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ISBT चौकी इंचार्ज को लापरवाही पड़ी भारी, गढ़वाल DIG ने किया लाइन हाजिर

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Published : Jun 16, 2021, 8:18 PM IST

मारपीट मामले में पीड़ित पक्ष की शिकायत पर 3 दिन बाद मुकदमा दर्ज करना आईएसबीटी चौकी इंचार्ज को भारी पड़ गया. मामले में पीड़ित की शिकायत का संज्ञान लेते हुए गढ़वाल डीआईजी ने आरोपी राजीव धारीवाल को लाइन हाजिर कर दिया है.

गढ़वाल DIG ने किया लाइन हाजिर
गढ़वाल DIG ने किया लाइन हाजिर

देहरादून: आईएसबीटी चौकी इंचार्ज को एक मारपीट मामलें में मुकदमा दर्ज करने में देरी के चलते गढ़वाल डीआईजी नीरू गर्ग ने लाइन हाजिर कर दिया. मारपीट मामले में पीड़ित पक्ष ने डीआईजी से शिकायत की थी कि घटना में पर्याप्त सबूत होने के बावजूद मुकदमा दर्ज करने में लापरवाही बरती गई. इतना ही नहीं चौकी इंचार्ज आईएसबीटी द्वारा आरोपी पक्ष के समझौते का दबाव बनाया गया.

ISBT चौकी इंचार्ज लाइन हाजिर

पीड़ित पक्ष के आरोप की प्रारंभिक जांच में आरोप सही पाते हुए डीआइजी गढ़वाल ने ISBT चौकी इंचार्ज राजीव धारीवाल को लाइन हाजिर कर दिया है. इतना ही नहीं डीआईजी ने पूरे प्रकरण की जांच एसपी सिटी को सुपुर्द कर एक सप्ताह में रिपोर्ट तलब की है.

प्रॉपर्टी विवाद में दो पक्षों में मारपीट

मेहूवाला निवासी इंतजार हुसैन का आरोप है कि संपत्ति विवाद में 16 जून 2021 को आरोपी साजिद सहित अन्य लोगों ने लाठी डंडे से उसके पिता को घायल कर दिया. वहीं, मामले में इंतजार ने आईएसबीटी चौकी इंचार्ज राजीव धारीवाल से इसकी शिकायत की, लेकिन पर्याप्त सबूत होने के बावजूद 3 दिन बाद मुकदमा दर्ज किया.

इतना ही नहीं आरोप है कि आईएसबीटी चौकी इंचार्ज ने पीड़ित पक्ष को आरोपी पक्ष से समझौता करने का दबाव बनाया. मामले में पीड़ित पक्ष ने आईएसबीटी इंचार्ज के खिलाफ डीआईजी कार्यालय में शिकायत किया कि इस जानलेवा घटना में पर्याप्त सबूत होने के बावजूद चौकी इंचार्ज ने मुकदमा दर्ज करने में ना सिर्फ देरी की, बल्कि दर्ज मुकदमा में संगीन धाराएं भी हटा दीं.

ये भी पढ़ें: कोरोना जांच स्कैम: संदेह के घेरे में उत्तराखंड का पूरा कोविड-19 डाटा, कार्यशैली पर उठे सवाल

ISBT चौकी इंचार्ज की सफाई

वहीं, आईएसबीटी चौकी इंचार्ज राजीव धारीवाल के मुताबिक मुकदमा दर्ज करने में 3 दिन की देरी इसलिए हुई. क्योंकि पूरे प्रकरण की जांच उनसे पहले चौकी में तैनात एक उप निरीक्षक कर रहे थे. मामला विवादित होने के कारण वह खुद इस मामले की घटनास्थल पर जांच करने पहुंचे. जहां आरोपी पक्ष द्वारा 8 लोगों पर मारपीट का आरोप लगाया गया था, लेकिन जांच पड़ताल करने पर मुख्य रूप से घायल नवाबुद्दीन के सर के ऊपर वार करने वाले साजिद का नाम सामने आया. ऐसे में जांच तथ्यों के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया. इतना ही नहीं घायल पक्ष के अस्पताल में स्थिति देखते हुए दर्ज मुकदमे में 308 की धारा भी बढ़ाई गई.

देहरादून: आईएसबीटी चौकी इंचार्ज को एक मारपीट मामलें में मुकदमा दर्ज करने में देरी के चलते गढ़वाल डीआईजी नीरू गर्ग ने लाइन हाजिर कर दिया. मारपीट मामले में पीड़ित पक्ष ने डीआईजी से शिकायत की थी कि घटना में पर्याप्त सबूत होने के बावजूद मुकदमा दर्ज करने में लापरवाही बरती गई. इतना ही नहीं चौकी इंचार्ज आईएसबीटी द्वारा आरोपी पक्ष के समझौते का दबाव बनाया गया.

ISBT चौकी इंचार्ज लाइन हाजिर

पीड़ित पक्ष के आरोप की प्रारंभिक जांच में आरोप सही पाते हुए डीआइजी गढ़वाल ने ISBT चौकी इंचार्ज राजीव धारीवाल को लाइन हाजिर कर दिया है. इतना ही नहीं डीआईजी ने पूरे प्रकरण की जांच एसपी सिटी को सुपुर्द कर एक सप्ताह में रिपोर्ट तलब की है.

प्रॉपर्टी विवाद में दो पक्षों में मारपीट

मेहूवाला निवासी इंतजार हुसैन का आरोप है कि संपत्ति विवाद में 16 जून 2021 को आरोपी साजिद सहित अन्य लोगों ने लाठी डंडे से उसके पिता को घायल कर दिया. वहीं, मामले में इंतजार ने आईएसबीटी चौकी इंचार्ज राजीव धारीवाल से इसकी शिकायत की, लेकिन पर्याप्त सबूत होने के बावजूद 3 दिन बाद मुकदमा दर्ज किया.

इतना ही नहीं आरोप है कि आईएसबीटी चौकी इंचार्ज ने पीड़ित पक्ष को आरोपी पक्ष से समझौता करने का दबाव बनाया. मामले में पीड़ित पक्ष ने आईएसबीटी इंचार्ज के खिलाफ डीआईजी कार्यालय में शिकायत किया कि इस जानलेवा घटना में पर्याप्त सबूत होने के बावजूद चौकी इंचार्ज ने मुकदमा दर्ज करने में ना सिर्फ देरी की, बल्कि दर्ज मुकदमा में संगीन धाराएं भी हटा दीं.

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ISBT चौकी इंचार्ज की सफाई

वहीं, आईएसबीटी चौकी इंचार्ज राजीव धारीवाल के मुताबिक मुकदमा दर्ज करने में 3 दिन की देरी इसलिए हुई. क्योंकि पूरे प्रकरण की जांच उनसे पहले चौकी में तैनात एक उप निरीक्षक कर रहे थे. मामला विवादित होने के कारण वह खुद इस मामले की घटनास्थल पर जांच करने पहुंचे. जहां आरोपी पक्ष द्वारा 8 लोगों पर मारपीट का आरोप लगाया गया था, लेकिन जांच पड़ताल करने पर मुख्य रूप से घायल नवाबुद्दीन के सर के ऊपर वार करने वाले साजिद का नाम सामने आया. ऐसे में जांच तथ्यों के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया. इतना ही नहीं घायल पक्ष के अस्पताल में स्थिति देखते हुए दर्ज मुकदमे में 308 की धारा भी बढ़ाई गई.

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