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शराब कांड: इंदिरा हृदयेश की दो टूक, कहा- बयानों से पीड़ितों को रोटी तो नहीं मिलेगी - उत्तराखंड

इंदिरा हृदयेश ने कहा कि सदन में आबकारी मंत्री का भावुक हो जाना महज ढकोसला है. भावनात्मक बात कहकर सरकार इस मुद्दे को टालना चाहती है. पीड़ितों के घरों में अभीतक चूल्हा नहीं जल पाया है. उनके पास राशन तक का कोई प्रबंधन नहीं है.

इंदिरा हृदयेश
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Published : Feb 12, 2019, 7:38 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में बजट सत्र के दूसरा दिन भी हंगामेदार रहा. जहरीली शराब मामले में विपक्ष ने मुख्यमंत्री से आबकारी मंत्री के इस्तीफे की मांग के साथ ही प्रश्नकाल में सरकार पर जमकर आरोपों की बौछार की. वहीं, इस पूरे मामले में नेता प्रतिपक्ष ने सरकार के रुख को असंवेदशील करार दिया है. इंदिरा हृदयेश का कहना है कि सरकार इस पूरे मसले पर महज ढकोसला कर रही है.

उत्तराखंड बजट सत्र के दूसरे दिन भी विपक्ष का रुख जहरीली शराब पीने से हुई मौतों को लेकर सरकार के खिलाफ आक्रमक रहा. ईटीवी भारत के साथ हुई बातचीत में इंदिरा हृदयेश ने कहा कि सरकार का कोई भी बाशिंदा अभीतक तक पीड़ित परिवारों से नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि मुआवजे को लेकर सरकार अभीतक एक भी कदम आगे नहीं बढ़ पाई है.

नेता प्रतिपक्ष ने शराब कांड में सरकार को बताया असंवेदनशील.
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पढ़ें- प्रियंका के रोड शो में हरदा का दिखा जलवा, ऐसी नजदीकी हर किसी को नसीब कहां?

इंदिरा हृदयेश ने कहा कि सदन में आबकारी मंत्री का भावुक हो जाना महज ढकोसला है. भावनात्मक बात कहकर सरकार इस मुद्दे को टालना चाहती है. पीड़ितों के घरों में अभीतक चूल्हा नहीं जल पाया है. उनके पास राशन तक का कोई प्रबंधन नहीं है. ऐसे में जबतक पीड़ित परिवारों को सहयोग नहीं देते तबतक विपक्षी दल होने के नाते हम मसले पर सरकार को घेरे रहेंगे.

वहीं, भगवानपुर से कांग्रेस विधायक ममता राकेश ने सरकार को दलित विरोधी करार दिया है. उन्होंने कहा कि इस घटना में मारे गए अधिकतर लोग दलित समुदाय से आते हैं और मजदूरी कर उनके परिवार का गुजारा चलता था. ऐसे में उन परिवारों का कमाने वाला ही चला गया तो उनके सामने रोजी-रोटी का संकट भी खड़ा हो गया है. सरकार को इन पीड़ित परिवारों की सुध लेने तक का समय नहीं है.

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देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में बजट सत्र के दूसरा दिन भी हंगामेदार रहा. जहरीली शराब मामले में विपक्ष ने मुख्यमंत्री से आबकारी मंत्री के इस्तीफे की मांग के साथ ही प्रश्नकाल में सरकार पर जमकर आरोपों की बौछार की. वहीं, इस पूरे मामले में नेता प्रतिपक्ष ने सरकार के रुख को असंवेदशील करार दिया है. इंदिरा हृदयेश का कहना है कि सरकार इस पूरे मसले पर महज ढकोसला कर रही है.

उत्तराखंड बजट सत्र के दूसरे दिन भी विपक्ष का रुख जहरीली शराब पीने से हुई मौतों को लेकर सरकार के खिलाफ आक्रमक रहा. ईटीवी भारत के साथ हुई बातचीत में इंदिरा हृदयेश ने कहा कि सरकार का कोई भी बाशिंदा अभीतक तक पीड़ित परिवारों से नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि मुआवजे को लेकर सरकार अभीतक एक भी कदम आगे नहीं बढ़ पाई है.

नेता प्रतिपक्ष ने शराब कांड में सरकार को बताया असंवेदनशील.
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इंदिरा हृदयेश ने कहा कि सदन में आबकारी मंत्री का भावुक हो जाना महज ढकोसला है. भावनात्मक बात कहकर सरकार इस मुद्दे को टालना चाहती है. पीड़ितों के घरों में अभीतक चूल्हा नहीं जल पाया है. उनके पास राशन तक का कोई प्रबंधन नहीं है. ऐसे में जबतक पीड़ित परिवारों को सहयोग नहीं देते तबतक विपक्षी दल होने के नाते हम मसले पर सरकार को घेरे रहेंगे.

वहीं, भगवानपुर से कांग्रेस विधायक ममता राकेश ने सरकार को दलित विरोधी करार दिया है. उन्होंने कहा कि इस घटना में मारे गए अधिकतर लोग दलित समुदाय से आते हैं और मजदूरी कर उनके परिवार का गुजारा चलता था. ऐसे में उन परिवारों का कमाने वाला ही चला गया तो उनके सामने रोजी-रोटी का संकट भी खड़ा हो गया है. सरकार को इन पीड़ित परिवारों की सुध लेने तक का समय नहीं है.

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देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में बजट सत्र के दूसरा दिन भी हंगामेदार रहा. जहरीली शराब मामले में विपक्ष ने मुख्यमंत्री से आबकारी मंत्री के इस्तीफे की मांग के साथ ही प्रश्नकाल में सरकार पर जमकर आरोपों की बौछार की. वहीं, इस पूरे मामले में नेता प्रतिपक्ष ने सरकार के रुख को असंवेदशील करार दिया है. इंदिरा हृदयेश का कहना है कि सरकार इस पूरे मसले पर महज ढकोसला कर रही है. 

उत्तराखंड बजट सत्र के दूसरे दिन भी विपक्ष का रुख जहरीली शराब पीने से हुई मौतों को लेकर सरकार के खिलाफ आक्रमक रहा. ईटीवी भारत के साथ हुई बातचीत में इंदिरा हृदयेश ने कहा कि सरकार का कोई भी बाशिंदा अभीतक तक पीड़ित परिवारों से नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि मुआवजे को लेकर सरकार अभीतक एक भी कदम आगे नहीं बढ़ पाई है.

इंदिरा हृदयेश ने कहा कि सदन में आबकारी मंत्री का भावुक हो जाना महज ढकोसला है. भावनात्मक बात कहकर सरकार इस मुद्दे को टालना चाहती है. पीड़ितों के घरों में अभीतक चूल्हा नहीं जल पाया है. उनके पास राशन तक का कोई प्रबंधन नहीं है. ऐसे में जबतक पीड़ित परिवारों को सहयोग नहीं देते तबतक विपक्षी दल होने के नाते हम मसले पर सरकार को घेरे रहेंगे.

वहीं, भगवानपुर से कांग्रेस विधायक ममता राकेश ने सरकार को दलित विरोधी करार दिया है. उन्होंने कहा कि इस घटना में मारे गए अधिकतर लोग दलित समुदाय से आते हैं और मजदूरी कर उनके परिवार का गुजारा चलता था. ऐसे में उन परिवारों का कमाने वाला ही चला गया तो उनके सामने रोजी-रोटी का संकट भी खड़ा हो गया है. सरकार को इन पीड़ित परिवारों की सुध लेने तक का समय नहीं है.  


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