देहरादून: हरिद्वार जनपद के रुड़की गंगनहर इलाके में दहेज हत्या मामले की जांच विवेचना में साक्ष्य संकलन में लापरवाही बरतते हुए केस फाइल में FR रिपोर्ट लगाने वाली टीम पर निलंबन सहित विभागीय कार्रवाई की गाज गिरी है. पीड़ित पक्ष कि शिकायत का संज्ञान लेते हुए समीक्षा करने पर आरोप सही पाए गए. जिसके बाद डीजीपी अशोक कुमार द्वारा इस दहेज हत्या मामले में लापरवाही बरतने पर तत्कालीन गंगनहर कोतवाली एसएचओ ( इंस्पेक्टर ) और दो सब इंस्पेक्टर रैंक के विवेचक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.
विभागीय जांच के अनुसार जो भी इस केस में संलिप्त पाये जाएंगे उनके खिलाफ की कार्रवाई हो सकती है. इतना ही नहीं अब इस दहेज हत्या मामले में पुनः जांच-विवेचना के लिए हरिद्वार देहात एसपी को जिम्मेदारी देते हुए एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट तलब की गई है. वहीं दूसरी तरफ इस मामले में डीजीपी अशोक कुमार की पहल पर 2 साल से न्याय के लिए भटक रहे बुजुर्ग पीड़ित बुजुर्ग पिता को अपनी बेटी के मौत के मामले में न्याय की आस जगी है.
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2 साल से न्याय के लिए भटकता रहा पीड़ित बुजुर्ग पिता
जानकारी के मुताबिक रुड़की गंगनहर कोतवाली क्षेत्र में दहेज हत्या का मामला 27 अगस्त 2018 का है. जब कविता ने शादी के 4 वर्ष के भीतर आत्महत्या की. इस संबंध में मृतका के पिता राजकुमार जो मूल रूप से उत्तर प्रदेश मुजफ्फरनगर के रहने वाले थे. उन्होंने ससुराल पक्ष पर दहेज की मांग करते हुए धमकी देने का आरोप लगाया था. इस मामले में थाना गंगनहर में धारा 306 506 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. हालांकि इस मामले में शुरू से ही जांच विवेचना में लापरवाही बरतते हुए इस केस में अंतिम रिपोर्ट (FR) कोर्ट में दाखिल कर दी.
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उधर इस मामले में लंबी भागदौड़ कर बीते 19 मार्च 2021 को पीड़ित पिता राजकुमार ने पुलिस मुख्यालय देहरादून आकर डीजीपी अशोक कुमार से मुलाकात कर इस मामले में पुनः जांच विवेचना का शिकायती पत्र दिया. मामले की गंभीरता को देखते हुए डीजीपी अशोक कुमार ने प्रार्थना पत्र का संज्ञान लेते हुए पूरे प्रकरण में संबंधित विवेचक और जांच पड़ताल के सभी दस्तावेजों के साथ पूरी टीम को मुख्यालय समीक्षा के लिए बुलाया. समीक्षा के दौरान पाया गया कि मृतका की मृत्यु शादी के 7 वर्ष के भीतर हुई थी.
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जिस संबंध में तहरीर के आधार पर दहेज हत्या के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर विवेचना की जानी थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इतना ही नहीं मृतका द्वारा वर्ष 2017 में अपने ससुराल पक्ष के खिलाफ यूपी मुजफ्फरनगर महिला थाने में दहेज प्रताड़ना और अन्य संगीन मामलों में मुकदमा दर्ज कराया गया था. पूरे केस में डीजीपी की समीक्षा के दौरान पाया गया कि इस मामले में दर्ज मुकदमे धारा 306 506 आईपीसी के तहत जांच टीम द्वारा घोर लापरवाही दर्शाते हुए केस को रफादफा कर उसकी अंतिम रिपोर्ट (FR) के रूप में कोर्ट में दाखिल की गई.
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इस मामले की समीक्षा के आधार पर डीजीपी अशोक कुमार ने इस केस से संबंधित अधिकारी कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की है.
डीजीपी की पहल से पीड़ित बुजुर्ग पिता को अपनी बेटी मौत प्रकरण में न्याय की उम्मीद
2 साल से अधिक समय से अपने बेटी के मौत मामले में दरबदर भटक रहे बूढ़े पिता को न्याय की आस जगी है. डीजीपी अशोक कुमार ने मामले की गंभीरता को जाते हुए इस दहेज हत्या प्रकरण में न सिर्फ जांच विवेचना करने वाले अधिकारी कर्मचारियों को विभागीय कार्यवाही करते हुए निलंबित किया है. साथ ही पारदर्शिता और निष्पक्षत तरीके से पूरे मामले की जांच हरिद्वार एसपी देहात को सौंपते हुए 1 सप्ताह के भीतर रिपोर्ट तलब की है.