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विधायक यौन शोषण केस: DNA टेस्ट पर पुलिस ने पीड़िता का पकड़ा झूठ

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Published : Sep 2, 2020, 10:17 PM IST

देहरादून पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि पीड़ित महिला ने अपने बच्चे का डीएनए टेस्ट कराने का जो दावा किया था, वह पूरी तरह से झूठा निकला है. जिसके बाद उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग पीड़ित महिला पर कार्रवाई करने जा रहा है.

mahesh negi sexual case
विधायक यौन शोषण केस

देहरादून: पुलिस ने द्वाराहाट से बीजेपी विधायक महेश नेगी पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला का बड़ा झूठ पकड़ा है. देहरादून पुलिस द्वारा उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग को भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक पीड़ित महिला ने जिस अस्पताल में अपने बच्चे और पति का डीएनए टेस्ट कराने का दावा किया था. वह पूरी तरह से गलत है.

जानकारी डीआईजी देहरादून.

बता दें, विधायक नेगी पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला ने दावा किया था कि उसने यूपी के शामली स्थित सरकारी हॉस्पिटल में 27 जुलाई 2020 को डीएनए टेस्ट कराया था. बच्चे के डीएनए का रिपोर्ट पति के डीएनए से मैच नहीं हुआ.

mahesh negi sexual case
शामली के अस्पताल द्वारा जारी पत्र.

जब पुलिस ने पूरे मामले की जांच शामली स्थित सरकारी अस्पताल में की तो पता चला कि बच्ची का जन्म जरूर अस्पताल में हुआ था. लेकिन पीड़िता ने किसी प्रकार का कोई टेस्ट अस्पताल में नहीं कराया है. वहीं, इस मामले में शामली सरकारी अस्पताल चिकित्सा अधीक्षक के मुताबिक किसी भी डीएनए टेस्ट जांच के लिए कोर्ट का आदेश जरूरी होता है. जिसके बाद डीएनए टेस्ट अधिकृत मेडिकल कॉलेज लखनऊ भेजा जाता है. लेकिन इस मामले में कोई डीएनए टेस्ट नहीं किया गया है.

DNA टेस्ट पर पुलिस ने पीड़िता का पकड़ा झूठ.

ये भी पढ़ें: महेश नेगी यौन शौषण मामला: राज्य महिला आयोग पीड़िता को भेजेगा समन

वहीं, पूरे मामले में उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग अब पीड़ित महिला के खिलाफ कार्रवाई करने जा रही है. आयोग के मुताबिक महिला द्वारा अपनी बच्ची और पति-पत्नी का डीएनए गैरकानूनी रूप से कराने के नाम पर झूठे तथ्य प्रस्तुत करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

पूरे मामले में देहरादून डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने कहा कि मामला बेहद गंभीर है. ऐसे में अभी तक जांच के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जा रही है. ऐसे में अगले 10 दिनों के भीतर जांच कर चार्जशीट तैयार कर ली जाएगी.

देहरादून: पुलिस ने द्वाराहाट से बीजेपी विधायक महेश नेगी पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला का बड़ा झूठ पकड़ा है. देहरादून पुलिस द्वारा उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग को भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक पीड़ित महिला ने जिस अस्पताल में अपने बच्चे और पति का डीएनए टेस्ट कराने का दावा किया था. वह पूरी तरह से गलत है.

जानकारी डीआईजी देहरादून.

बता दें, विधायक नेगी पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला ने दावा किया था कि उसने यूपी के शामली स्थित सरकारी हॉस्पिटल में 27 जुलाई 2020 को डीएनए टेस्ट कराया था. बच्चे के डीएनए का रिपोर्ट पति के डीएनए से मैच नहीं हुआ.

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शामली के अस्पताल द्वारा जारी पत्र.

जब पुलिस ने पूरे मामले की जांच शामली स्थित सरकारी अस्पताल में की तो पता चला कि बच्ची का जन्म जरूर अस्पताल में हुआ था. लेकिन पीड़िता ने किसी प्रकार का कोई टेस्ट अस्पताल में नहीं कराया है. वहीं, इस मामले में शामली सरकारी अस्पताल चिकित्सा अधीक्षक के मुताबिक किसी भी डीएनए टेस्ट जांच के लिए कोर्ट का आदेश जरूरी होता है. जिसके बाद डीएनए टेस्ट अधिकृत मेडिकल कॉलेज लखनऊ भेजा जाता है. लेकिन इस मामले में कोई डीएनए टेस्ट नहीं किया गया है.

DNA टेस्ट पर पुलिस ने पीड़िता का पकड़ा झूठ.

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वहीं, पूरे मामले में उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग अब पीड़ित महिला के खिलाफ कार्रवाई करने जा रही है. आयोग के मुताबिक महिला द्वारा अपनी बच्ची और पति-पत्नी का डीएनए गैरकानूनी रूप से कराने के नाम पर झूठे तथ्य प्रस्तुत करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

पूरे मामले में देहरादून डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने कहा कि मामला बेहद गंभीर है. ऐसे में अभी तक जांच के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जा रही है. ऐसे में अगले 10 दिनों के भीतर जांच कर चार्जशीट तैयार कर ली जाएगी.

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