देहरादून: उत्तराखंड की संस्कृति, यहां की परम्पराएं पहाड़ों की तरह ही विशाल हैं. वो अलग बात है कि आज की पीढ़ी इन सभ्यताओं को भूल रही है. लेकिन चमोली जिले के गोपेश्वर में रहने वाले कैलाश भट्ट ऐसे शख्स हैं जिन्होंने उत्तराखंड की पारंपरिक पहचान टोपी को न केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचाया है, बल्कि सदी के महानायक अमिताभ बच्चन से लेकर अन्ना हजारे और कई मुख्यमंत्रियों को भी टोपी भेंट की है. इसके साथ ही भट्ट ने विदेशों तक भी पहाड़ी टोपी को पहुंचाने का काम किया है.
कैलाश भट्ट गोपेश्वर के रहने वाले हैं. वैसे तो कैलाश भट्ट के हाथों की बनी टोपी को उत्तराखंड में हर कोई जानता है, लेकिन यह टोपी उस वक्त चर्चाओं में आई जब राष्ट्रपति रहते हुए प्रणब मुखर्जी बदरीनाथ और केदारनाथ के दौरे पर आए थे. कुछ समय बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बदरीनाथ धाम पहुंचे थे. उस वक्त मंदिर समिति ने कैलाश भट्ट के हाथों की बनी टोपी को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट की थी.
कैलाश भट्ट कहते हैं कि यह उत्तराखंड और पहाड़ी संस्कृति का सौभाग्य है कि सदी के महानायक तक उनकी बनाई टोपी पहुंची है और यह इसलिए भी संभव हो पाया, क्योंकि उनके दोस्त धर्मेंद्र भट्ट हाल ही में केबीसी के सेट पर पहुंचे थे और उन्हीं के माध्यम से उन्होंने यह टोपी अमिताभ बच्चन के पास भिजवाई थी. बताया जाता है कि इस टोपी को पाकर अमिताभ बच्चन ने न केवल उसकी तारीफ की, बल्कि टोपी के बारे में धर्मेंद्र भट्ट ने उन्हें कई तरह के किस्से और कहानियां भी सुनाईं.
कैलाश भट्ट बताते हैं कि वैसे तो यह काम वह पिछले कई सालों से कर रहे हैं, लेकिन इस टोपी को बनाने का काम उन्होंने पहली बार तब किया था जब उत्तराखंड के गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी ने उन्हें विशेष टोपी बनाने का आग्रह किया. जब उन्होंने यह टोपी बनाई तो उनको भी नहीं मालूम था कि यह टोपी इतनी प्रसिद्ध हो जाएगी. उन्होंने बताया कि इस काम को उनके पूर्वज भी पहले से करते आए हैं.
भट्ट ने बताया कि इस टोपी में उन्होंने कुछ बदलाव जरूर किए हैं. आज नरेंद्र सिंह नेगी, पद्मश्री जागर सम्राट डॉ. प्रीतम भरतवाण से लेकर कई बड़े उत्तराखंड के कलाकार भी उनकी बनाई हुई टोपी पहने रखते हैं. कैलाश भट्ट की मानें तो अब तक वह देश-विदेश में इस टोपी को कई बड़े नेताओं अभिनेताओं को भेंट कर चुके हैं.
कैलाश भट्ट बताते हैं कि यह टोपी इसलिए भी औरों से अलग है, क्योंकि इस टोपी की सिलाई में न केवल पहाड़ों को दर्शाया गया है बल्कि गंगा और यमुना की तरह ही सिलाई की गई है. आज उनका परिवार इसी टोपी की बदौलत रोजी रोटी चला रहा है.
इस टोपी के ब्रांड एम्बेसडर नरेंद्र सिंह नेगी हैं और उनके बाद इस टोपी को श्रीलंका के राष्ट्रपति और मंत्रिमंडल को भी भेजा गया था, जिन्होंने इस टोपी को धारण भी किया. इतना ही नहीं, आज उनकी टोपी जापान, मस्कट, दुबई जैसे बड़े देशों में भी सैकड़ों की तादाद में जा रही है.
समाजसेवी अन्ना हजारे, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अलावा कई बॉलीवुड की फिल्मों में भी उनके परिधानों का इस्तेमाल किया गया है. कैलाश भट्ट बताते हैं कि वह अपने उत्तराखंड के परिधानों से यहां की संस्कृति को बचाने के लिए काम कर रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि उनकी यह मेहनत एक दिन जरूर सफल होगी.