देहरादून: जागेश्वर मंदिर समूह अपनी वास्तुकला के लिए भी काफी विख्यात है.उत्तराखंड के देव स्थानों में अहम माने जाने वाले जागेश्वर धाम में 125 छोटे-बड़े मंदिरों का समूह है. वहीं पीएम मोदी के सुझाव पर जागेश्वर मंदिर समूह की तस्वीर बदलने वाली है. सूबे की सरकार द्वारा प्रदेश और देश का पहला स्प्रिचुअल इको जोन बनाने जा रही है. जिसके लिए भगवान शिव की तपोभूमि जागेश्वर धाम को चुना गया है.
गौर हो कि देहरादून में ही इंवेस्टर समिट के दौरान पीएम मोदी ने स्प्रिचुअल इको जोन के बारे में बात की थी. पीएम मोदी के इसी सुझाव को प्रदेश सरकार ने गंभीरता से लेते हुए उस दिशा में कार्य करना शुरू कर दिया है. उद्योग विभाग ने प्रदेश और देश का पहला आध्यात्मिक इको जोन बनाने के लिए ऐतिहासिक नगरी अल्मोड़ा जिले के जागेश्वर धाम को चुना है. सरकार की इस पहल से 10 किलोमीटर के दायरे में यह विशेष जोन को संवारा जाएगा. वहीं आध्यात्मिक इको जोन घोषित करने के साथ ही प्रदेश सरकार आध्यात्मिक विकास के लिए रियायतें भी घोषित करेगी.
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जिसे शासन स्तर पर होने वाली एक उच्च स्तरीय बैठक में मुहुर्त रूप दिया जाएगा. वहीं आध्यात्मिक इको जोन बनने से जागेश्वर धाम में धार्मिक और पर्यटन की गतिविधियां और तेज होंगी. जहां आध्यात्म के साथ योग, ध्यान, पंचकर्मा, वेलनेस को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य किया जाएगा. जिससे जागेश्वर धाम प्रदेश और देश का पहला स्प्रिचुअल इको जोन बन जाएगा. वहीं स्प्रिचुअल इको जोन उसे कहते हैं, जब सरकार किसी स्पेशल इकोनॉमिक जोन की घोषणा करती है. वहीं आध्यात्मिक इको जोन को कानून, रियायत की घोषणा करने के साथ ही विशेष छूट देती है.
जागेश्वर धाम का धार्मिक महत्व
प्राचीन मान्यता के अनुसार जागेश्वर धाम भगवान शिव की तपोस्थली है. पुराणों में कहा जाता है कि भगवान शिव यहां ध्यान के लिए आया करते थे. इस स्थान में कर्मकांड, जप, पार्थिव पूजा आदि की जाती है. यहां विदेशी पर्यटक भी खूब आते हैं.
जागेश्वर मंदिर में सभी बड़े देवी देवताओं के मंदिर हैं. मान्यता है कि शिव के महामृत्युंजय रूप वाले मंदिर में जाप करने से मृत्यु तुल्य कष्ट टल जाते हैं. इतिहासकार मानते हैं कि इन मंदिर समूह का निर्माण आठवीं और दसवीं शताब्दी में कत्यूरी और चंद्र शासकों ने बनवाया था. इस स्थल के मुख्य मंदिरों में डंडेश्वर मंदिर, चंडीका मंदिर, कुबेर मंदिर, मृत्युंजय मंदिर, नव दुर्गा मंदिर, नवाग्रह मंदिर, पिरामिड मंदिर शामिल हैं.