देहरादूनः उत्तराखंड में बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति से सभी वाकिफ हैं. खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी के चलते मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. जिसे देखते हुए उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग पहली बार एनएचएम के माध्यम से सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की भर्ती करने जा रहा है. डॉक्टरों की भर्ती के लिए हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा विश्वविद्यालय में इंटरव्यू चल रहा है. इससे पहले इसके लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों से आवेदन मांगे गए थे.
दरअसल, सरकार ने निजी अस्पतालों की तर्ज पर संविदा पर तैनात विशेषज्ञ डॉक्टरों को ज्यादा वेतन देने की योजना बनाई है. संविदा पर नियुक्त विशेषज्ञ डॉक्टरों को प्रति माह अधिकतम 4 लाख रुपए का वेतन दिया जाएगा. पहाड़ों के सरकारी अस्पतालों में वर्तमान समय में 600 विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद खाली हैं, लेकिन 600 पदों के सापेक्ष मात्र 40 विशेषज्ञ डॉक्टरों ने ही अपनी रुचि दिखाई है. जिनकी इंटरव्यू प्रक्रिया चल रही है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के लिए अभी भी चुनौती बरकरार है कि आखिर कैसे 600 पदों को भरा जाए?
ये भी पढ़ेंः पहाड़ चढ़ेंगे डॉक्टर! 50% ज्यादा मिलेगा मानदेय, स्वास्थ्य व्यवस्था सुधरने की उम्मीद
बता दें कि उत्तराखंड में विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 'यू कोट, वी पे' योजना शुरू की है. जिसमें पहाड़ी क्षेत्रों में सेवाएं देने वाले विशेषज्ञ डॉक्टरों को चार लाख तक का वेतन दिया जाएगा. डॉक्टरों का इंटरव्यू एचएनबी चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति हेमचंद्रा की अध्यक्षता में गठित समिति ले रही है.
वहीं, स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने बताया कि कार्डियोलॉजी विशेषज्ञ, आर्थो विशेषज्ञ, न्यूरो सर्जन विशेषज्ञ, स्त्री रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ, फिजिशियन समेत पदों के लिए इंटरव्यू चल रहा है. जिसमें उत्तराखंड के अलावा अन्य राज्य के डॉक्टर भी शामिल हैं. इंटरव्यू में चयनित डॉक्टरों की सूची स्वास्थ्य विभाग को दी जाएगी. उसके बाद ही इन डॉक्टरों की तैनाती की जाएगी. ऐसे में कुछ हद तक डॉक्टरों की कमी दूर होगी.
ये भी पढ़ेंः नशे में डॉक्टर ने मरीज को दी धमकी, 'सतपाल महाराज यहां आकर थोड़ी ही करेंगे इलाज'