देहरादून: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने आयुष चिकित्सकों को ऑपरेशन के अधिकार दिए जाने के विरोध में भूख हड़ताल किए जाने की तैयारी कर ली है. इसी कड़ी में आईएमए चिकित्सकों ने 1 तारीख से लेकर 14 फरवरी तक चरणबद्ध तरीके से आंदोलन के जाने की चेतावनी दी है.
आईएमए के समन्वयक डॉ संजीव उप्रेती का कहना है कि एक तारीख से आरंभ होने वाले आंदोलन के तहत प्रत्येक ब्रांच में 10-10 चिकित्सक अलग-अलग दिनों में भूख हड़ताल पर बैठेंगे, जबकि बाकी जिलों की अधिकतर ब्रांचों में एक या दो दिन चिकित्सक आंदोलन के जरिए सरकार को अपना विरोध दर्ज कराएंगे. डॉ उप्रेती ने कहा आयुर्वेदिक चिकित्सकों को सर्जरी की अनुमति दी गई है, लेकिन दिक्कत यह है कि सर्जरी के बाद एलोपैथी की दवाओं का इस्तेमाल भी किया जाएगा. जिसका ज्ञान आयुर्वेदिक चिकित्सकों को नहीं है.
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दूसरी समस्या रक्त को लेकर है, जिसमें आयुर्वेदिक चिकित्सकों को रक्त देने की मनाही है. उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक चिकित्सक अपने क्षेत्र में प्रैक्टिस करें, जिस पर आईएमए में चिकित्सकों को कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन वे एलोपैथी दवाओं का इस्तेमाल करेंगे, जिसका ज्ञान उन्हें ही नहीं है. ऐसे में आयुष चिकित्सकों को ऑपरेशन का अधिकार दिया जाना देश की जनता के साथ खिलवाड़ है.
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दरअसल, मिक्सोपैथी के खिलाफ आईएमए से जुड़े चिकित्सकों ने प्रदेश भर में 1 से 14 फरवरी तक भूख हड़ताल किए जाने का ऐलान किया है. आईएमए के चिकित्सकों का कहना है कि इस दौरान आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी.