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Budget 2019: आम बजट को बुद्धिजीवियों ने बताया सकारात्मक और चुनौतीपूर्ण

साल 2019-20 के आम बजट को लेकर बुद्धिजीवियों की अलग- अलग राय है. आम बजट को लेकर वरिष्ठ स्तंभकार सुशील कुमार का कहना है कि इस बजट में किसानों के साथ ही माध्यम वर्ग परिवार, ग्रामीण और उद्यमियों का पूरा ख्याल रखने का प्रयास किया गया है.

आम बजट 2019
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Published : Jul 5, 2019, 11:46 PM IST

देहरादून: केंद्र की मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट आज शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया. इस बजट में एक तरफ टैक्स दरों में कई बदलाव किए गए. इस आम बजट को लेकर कुछ बुद्धिजीवी इसे पूरा कर पाना सरकार के लिए चुनौती बता रहे हैं. वहीं, कुछ इसे सकारात्मक बजट बता रहे हैं.

आम बजट को बुद्धिजीवियों ने बताया सकारात्मक.

बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार के साल 2019-20 के आम बजट को लेकर बुद्धिजीवियों की अलग- अलग राय है. आम बजट को लेकर वरिष्ठ स्तंभकार सुशील कुमार का कहना है कि इस बजट में किसानों के साथ ही माध्यम वर्ग परिवार, ग्रामीण और उद्यमियों का पूरा ख्याल रखने का प्रयास किया गया है. लेकिन वित्तीय वर्ष की समाप्ति में शेष बचे 8 महीनों में इस बजट की सभी बातों पर कैसे अमल किया जाएगा, ये बड़ा सवाल है. वहीं, इसे पूरा कर पाना मोदी सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण होगा.

पढ़ें- जांच तक ही सिमटा फॉरेस्ट गार्ड भर्ती घोटाला, रिपोर्ट पर टिकी हैं नजरें

वहीं, दूसरी तरफ समाजशास्त्री मुकुल उनियाल केंद्र की मोदी सरकार के इस आम बजट को एक बेहतरीन बजट के तौर पर देखते हैं. उनके मुताबिक, ये एक सकारात्मक बजट है. जिसमें महिलाओं को प्रोत्साहित किया गया है. साथ ही किसानों और गरीब तबके के उत्थान का भी पूरा ख्याल रखा गया है.

देहरादून: केंद्र की मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट आज शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया. इस बजट में एक तरफ टैक्स दरों में कई बदलाव किए गए. इस आम बजट को लेकर कुछ बुद्धिजीवी इसे पूरा कर पाना सरकार के लिए चुनौती बता रहे हैं. वहीं, कुछ इसे सकारात्मक बजट बता रहे हैं.

आम बजट को बुद्धिजीवियों ने बताया सकारात्मक.

बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार के साल 2019-20 के आम बजट को लेकर बुद्धिजीवियों की अलग- अलग राय है. आम बजट को लेकर वरिष्ठ स्तंभकार सुशील कुमार का कहना है कि इस बजट में किसानों के साथ ही माध्यम वर्ग परिवार, ग्रामीण और उद्यमियों का पूरा ख्याल रखने का प्रयास किया गया है. लेकिन वित्तीय वर्ष की समाप्ति में शेष बचे 8 महीनों में इस बजट की सभी बातों पर कैसे अमल किया जाएगा, ये बड़ा सवाल है. वहीं, इसे पूरा कर पाना मोदी सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण होगा.

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वहीं, दूसरी तरफ समाजशास्त्री मुकुल उनियाल केंद्र की मोदी सरकार के इस आम बजट को एक बेहतरीन बजट के तौर पर देखते हैं. उनके मुताबिक, ये एक सकारात्मक बजट है. जिसमें महिलाओं को प्रोत्साहित किया गया है. साथ ही किसानों और गरीब तबके के उत्थान का भी पूरा ख्याल रखा गया है.

Intro:देहरादून- केंद्र की मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया। इस बजट में एक तरफ टैक्स दरों में कई बदलाव किए गए । वहीं हर वर्ग का ख्याल रखते हुए भी कुछ खास बातें इस बजट में वित्त मंत्री द्वारा रखी गई। लेकिन क्या इस बजट से बुद्धि जीवी खुश हैं ?




Body:बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार के साल 2019-20 के आम बजट को लेकर बुद्धिजीवियों की अलग- अलग राय है । आम बजट को लेकर वरिष्ठ स्तंभकार सुशील कुमार का कहना है कि इस बजट में किसानों के साथ ही माध्यम वर्ग परिवार , ग्रामीण, और उद्यमियों का पूरा ख्याल रखने का प्रयास किया गया है । लेकिन वित्तीय वर्ष की समाप्ति में शेष बचे 8 महीनों में इस बजट की सभी बातों पर कैसे अमल किया जाएगा यह बढ़ा सवाल है और केंद्र सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती भी ।


byte- सुशील कुमार वरिष्ठ स्तंभकार (Attached here)


Conclusion:वहीं दूसरी तरफ समाजशास्त्री मुकुल उनियाल केंद्र की मोदी सरकार के इस आम बजट को एक बेहतरीन बजट के तौर पर देखते हैं। उनके मुताबिक यह एक सकारात्मक बजट है जिसमें महिलाओं को प्रोत्साहित किया गया है । साथ ही किसानों और ग्रामीणों के उत्थान का भी पूरा ख्याल रखा गया हैं ।

बाइट- मुकुल उनियाल समाजशास्त्री ( sending the byte from mail)
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