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मसूरी नगर पालिका की जमीन पर अवैध कब्जे की जांच शुरू

मसूरी नगर पालिका की जमीन पर फर्जी रजिस्ट्री कर आउट हाउस और पार्किग निर्माण की जांच शुरू हो गई है.

Mussoorie Municipality
अवैध कब्जे की जांच शुरू
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Published : Jul 17, 2020, 7:57 PM IST

मसूरी: नगर पालिका की जमीन पर फर्जी रजिस्ट्री कर आउट हाउस और पार्किग निर्माण की जांच शुरू हो गई है. विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी के निर्देश के बाद टीम टोटल स्टेशन सर्वे पूरा किया. शक्ति सागर कौशिक सर्वे कांट्रैक्टर के द्वारा सर्वे के अनुसार 7 प्वॉइंट चिन्हित किए गए थे. अधिकारियों की मौजूदगी में 5 प्वॉइंट सत्यापित किए गए. जबकि, 2 प्वॉइंट सर्वे भूगौलिक परिस्थिति को देखते हुए सत्यापित नहीं हो सके. जांच के दौरान 1937 में पालिका द्वारा अधिकृत भूमि के हिस्से पर कब्जे की आशंका जताई जा रही है.

मसूरी नगर पालिका की जमीन पर अवैध कब्जे की जांच शुरू.

नायब तहसीलदार जसपाल राणा ने बताया कि जांच पालिका द्वारा 1937 के भूमि अधिग्रहण के नक्शे के आधार पर किया जा रह है. जिसकी शिकायत पालिका प्रशासन द्वारा गढ़वाल मंडलायुक्त से की गई थी और जांच अंतिम चरण पर है. जांच रिपोर्ट एक सप्ताह के अंदर जिला प्रशासन को सौंप दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें: 'ब्लैक गोल्ड' की बढ़ रही 'चमक', जानिए कैसे तय होती हैं तेल की कीमतें

नायब तहसीलदार के मुताबिक, पालिका की उक्त 759.52 वर्ग मीटर भूमि अभिलेखों के अनुसार वर्ष 1937 में राम सिंह निवासी ग्राम भट्टा से रिक्शा स्टैंड के लिए अधिग्रहित की थी. रघु प्रताप सिंह ने उक्त भूमि की पावर ऑफ अटॉर्नी विकास चंद्रा के नाम 19 जुलाई 2011 को कर दी. विकास चंद्रा ने 9 सितंबर 2011 को संतोष थापली निवास क्यारकुली को जमीन बेच दी.

फिर संतोष थापली ने उक्त जमीन को 22 अगस्त 2014 को होटल वाइट हाउस के मालिक अनिल दहर को बेच दी. अब इस भूमि पर अनिल दहर ने कमरे और पार्किंग का निर्माण कर दिया है. इसी भूमि के कुछ भाग में होटल हाईलैंड के मालिक और गोपाल सिंह चौहान का भी कब्जा है.

मसूरी: नगर पालिका की जमीन पर फर्जी रजिस्ट्री कर आउट हाउस और पार्किग निर्माण की जांच शुरू हो गई है. विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी के निर्देश के बाद टीम टोटल स्टेशन सर्वे पूरा किया. शक्ति सागर कौशिक सर्वे कांट्रैक्टर के द्वारा सर्वे के अनुसार 7 प्वॉइंट चिन्हित किए गए थे. अधिकारियों की मौजूदगी में 5 प्वॉइंट सत्यापित किए गए. जबकि, 2 प्वॉइंट सर्वे भूगौलिक परिस्थिति को देखते हुए सत्यापित नहीं हो सके. जांच के दौरान 1937 में पालिका द्वारा अधिकृत भूमि के हिस्से पर कब्जे की आशंका जताई जा रही है.

मसूरी नगर पालिका की जमीन पर अवैध कब्जे की जांच शुरू.

नायब तहसीलदार जसपाल राणा ने बताया कि जांच पालिका द्वारा 1937 के भूमि अधिग्रहण के नक्शे के आधार पर किया जा रह है. जिसकी शिकायत पालिका प्रशासन द्वारा गढ़वाल मंडलायुक्त से की गई थी और जांच अंतिम चरण पर है. जांच रिपोर्ट एक सप्ताह के अंदर जिला प्रशासन को सौंप दिया जाएगा.

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नायब तहसीलदार के मुताबिक, पालिका की उक्त 759.52 वर्ग मीटर भूमि अभिलेखों के अनुसार वर्ष 1937 में राम सिंह निवासी ग्राम भट्टा से रिक्शा स्टैंड के लिए अधिग्रहित की थी. रघु प्रताप सिंह ने उक्त भूमि की पावर ऑफ अटॉर्नी विकास चंद्रा के नाम 19 जुलाई 2011 को कर दी. विकास चंद्रा ने 9 सितंबर 2011 को संतोष थापली निवास क्यारकुली को जमीन बेच दी.

फिर संतोष थापली ने उक्त जमीन को 22 अगस्त 2014 को होटल वाइट हाउस के मालिक अनिल दहर को बेच दी. अब इस भूमि पर अनिल दहर ने कमरे और पार्किंग का निर्माण कर दिया है. इसी भूमि के कुछ भाग में होटल हाईलैंड के मालिक और गोपाल सिंह चौहान का भी कब्जा है.

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