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उत्तराखंड में शत्रु संपत्तियां ढूंढने का काम जारी, 69 में से सिर्फ मसूरी में मिली है एक Enemy Property

मसूरी में शत्रु संपत्ति का निरीक्षण किया गया. निरीक्षण के बाद शत्रु संपत्ति के चारों ओर तारबाड़ करने के निर्देश दिये गए हैं. बता दें उत्तराखंड के पांच जिलों में 69 शत्रु संपत्तियों का पता चला है. इनमें से एक की ही सही जानकारी अभी तक पता लग पाई है, वो मसूरी कैमल बैक रोड पर है, जिसका टीम ने निरीक्षण किया.

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मसूरी कैमल बैक रोड पर Enemy Properties
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Published : May 17, 2023, 10:19 AM IST

मसूरी: शत्रु संपत्ति पर केंद्र के सख्त रुख के बाद राज्य सरकार हरकत में आ गई है. उत्तराखंड में जिला प्रशासन को 69 ऐसी संपत्तियों की सूचना मिली है, जिन्हें सरकार ने चिन्हित किया है. इनमें से 68 संपत्तियों का पता नहीं लगा है. केंद्र सरकार की मदद से उनका पता लगाया जा रहा है. इन सभी संपत्तियों की कीमत करोड़ों में है. सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को इन संपत्तियों की जांच का काम प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए हैं. जिसके बाद पहाड़ों की रानी मसूरी में कैमल बैक रोड में 1680 वर्ग मीटर जमीन को चिन्हित करते हुए अपने कब्जे में लिया गया था.

बीते रोज उप सचिव राजेन्द्र कुमार और सर्वेक्षक शत्रु संपत्ति अभिरक्षक प्रशांत सिंह सैनी ने मसूरी में शत्रु संपत्ति का निरीक्षण किया. नायब तहसीलदार विनोद तिवारी ने बताया कि मसूरी कैमल बैक रोड स्थित शत्रु संपत्तियों का स्थलीय निरीक्षण एवं उससे संबंधित अभिलेखों की प्रमाणित प्रतियां सर्वेक्षक, प्रशान्त सिंह सैनी को भारत सरकार के आदेश के बाद उपलब्ध कराई गयी हैं. उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय, भारत सरकार, लखनऊ सेंटर द्वारा अवगत कराया गया है कि पाक नागरिक आरिफा खातून और अमीरा खातून पुत्री चौधरी हैदर हुसैन की सम्पति स्थित भवन दिल-ए-राम-स्टेट, कैमल बैक रोड, मसूरी देहरादून शत्रु सम्पत्ति के संबंध में विस्तृत आख्या मांगी गई थी. जिसके बाद जिलाधिकारी देहरादून के निर्देश के बाद मसूरी में शत्रु सम्पति की विस्तृत रिपोर्ट उपलब्ध कराई गई है.
पढे़ं- Haridwar Encroachment: हरिद्वार में व्यापारियों ने प्रशासन पर लगाए दोहरा व्यवहार करने का आरोप

उन्होंने बताया कि उप सचिव द्वारा मसूरी में पाई गई शत्रु संपति के चारों ओर से तारबाड़ करने के निर्देश दिये गए हैं. शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 तथा भारत रक्षा अधिनियम, 1968 तथा भारत सरकार, नई दिल्ली 10.09.1965 की अधिसूचना के अनुसार भारत में स्थित चल और अचल सम्पत्ति, जो पाकिस्तानी राष्ट्र से सम्बन्धित या उनके नियंत्रण अथवा उनकी ओर से प्रबंधित थी, शत्रु सम्पत्ति मानी जाती है. ऐसी सम्पत्तियों को भारत के शत्रु सम्पत्ति अभिरक्षक में निहित किया गया है.
पढे़ं- कांग्रेसी मेयर और पार्षदों ने लगाए मुख्यमंत्री धामी जिंदाबाद के नारे, इसी आड़ में हटा दिया अतिक्रमण !

बता दें उत्तराखंड के पांच जिलों हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, देहरादून, नैनीताल और अल्मोड़ा में 69 शत्रु संपत्तियों की सूचना है. ये सभी संपत्तियां शहरी क्षेत्रों में हैं. जिसके कारण इनका मूल्य कई सौ करोड़ बताया जा रहा है. देहरादून शहर, मसूरी, नैनीताल शहर और ऊधमसिंह नगर में किच्छा, ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार में भगवानपुर, ज्वालापुर समेत कई स्थानों पर इनके होने की जानकारी सरकार के पास है. इन संपत्तियों पर मौजूदा कब्जे या अतिक्रमण के बारे में सही जानकारी जुटाई जा रही है. प्रशासन की टीम मौके पर जाकर संपत्तियों की जांच कर रही है. 68 शत्रु संपत्तियों के बारे में सरकार के पास जानकारी नहीं है. इस बारे में केंद्र सरकार की मदद ली जा रही है.

मसूरी: शत्रु संपत्ति पर केंद्र के सख्त रुख के बाद राज्य सरकार हरकत में आ गई है. उत्तराखंड में जिला प्रशासन को 69 ऐसी संपत्तियों की सूचना मिली है, जिन्हें सरकार ने चिन्हित किया है. इनमें से 68 संपत्तियों का पता नहीं लगा है. केंद्र सरकार की मदद से उनका पता लगाया जा रहा है. इन सभी संपत्तियों की कीमत करोड़ों में है. सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को इन संपत्तियों की जांच का काम प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए हैं. जिसके बाद पहाड़ों की रानी मसूरी में कैमल बैक रोड में 1680 वर्ग मीटर जमीन को चिन्हित करते हुए अपने कब्जे में लिया गया था.

बीते रोज उप सचिव राजेन्द्र कुमार और सर्वेक्षक शत्रु संपत्ति अभिरक्षक प्रशांत सिंह सैनी ने मसूरी में शत्रु संपत्ति का निरीक्षण किया. नायब तहसीलदार विनोद तिवारी ने बताया कि मसूरी कैमल बैक रोड स्थित शत्रु संपत्तियों का स्थलीय निरीक्षण एवं उससे संबंधित अभिलेखों की प्रमाणित प्रतियां सर्वेक्षक, प्रशान्त सिंह सैनी को भारत सरकार के आदेश के बाद उपलब्ध कराई गयी हैं. उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय, भारत सरकार, लखनऊ सेंटर द्वारा अवगत कराया गया है कि पाक नागरिक आरिफा खातून और अमीरा खातून पुत्री चौधरी हैदर हुसैन की सम्पति स्थित भवन दिल-ए-राम-स्टेट, कैमल बैक रोड, मसूरी देहरादून शत्रु सम्पत्ति के संबंध में विस्तृत आख्या मांगी गई थी. जिसके बाद जिलाधिकारी देहरादून के निर्देश के बाद मसूरी में शत्रु सम्पति की विस्तृत रिपोर्ट उपलब्ध कराई गई है.
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उन्होंने बताया कि उप सचिव द्वारा मसूरी में पाई गई शत्रु संपति के चारों ओर से तारबाड़ करने के निर्देश दिये गए हैं. शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 तथा भारत रक्षा अधिनियम, 1968 तथा भारत सरकार, नई दिल्ली 10.09.1965 की अधिसूचना के अनुसार भारत में स्थित चल और अचल सम्पत्ति, जो पाकिस्तानी राष्ट्र से सम्बन्धित या उनके नियंत्रण अथवा उनकी ओर से प्रबंधित थी, शत्रु सम्पत्ति मानी जाती है. ऐसी सम्पत्तियों को भारत के शत्रु सम्पत्ति अभिरक्षक में निहित किया गया है.
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बता दें उत्तराखंड के पांच जिलों हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, देहरादून, नैनीताल और अल्मोड़ा में 69 शत्रु संपत्तियों की सूचना है. ये सभी संपत्तियां शहरी क्षेत्रों में हैं. जिसके कारण इनका मूल्य कई सौ करोड़ बताया जा रहा है. देहरादून शहर, मसूरी, नैनीताल शहर और ऊधमसिंह नगर में किच्छा, ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार में भगवानपुर, ज्वालापुर समेत कई स्थानों पर इनके होने की जानकारी सरकार के पास है. इन संपत्तियों पर मौजूदा कब्जे या अतिक्रमण के बारे में सही जानकारी जुटाई जा रही है. प्रशासन की टीम मौके पर जाकर संपत्तियों की जांच कर रही है. 68 शत्रु संपत्तियों के बारे में सरकार के पास जानकारी नहीं है. इस बारे में केंद्र सरकार की मदद ली जा रही है.

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