देहरादून: आज पूरा देश भारतीय वायु सेना का 87वां स्थापना दिवस मना रहा है. 8 अक्टूबर 1932 को भारतीय वायु सेना की स्थापना की गई थी. इन 87 सालों में वायु सेना ने अपनी क्षमता से तो तमाम उपलब्धियां हासिल की है. इसके साथ ही केदारघाटी में साल 2013 में आयी भीषण आपदा के दौरान भी केदारनाथ, बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब में फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकालने में भारतीय वायु सेना ने अहम भूमिका निभायी थी. बावजूद इसके उत्तराखंड सरकार ने आपदा, राहत और बचाव कार्य में जुटी वायुसेना को अभीतक भुगतान नहीं किया है.
बता दें, साल 2013 में आपदा के दौरान उत्तराखंड सरकार और वायु सेना के बीच एक समझौता हुआ था. उत्तराखंड नागरिक उड्डयन सचिव दिलीप जावलकर इस बारे में पहले ही बता चुके हैं कि आपदा राहत, और बचाव कार्य के एवज में राज्य सरकार द्वारा वायुसेना को करीब 20 करोड़ रुपये का भुकतान किया जाना था. जिसमें लगभग 17 करोड़ रुपये का भुगतान आपदा विभाग और करीब 3 करोड़ का भुगतान सिविल एविएशन कॉरपोरेशन, उकाडा द्वारा किया जाना है.
पढ़ें- सड़क पर जंग खा रही लाखों की मशीनें, रखवाली कर रहे चौकीदार को बांट दिए लाखों
आपदा के दौरान राहत बचाव कार्य में आये खर्च के भुगतान को लेकर भारतीय वायु सेना ने बीते दिनों उत्तराखंड शासन को पत्र भेजकर अपना हिसाब भी मांगा था. जिसके बाद शासन स्तर पर भुगतान को लेकर हलचल तभी तेज हो गयी थी. लेकिन त्रासदी को 6 साल से ज्यादा का वक्त बीते जाने के बाद भी वायु सेना को भुगतान नहीं हो पाया है. ऐसे में ये भी चिंता का विषय है कि आने वाले समय में अगर आपदा जैसी स्तिथि बनती है तो कहीं वायु सेना अपने हाथ खड़े न कर दे.