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मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का शुभारम्भ, प्रवासियों के हुनर को मिलेगी पहचान

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का शुभारम्भ किया. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस योजना की जानकारी गांव-गांव तक पहुंचाई जाए ताकि युवा इस योजना का लाभ उठा सकें.

Dehradun
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना’’ का हुआ शुभारम्भ
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Published : May 28, 2020, 7:59 PM IST

देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का शुभारम्भ किया. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस योजना की जानकारी गांव-गांव तक पहुंचाई जाए, ताकि युवा इस योजना का लाभ उठा सकें. जन प्रतिनिधियों और जिलास्तरीय अधिकारियों के माध्यम से योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, इस योजना के तहत लाभार्थियों को लोन लेने में कोई समस्या न हो इसके लिए जिलाधिकारी बैंकर्स से समन्वय करें.

बता दें, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना राज्य के उद्यमशील युवाओं और कोविड-19 के कारण उत्तराखंड वापस लौटे लोगों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्घ कराने के उद्देश्य से शुरू की गई है. इससे कुशल और अकुशल दस्तकार, हस्तशिल्पि और बेरोजगार युवा खुद के व्यवसाय के लिए प्रोत्साहित होंगे. राष्ट्रीयकृत बैंकों, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और सहकारी बैंकों के माध्यम से ऋण सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. राज्य सरकार द्वारा रिवर्स पलायन के लिए किए जा रहे प्रयासों में योजना महत्वपूर्ण सिद्ध होगी.

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मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना’’ का हुआ शुभारम्भ

मार्जिन मनी होगी अनुदान के रूप में समायोजित

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में राष्ट्रीयकृत बैंकों, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, सहकारी बैंकों के माध्यम से सभी पात्र विनिर्माणक, सेवा और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए वित्त पोषित किया जाएगा. एमएसएमई विभाग द्वारा योजना के अन्तर्गत मार्जिन मनी की धनराशि अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी. विनिर्माण क्षेत्र में परियेाजना की अधिकतम लागत 25 लाख रुपए और सेवा व व्यवसाय क्षेत्र के लिए अधिकतम लागत 10 लाख रुपए होगी.

पढ़े- उत्तराखंड बीजेपी ने नियुक्त किए जिला और मोर्चा प्रभारी

एमएसएमई नीति के अनुसार वर्गीकृत श्रेणी A में मार्जिन मनी की अधिकतम सीमा कुल परियोजना लागत का 25 प्रतिशत, श्रेणी B में 20 प्रतिशत तथा C व D श्रेणी में कुल परियोजना लागत का 15 प्रतिशत तक मार्जिन मनी के रूप में देय होगी. उद्यम के 02 वर्ष तक सफल संचालन के बाद मार्जिन मनी, अनुदान के रूप में समायोजित की जाएगी. योजना के अंतर्गत सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों द्वारा परियोजना लागत का 10 प्रतिशत, जबकि विशेष श्रेणी के लाभार्थियों को कुल परियोजना लागत का 05 प्रतिशत स्वयं के अंशदान के रूप में जमा करना होगा.

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में पात्रता की शर्तें और योग्यता

इस योजना के अंतर्गत आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए. शैक्षिक योग्यता की बाध्यता नहीं है. योजना के अंतर्गत उद्योग, सेवा और व्यवसाय क्षेत्र में वित्त पोषण सुविधा उपलब्ध होगी. आवेदक अथवा उसके परिवार के सदस्य को योजना के तहत केवल एक बार लाभान्वित किया जाएगा. लाभार्थियों का चयन अधिक आवेदन प्राप्त होने पर प्रोजेक्ट वायबिलिटी को देखते हुए ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर किया जाएगा.

आवेदन की प्रक्रिया और योजना का क्रियान्वयन

आवेदक, महाप्रबंधक और जिला उद्योग केंद्रों में ऑनलाइन और मैनुअल आवेदन कर सकते हैं. योजना के क्रियान्वयन के लिए एमएसएमई विभाग के नियंत्रणाधीन उद्योग निदेशालय, उत्तराखंड नोडल विभाग होगा. योजना का क्रियान्वयन जिला स्तर पर जिला उद्योग केंद्र द्वारा किया जाएगा.

देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का शुभारम्भ किया. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस योजना की जानकारी गांव-गांव तक पहुंचाई जाए, ताकि युवा इस योजना का लाभ उठा सकें. जन प्रतिनिधियों और जिलास्तरीय अधिकारियों के माध्यम से योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, इस योजना के तहत लाभार्थियों को लोन लेने में कोई समस्या न हो इसके लिए जिलाधिकारी बैंकर्स से समन्वय करें.

बता दें, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना राज्य के उद्यमशील युवाओं और कोविड-19 के कारण उत्तराखंड वापस लौटे लोगों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्घ कराने के उद्देश्य से शुरू की गई है. इससे कुशल और अकुशल दस्तकार, हस्तशिल्पि और बेरोजगार युवा खुद के व्यवसाय के लिए प्रोत्साहित होंगे. राष्ट्रीयकृत बैंकों, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और सहकारी बैंकों के माध्यम से ऋण सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. राज्य सरकार द्वारा रिवर्स पलायन के लिए किए जा रहे प्रयासों में योजना महत्वपूर्ण सिद्ध होगी.

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मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना’’ का हुआ शुभारम्भ

मार्जिन मनी होगी अनुदान के रूप में समायोजित

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में राष्ट्रीयकृत बैंकों, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, सहकारी बैंकों के माध्यम से सभी पात्र विनिर्माणक, सेवा और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए वित्त पोषित किया जाएगा. एमएसएमई विभाग द्वारा योजना के अन्तर्गत मार्जिन मनी की धनराशि अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी. विनिर्माण क्षेत्र में परियेाजना की अधिकतम लागत 25 लाख रुपए और सेवा व व्यवसाय क्षेत्र के लिए अधिकतम लागत 10 लाख रुपए होगी.

पढ़े- उत्तराखंड बीजेपी ने नियुक्त किए जिला और मोर्चा प्रभारी

एमएसएमई नीति के अनुसार वर्गीकृत श्रेणी A में मार्जिन मनी की अधिकतम सीमा कुल परियोजना लागत का 25 प्रतिशत, श्रेणी B में 20 प्रतिशत तथा C व D श्रेणी में कुल परियोजना लागत का 15 प्रतिशत तक मार्जिन मनी के रूप में देय होगी. उद्यम के 02 वर्ष तक सफल संचालन के बाद मार्जिन मनी, अनुदान के रूप में समायोजित की जाएगी. योजना के अंतर्गत सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों द्वारा परियोजना लागत का 10 प्रतिशत, जबकि विशेष श्रेणी के लाभार्थियों को कुल परियोजना लागत का 05 प्रतिशत स्वयं के अंशदान के रूप में जमा करना होगा.

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में पात्रता की शर्तें और योग्यता

इस योजना के अंतर्गत आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए. शैक्षिक योग्यता की बाध्यता नहीं है. योजना के अंतर्गत उद्योग, सेवा और व्यवसाय क्षेत्र में वित्त पोषण सुविधा उपलब्ध होगी. आवेदक अथवा उसके परिवार के सदस्य को योजना के तहत केवल एक बार लाभान्वित किया जाएगा. लाभार्थियों का चयन अधिक आवेदन प्राप्त होने पर प्रोजेक्ट वायबिलिटी को देखते हुए ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर किया जाएगा.

आवेदन की प्रक्रिया और योजना का क्रियान्वयन

आवेदक, महाप्रबंधक और जिला उद्योग केंद्रों में ऑनलाइन और मैनुअल आवेदन कर सकते हैं. योजना के क्रियान्वयन के लिए एमएसएमई विभाग के नियंत्रणाधीन उद्योग निदेशालय, उत्तराखंड नोडल विभाग होगा. योजना का क्रियान्वयन जिला स्तर पर जिला उद्योग केंद्र द्वारा किया जाएगा.

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