देहरादून: विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज आखिरी दिन था. आखिरी दिन विधायकों ने नौकरशाही की मनमानी का मामला सदन में उठाया. इस दौरान भाजपा के विधायक भी वेल में आ गये. नौकरशाही की मनमानी के मामले पर पक्ष और विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की. वहीं, उत्तराखंड विधानसभा का तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र अब अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया है. विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने विपक्ष एवं पक्ष के सभी सदस्यों को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया है. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेशहित एवं जनहित के अनेक विषयों पर सदन में दोनों दलों द्वारा शांति पूर्वक गंभीर चिंतन-मनन किया गया. तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र की कार्रवाई 15 घंटे 42 मिनट तक चली.
उत्तराखंड विधानसभा का सत्र ज एक बार फिर हंगामेदार रहा. आज सत्ता पक्ष के विधायकों ने विशेषाधिकार हनन के मामले को सदन के भीतर उठाया. जिसके बाद सरकार घिरती दिखाई दी. विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि विशेषाधिकार हनन के मामले लगातार बढ़ने जा रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है.
कांग्रेसी विधायक काजी निजामुद्दीन ने कहा सत्ता पक्ष के विधायकों को ही अपने संरक्षण के लिए सदन में मुद्दा उठाना पड़ रहा है, जो खुद से दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा लगातार विधायक अधिकारियों की बेरुखी का खामियाजा भुगत रहे हैं. वहीं, संसदीय कार्य मंत्री बंशीधर भगत ने कहा विधान सभा द्वारा विशेषाधिकार हनन के मामले में कमेटी गठित की गई है. जिसके सदस्यों के नाम भी गिनाए गए हैं, लेकिन विपक्ष पीठ की बात भी नहीं सुनना चाहता.
वहीं, शीतकालीन सत्र के समापन पर संसदीय कार्यमंत्री बंशीधर भगत ने पूरे सदन की ओर से विधानसभा अध्यक्ष का आभार व्यक्त किया. इस मौके पर बंशीधर भगत ने कहा कि उत्तराखण्ड विधानसभा का कार्यकाल अविस्मरणीय रहा है. उन्होंने विधानसभा सचिव व कर्मचारियों, मीडिया कर्मियों का भी आभार व्यक्त किया.
शीतकालीन सत्र के दौरान विधान सभा को 250 प्रश्न प्राप्त हुए. जिसमें स्वीकार 14 अल्पसूचित प्रश्न में 1 उत्तरित, 64 तारांकित प्रश्न में 4 उत्तरित रहे. वहीं, 143 आताराकिंत प्रश्न में 3 उत्तरित किए गए. कुल 24 प्रश्न अस्वीकार एवं पांच विचाराधीन रखे गए. जबकि, 5 याचिकाओं में से सभी याचिका स्वीकृत की गई. नियम 300 में प्राप्त 43 सूचनाओं में से 21 सूचनाएं स्वीकृत, 22 सूचनाएं ध्यानाकर्षण के लिए और नियम 53 में 32 सूचनाओं में 2 स्वीकृत एवं 13 ध्यानाकर्षण के लिए रखी गई. वहीं, नियम-58 में प्राप्त 11 सूचनाओं में 10 को स्वीकृत किया गया. जबकि, नियम 299 में 1 सूचना प्राप्त हुई, जो कि स्वीकृत की गई और नियम 112 में 1 सूचना प्राप्त हुई, जो कि स्वीकृत की गई.
10 विधेयक सदन के पटल से पारित:-
- उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश) लोक सेवा (अधिकरण) (संशोधन) विधेयक, 2021
- उत्तराखण्ड सिविल विधि (संशोधन) विधेयक, 2021
- उत्तराखण्ड कृषि उत्पाद मण्डी (विकास एवं विनियमन)पुनर्जिवित विधेयक, 2021
- उत्तराखण्ड चार धाम देवस्थानम् प्रबन्धन (निरसन) विधेयक, 2021
- उत्तराखण्ड विनियोग (2021-22 का द्वितीय अनुपूरक) विधेयक, 2021
- उत्तराखण्ड पंचायती राज (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश, 2021
- आम्रपाली विश्वविद्यालय विधेयक, 2021
- उत्तराखण्ड नजूल भूमि प्रबंधन, व्यवस्थापन एवं निस्तारण विधेयक, 2021
- सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण (उत्तराखण्ड संशोधन) विधेयक, 2021
- उत्तराखण्ड किरायेदारी विधेयक, 2021
वहीं, इस शीतकालीन सत्र में उत्तराखंड पंचायती राज (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश 2021 पारित हुआ. सत्र के दौरान 27वीं बार ऐसा हुआ कि सदन के भीतर प्रश्नकाल में सदस्यों द्वारा पूछे गए सभी तारांकित प्रश्न निश्चित समायावधि (एक घंटा 20 मिनट) में उत्तरित हुए. वहीं, सत्र के समापन पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा मेरे जीवन का यादगार सफर रहा. उन्होंने अपने 5 साल के कार्य गिनाए और सभी सदस्यों के सहयोग के लिए उनका आभार व्यक्त किया.