ऋषिकेश: वीरभद्र रेलवे स्टेशन पर हुई कथित दुष्कर्म की वारदात ने जीआरपी और रेलवे पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है. पुलिस मामले की तहकीकात का दावा कर रही है. हैरानी की बात यह है कि जांच-पड़ताल की अहम कड़ी सीसीटीवी कैमरे ही रेलवे स्टेशन पर लगे ही नहीं हैं. लिहाजा, घटना की हकीकत जानने में अब जीआरपी और आरपीएफ की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन में वीरभद्र रेलवे स्टेशन भी शामिल है. हाल में ऋषिकेश में योगनगरी रेलवे स्टेशन के साथ इस स्टेशन का भी नवनिर्माण किया गया है. दो सौ करोड़ रुपए से भी ज्यादा खर्च के बावजूद स्टेशन पर सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम सीसीटीवी कैमरे तक नहीं हैं. इसकी पुष्टि खुद स्टेशन मास्टर दौलत राम ने की है.
मंगलवार को सामने आई घटना में पुलिस सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से वारदात की सच्चाई जानने का दावा जरूर कर रही है, जबकि, हकीकत में स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरे हैं ही नहीं. स्टेशन के आसपास कोई व्यवसायिक प्रतिष्ठान भी नहीं हैं, जिससे अब जांच में जीआरपी और आरपीएफ अधिकारियों की परेशानियां बढ़ सकती हैं. सिर्फ इतना नहीं, योगनगरी रेलवे स्टेशन पर जीआरपी और आरपीएफ की चौकी के बावजूद इस तरह की वारदात तैनात जवानों और अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर रही है.
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बता दें वीरभद्र रेलवे स्टेशन पर एक युवती के साथ कथित गैंगरेप का मामला सामने आया है. दरसअल वीरभद्र स्टेशन पर गार्ड को एक युवती बेहोशी की हालत में मिली. युवती के नशीले पदार्थ के सेवन की आशंका रही. होश में आने पर पूछताछ में युवती ने बताया कि उसके साथ स्टेशन पर ही रात में कुछ लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया. युवती उत्तर प्रदेश की रहने वाली है. युवती के परिवार से फोन पर बातचीत हुई तो उन्होंने पुलिस को बताया कि उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं है. मामले में जीआरपी के जांच अधिकारी आरोपियों की पहचान करने और सीसीटीवी कैमरों को खंगालने की बात कह रहे हैं, मगर वीरभद्र रेलवे स्टेशन पर एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं है. जिससे आने वाले दिनों में इस मामले की जांच में परेशानियां आ सकती हैं