देहरादून: प्रांतीय रक्षक दल के स्थापना दिवस पर पीआरडी जवानों द्वारा मुख्यमंत्री धामी के सामने हंगामा करने के मामले में युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल के विशेष सचिव अमित सिन्हा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए निदेशक जितेंद्र सोनकर के नेतृत्व में इंटरनल जांच बैठा दी है. जांच के बाद पीआरडी जवानों के हंगामा करने की असली वजह को जाना जा सकेगा.
11 दिसंबर को पीआरडी जवानों ने किया था हंगामा: बता दें कि उत्तराखंड प्रांतीय रक्षक दल के स्थापना दिवस के मौके पर निदेशालय, युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल कार्यालय में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में सीएम पुष्कर सिंह धामी, विभागीय मंत्री रेखा आर्य, रायपुर विधायक उमेश शर्मा समेत कई विभागीय अधिकारी मौजूद रहे. वहीं, कार्यक्रम संपन्न होने के बाद पीआरडी जवानों ने जमकर हंगामा किया. यही नहीं, अपनी मांगों को लेकर जवानों ने सीएम धामी को अपना मांग पत्र भी सौंपा था.
मामले की होगी इंटरनल जांच: युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल के विशेष सचिव अमित सिन्हा ने कहा कि संबंधित पीआरडी जवान ने सीएम धामी के सामने ये बात कही थी कि वो बेरोजगार है, लेकिन प्रारंभिक जांच में पता चला कि वो पिछले 15 साल से पीआरडी में नौकरी कर रहा है. लिहाजा, ऐसा लग रहा है कि जवानों द्वारा हंगामा करने का कोई और कारण रहा होगा. जिसके चलते इस मामले की इंटरनल जांच बैठा दी गई है. ऐसे में निदेशक जितेंद्र सोनकर जांचकर रिपोर्ट सौंपेंगे, कि क्या कारण था कि पीआरडी जवानों ने इस तरह से बोला, क्योंकि जवानों ने भ्रष्टाचार की बात कही थी.
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जांच के बाद हंगामे का चलेगा पता: ऐसे में जांच के दौरान ये जानकारी ली जाएगी कि किस बिंदु पर भ्रष्टाचार है. उन्होंने कहा कि जांच में निष्पक्षता नहीं हुई तो अन्य स्तर से जांच कराई जाएगी, लेकिन वो खुद भी पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने कहा कि कोई बड़ी समस्या नहीं है, बल्कि कुछ लोगों की समस्या है, जिनके कुछ निजी हित हैं. ऐसे कुछ जवानों के निजी हित क्या हैं वो जांच के बाद ही पता चल पाएंगे.
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