मसूरी: मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (Mussoorie Dehradun Development Authority) और वन विभाग की लापरवाही के कारण शहर में धड़ल्ले से अवैध खनन और निर्माण कार्य किए जा रहे हैं. स्थानीय लोगों की ओर से शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिससे लोगों में रोष है. साथ ही लोगों का कहना है कि मसूरी में दिनदहाड़े अवैध खनन और निर्माण कार्य बिना अधिकारियों की मिलीभगत के नहीं हो सकते हैं. ऐसे में जीरो टॉलरेंस की भाजपा सरकार पर सवाल खडे़ हो रहे हैं.
लोगों का कहना है कि अधिकारियों पर सरकार की पकड़ नहीं है और जो नियम बनाए गए हैं, वह मात्र गरीबों के लिए होते हैं. भू-माफिया, खनन माफिया बेखौफ होकर अवैध निर्माण और अवैध खनन कर रहे हैं. मसूरी के पहाड़ियों का सीना जेसीबी मशीन से चीरा जा रहा है. पेड़ों को मलबे में दफन किया जा रहा है. लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं. इससे साफ है कि यह वन विभाग और मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण के अधिकारी बड़े भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. लोगों ने जिम्मेदार अधिकारियों की संपत्तियों व अन्य जांच करने की मांग की है.
बता दें कि, मसूरी में इन दिनों अवैध निर्माण धड़ल्ले से किया जा रहा है. वहीं पहाड़ पर नगर पालिका द्वारा खड़ी पहाड़ियों पर प्लेंथ दिखा कर मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण द्वारा नक्शे पास किए जा रहे हैं. जिससे मसूरी का हराभरा जंगल नष्ट हो रहा है. अगर इसे समय पर रोका नहीं गया तो मसूरी कंक्रीट के जंगल में तब्दील हो जाएगी.
मसूरी स्प्रिंग रोड के पास मसूरी नगर पालिका द्वारा पुश्ते के निर्माण के बहाने भू-माफिया द्वारा पहाड़ों को जेसीबी मशीन से काटा जा रहा है. वहीं ग्रीन बेल्ट पर यह जगह होने के बावजूद भी अवैध खनन और निर्माण जोरों पर है. वहीं जेसीबी मशीन को संचालित करने के लिए भू-माफिया द्वारा किसी प्रकार की अनुमति भी नहीं ली गई है.
पढ़ें: आज होगी साल की पहली कैबिनेट मीटिंग, इस मुद्दों पर बड़ा फैसला ले सकती है धामी सरकार
मसूरी डीएफओ कहकशां नसीम ने बताया कि स्प्रिंग रोड के पास भंडारी निवास के पास हो रहे निर्माण पालिका के द्वारा कराया जा रहा है. वहां पूर्व में पालिका का पुश्ता गिरा था. पुश्ता निर्माण के दौरान पहाड़ की जेसीबी की माध्यम से खुदाई कर दी गई है और मलबा सड़क नीचे खाई में डाल दिया गया है. वहां कई हरे भरे पेड़ को काट कर मलबे में दफन कर दिया हैं. वन विभाग की टीम मौके पर पर भेजी गई है और विभाग द्वारा तत्काल कार्रवाई करते हुए फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट (Forest Conservation Act) के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर सीजेएम कोर्ट भेजा गया है. वहां काम को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है. खनन या खुदान करने के लिए जिलाधिकारी स्तर से अनुमति ली जाती है. अगर इस तरीके की अनुमति उनके पास नहीं है तो अवैध खनन और निर्माण को लेकर वह जल्द उच्च अधिकारी से पत्राचार करेंगे.