैं।

बाईट- जोत सिंह बिष्ट, संयोजक, जन अधिकार मंच


Conclusion:दरअसल हाईकोर्ट ने कहा है कि 2 से अधिक बच्चों वाले चुनाव लड़ सकेंगे और यह फैसला 25 जुलाई 2019 से लागू होगा इस तारीख के बाद दो से अधिक बच्चे वाले प्रत्याशी चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य माने जाएंगे जबकि 25 जुलाई 2019 से पहले जिम के तीन बच्चे थे वह चुनाव लड़ सकते हैं।
Last Updated : Sep 19, 2019, 8:52 PM IST
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