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वार्ड बढ़ने से नगर निगम की बढ़ी मुश्किलें, चरमराई सफाई व्यवस्था - मेयर सुनील उनियाल गामा

दून नगर निगम में वार्डों के बढ़ाये जाने के बावजूद कर्मचारियों की संख्या नहीं बढ़ाई गई है. जिसके चलते कार्यरत कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ गई है.

देहरादून नगर निगम.
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Published : Apr 21, 2019, 7:19 PM IST

Updated : Apr 21, 2019, 11:48 PM IST

देहरादूनः परिसीमन के बाद नगर निगम का क्षेत्रफल और आबादी पहले से ज्यादा बढ़ गई है. ऐसे में व्यवस्थाएं दुरुस्त करना नगर निगम के लिए चुनौती बन गया है. वार्ड की संख्या बढ़ने से सफाई कर्मचारियों के ऊपर भी बोझ बढ़ रहा है. 100 वार्डों के हिसाब से कर्मचारियों की संख्या काफी कम होने से सभी वार्डों में सफाई व्यवस्था चरमरा गई है.

जानकारी देते नगर निगम मेयर सुनील उनियाल गामा.


गौर हो कि परिसीमन से पहले नगर निगम में 60 वार्ड थे. जिसके बाद 40 वार्ड और जोड़ दिया गया. जिससे वार्ड़ों की संख्या बढ़कर 100 हो गई है. साथ ही नगर निगम का दायरा भी काफी बढ़ गया है. मानकों की बात करें तो हर वार्ड में कम से कम 20 सफाई कर्मचारी होने चाहिए, लेकिन निगम के पास अभी मात्र 1575 कर्मचारी ही मौजूद हैं. इसमें 754 स्थाई, 620 स्वच्छता समिति, 120 नाला गैंग और 75 रात्रि गैंग कर्मचारी शामिल हैं. जो सौ वार्ड के हिसाब से काफी कम है. ऐसे में सभी वार्डों की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है.

ये भी पढ़ेंः अग्निशमन पखवाड़े की हकीकतः दूसरों को जागरूक करने के चक्कर में खूद ही भूल गए जागरूक होना?

दून नगर निगम में वार्डों के बढ़ाये जाने के बावजूद कर्मचारियों की संख्या नहीं बढ़ाई गई है. जिसके चलते कार्यरत कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ गई है. साथ ही निगम में चुनकर आये पार्षद भी कर्मचारियों को लेकर दबाव बना रहे हैं. बावजूद कर्मचारियों की संख्या नहीं बढ़ाई जा रही है. ऐसा ही हाल रहा तो आने वाले दिनों में वार्डों की हालात काफी खराब हो सकती है. खासतौर पर मॉनसून सीजन में परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं.


वहीं, मामले पर मेयर सुनील उनियाल गामा का कहना है कि नगर निगम का क्षेत्रफल पहले कम था, लेकिन अब 72 गांव शामिल हो किए गये हैं. पहले 65 किलोमीटर का क्षेत्रफल था, वहीं, अब तीन गुना बढ़कर 196.66 किलोमीटर का क्षेत्रफल हो गया है. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाएगी. अभी निगम सीमित संसाधनों के साथ कार्य कर रहा है. वर्तमान में आचार संहिता के कारण कर्मचारी नहीं बढ़ा पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि करीब 600 कर्मचारियों को आउटसोर्स के तहत रखे जाने के लिए चुनाव आयोग से इजाजत मांगी गई है. साथ ही कहा कि निगम में जो गांव शामिल किए गए हैं, उन्हें काफी सुविधाएं दी जा रही है.

देहरादूनः परिसीमन के बाद नगर निगम का क्षेत्रफल और आबादी पहले से ज्यादा बढ़ गई है. ऐसे में व्यवस्थाएं दुरुस्त करना नगर निगम के लिए चुनौती बन गया है. वार्ड की संख्या बढ़ने से सफाई कर्मचारियों के ऊपर भी बोझ बढ़ रहा है. 100 वार्डों के हिसाब से कर्मचारियों की संख्या काफी कम होने से सभी वार्डों में सफाई व्यवस्था चरमरा गई है.

जानकारी देते नगर निगम मेयर सुनील उनियाल गामा.


गौर हो कि परिसीमन से पहले नगर निगम में 60 वार्ड थे. जिसके बाद 40 वार्ड और जोड़ दिया गया. जिससे वार्ड़ों की संख्या बढ़कर 100 हो गई है. साथ ही नगर निगम का दायरा भी काफी बढ़ गया है. मानकों की बात करें तो हर वार्ड में कम से कम 20 सफाई कर्मचारी होने चाहिए, लेकिन निगम के पास अभी मात्र 1575 कर्मचारी ही मौजूद हैं. इसमें 754 स्थाई, 620 स्वच्छता समिति, 120 नाला गैंग और 75 रात्रि गैंग कर्मचारी शामिल हैं. जो सौ वार्ड के हिसाब से काफी कम है. ऐसे में सभी वार्डों की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है.

ये भी पढ़ेंः अग्निशमन पखवाड़े की हकीकतः दूसरों को जागरूक करने के चक्कर में खूद ही भूल गए जागरूक होना?

दून नगर निगम में वार्डों के बढ़ाये जाने के बावजूद कर्मचारियों की संख्या नहीं बढ़ाई गई है. जिसके चलते कार्यरत कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ गई है. साथ ही निगम में चुनकर आये पार्षद भी कर्मचारियों को लेकर दबाव बना रहे हैं. बावजूद कर्मचारियों की संख्या नहीं बढ़ाई जा रही है. ऐसा ही हाल रहा तो आने वाले दिनों में वार्डों की हालात काफी खराब हो सकती है. खासतौर पर मॉनसून सीजन में परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं.


वहीं, मामले पर मेयर सुनील उनियाल गामा का कहना है कि नगर निगम का क्षेत्रफल पहले कम था, लेकिन अब 72 गांव शामिल हो किए गये हैं. पहले 65 किलोमीटर का क्षेत्रफल था, वहीं, अब तीन गुना बढ़कर 196.66 किलोमीटर का क्षेत्रफल हो गया है. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाएगी. अभी निगम सीमित संसाधनों के साथ कार्य कर रहा है. वर्तमान में आचार संहिता के कारण कर्मचारी नहीं बढ़ा पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि करीब 600 कर्मचारियों को आउटसोर्स के तहत रखे जाने के लिए चुनाव आयोग से इजाजत मांगी गई है. साथ ही कहा कि निगम में जो गांव शामिल किए गए हैं, उन्हें काफी सुविधाएं दी जा रही है.

Intro:देहरादून के नगर निगम का क्षेत्रफल और आबादी पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है।लेकिन सुविधा और संसाधनों की यदि बात करें तो वह वही की वही है। वार्ड बढ़ने की सबसे बड़ी मार सफाई कर्मचारियों के ऊपर पड़ी है।100 वार्डों के हिसाब से कर्मचारियों की संख्या बहुत कम है जिस कारण लगभग सभी वार्डों में सफाई व्यवस्था भी चरमरा गई है।लेकिन नगर निगम दावा कर रहा है कि वार्ड बढ़ने पर भी काफी सुविधाएं दी जा रही है।


Body:नगर निगम में 60 वार्ड में 40 वार्ड ओर जोड़ कर बढ़ा कर 100 वार्ड कर दिए गए थे।जिस कारण नगर निगम का दायरा भी काफी बढ़ गया है।और मानकों की बात करे तो हर वार्ड में कम से कम 20 सफाई कर्मचारी होने चाइए।लेकिन अभी मात्र 1575 ही कर्मचारी है।इसमे 754 स्थाई,620 स्वच्छता समिति,120 नाला गैंग ओर 75 रात्रि गैंग कर्मचारी है।सौ वार्ड के हिसाब से कर्मचारियों की संख्या बहुत कम है।जिस कारण लगभग सभी वार्डो की सफाई व्यवस्था भी चरमरा गई है।जिस हिसाब से वार्ड बढ़ाये गए है उस हिसाब से कर्मचारियों की संख्या नही बढ़ाई गई है।जिसके चलते वर्तमान में कार्यरत्त कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ गई है।साथ ही जो पार्षद निगम में चुन कर आये है वे सभी कर्मचारियों को लेकर दबाव बना रहे है।और अगर कर्मचारियों की संख्या नही बढ़ाई जाती है तो आने वाले समय मे वार्डो की हालात बहुत खराब हो जायेगी।


Conclusion:वहीं इस पर मेयर सफाई दे रहे हैं कि नगर निगम का क्षेत्रफल पहले कम था लेकिन अब 72 गांव शामिल होने के साथ ही नगर निगम का पहले 65 किलोमीटर का क्षेत्रफल था लेकिन अब 196 .66 किलोमीटर का क्षेत्रफल होने के बाद इसका क्षेत्रफल 3 गुना बढ़ गया है।लेकिन कर्मचारियों की संख्या नहीं बढ़ पाई है बावजूद इसके निगम सीमित संसाधनों के साथ कार्य कर रहा है।जो कि वर्तमान में आचार संहिता लगी हुई है जिसके चलते कर्मचारी नहीं बढ़ पा रहे हैं।लेकिन अब लगभग 600 कर्मचारियों को आउटसोर्स के तहत रखे जाने के लिए चुनाव आयोग से इजाजत मांगी गई है।मेयर का यह भी कहना है कि निगम में जो गांव शामिल किए गए हैं उन्हें काफी सुविधाएं भी दी जा रही है।

बाइट-सुनील उनियाल गामा(मेयर,देहरादून)
Last Updated : Apr 21, 2019, 11:48 PM IST
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