देहरादून: राजनीतिक गलियारों में आमतौर पर एक नेता का दूसरे पार्टी के नेता पर आरोप और प्रत्यारोप लगाने का मामला देखने को मिलता है. लेकिन इन राजनीतिक गलियारों से बाहर राजनेता एक दूसरे के लिए कभी वह कर जाते हैं जो आमतौर पर देखने को नहीं मिलता. यहां हम जिक्र कर रहे हैं नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का. ये बात उस वक्त की है जब सितंबर महीने में कोरोना संक्रमण के दौरान नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था. जानिए, ऐसा क्या हुआ कि इंदिरा हृदयेश ने अनिल बलूनी और संबित पात्रा को धन्यवाद कहा.
नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश को 18 सितंबर के दिन हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जांच में उनमें कोरोना संक्रमण के अलावा निमोनिया की भी पुष्टि हुई. 20 सितंबर को उन्हें इलाज के लिए देहरादून के मैक्स अस्पताल में भर्ती किया गया लेकिन बेड खाली नहीं होने के कारण वे 5 घंटे के भीतर गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल रेफर हुईं.
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हरियाणा के गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश को भर्ती कराने में राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने सहयोग दिया था. इस बात को खुद नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश भी स्वीकार कर चुकी हैं कि जब वह बीमार थी तो गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती करवाने के लिए अनिल बलूनी और संबित पात्रा ने उनका सहयोग किया था.
इंदिरा हृदयेश कहती हैं कि इसके लिए उनके बेटे सुमित ने फोन पर अनिल बलूनी और संबित पात्रा से बात की थी, जिसके बाद दोनों ने आगे आकर इंदिरा के लिए मेदांता अस्पताल में बेड की व्यवस्था की. बकौल इंदिरा हृदयेश, इसके लिए वे अनिल बलूनी और संबित पात्रा को शुक्रिया कह चुकी हैं.