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देहरादून में अतिक्रमण पर खूब हुआ हल्ला किस काम का, फिर सज गईं दुकानें

कोर्ट के आदेश के बाद शहर भर में प्रशासन ने अतिक्रमणकारियों से अतिक्रमण मुक्त कराया था, लेकिन इस पर कार्रवाई के बाद हालत एक बार फिर से पहले की तरह हो गया है. अतिक्रमण हटाने के बाद दुकानदारों ने दोबारा से अतिक्रमण कर लिया है.

देहरादून में अवैध अतिक्रमण
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Published : Apr 20, 2019, 5:51 PM IST

देहरादूनः राजधानी देहरादून में अवैध अतिक्रमण बढ़ता ही जा रहा है. अतिक्रमण होने से राहगीरों को काफी फजीहत का सामना करना पड़ रहा है. आये दिन लोगों को जाम से दो चार होना पड़ रहा है. दुकानदार और रेहड़ी-फड़ वालों ने शहर की सड़कों पर अपना डेरा डाला हुआ है. वहीं, मामले पर प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है. इतना ही नहीं नगर निगम सड़कें पीडब्ल्यूडी का होने का हवाला देकर पल्ला झाड़ती नजर आ रही है.

राजधानी की सड़कों पर फिर हुआ अतिक्रमण.


बता दें कि कोर्ट के आदेश के बाद शहर भर में अतिक्रमण हटाया गया था. जिसमें कई जगह अतिक्रमणकारियों से अतिक्रमण मुक्त कराया था, लेकिन इस पर कार्रवाई के बाद हालत एक बार फिर से पहले की तरह हो गया है. अतिक्रमण हटाने के बाद दुकानदारों ने दोबारा से अतिक्रमण कर लिया है. आलम ये है कि दुकानदार अपने सामानों को फुटपाथ पर सजा कर रख रहे हैं. जिससे लोगों को सड़क पर जान जोखिम में डालकर चलना पड़ रहा है. ऐसे में कोई हादसा होने से इनकार नहीं किया जा सकता है.

ये भी पढ़ेंः चारधाम यात्रा बनी पुलिस के लिए चुनौती, DGLO ने कहा - चुनाव की वजह से यात्रा को नहीं होने देंगे प्रभावित

वहीं, नगर निगम आयुक्त विनय शंकर पांडे का कहना है कि उच्च न्यायालय में जनहित याचिका पर आदेश मिलने के बाद अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया गया था. इस अभियान में पीडब्ल्यूडी को नोडल विभाग बनाया गया था. उन्होंने बताया कि शहर की सभी सड़कें पीडब्ल्यूडी विभाग के अधीन हैं. जबकि नगर निगम में कोई सड़क नहीं आती है. ऐसे में नगर निगम और एमडीडीए विभाग केवल सहायक विभाग के तौर पर ही अतिक्रमण हटाने का काम कर सकते हैं. साथ ही कहा कि चुनाव के मद्देनजर सभी फोर्स व्यस्त चल रही हैं. शहर में बढ़ते अतिक्रमण की जानकारी पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के संज्ञान में है. जल्द ही अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा.

देहरादूनः राजधानी देहरादून में अवैध अतिक्रमण बढ़ता ही जा रहा है. अतिक्रमण होने से राहगीरों को काफी फजीहत का सामना करना पड़ रहा है. आये दिन लोगों को जाम से दो चार होना पड़ रहा है. दुकानदार और रेहड़ी-फड़ वालों ने शहर की सड़कों पर अपना डेरा डाला हुआ है. वहीं, मामले पर प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है. इतना ही नहीं नगर निगम सड़कें पीडब्ल्यूडी का होने का हवाला देकर पल्ला झाड़ती नजर आ रही है.

राजधानी की सड़कों पर फिर हुआ अतिक्रमण.


बता दें कि कोर्ट के आदेश के बाद शहर भर में अतिक्रमण हटाया गया था. जिसमें कई जगह अतिक्रमणकारियों से अतिक्रमण मुक्त कराया था, लेकिन इस पर कार्रवाई के बाद हालत एक बार फिर से पहले की तरह हो गया है. अतिक्रमण हटाने के बाद दुकानदारों ने दोबारा से अतिक्रमण कर लिया है. आलम ये है कि दुकानदार अपने सामानों को फुटपाथ पर सजा कर रख रहे हैं. जिससे लोगों को सड़क पर जान जोखिम में डालकर चलना पड़ रहा है. ऐसे में कोई हादसा होने से इनकार नहीं किया जा सकता है.

ये भी पढ़ेंः चारधाम यात्रा बनी पुलिस के लिए चुनौती, DGLO ने कहा - चुनाव की वजह से यात्रा को नहीं होने देंगे प्रभावित

वहीं, नगर निगम आयुक्त विनय शंकर पांडे का कहना है कि उच्च न्यायालय में जनहित याचिका पर आदेश मिलने के बाद अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया गया था. इस अभियान में पीडब्ल्यूडी को नोडल विभाग बनाया गया था. उन्होंने बताया कि शहर की सभी सड़कें पीडब्ल्यूडी विभाग के अधीन हैं. जबकि नगर निगम में कोई सड़क नहीं आती है. ऐसे में नगर निगम और एमडीडीए विभाग केवल सहायक विभाग के तौर पर ही अतिक्रमण हटाने का काम कर सकते हैं. साथ ही कहा कि चुनाव के मद्देनजर सभी फोर्स व्यस्त चल रही हैं. शहर में बढ़ते अतिक्रमण की जानकारी पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के संज्ञान में है. जल्द ही अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा.

Intro:उत्तराखंड की राजधानी दून पर्यटक स्थान के साथ साथ देवभूमि के कारण जाना जाता है।कभी यहाँ नारा था कि स्वच्छ दून सुन्दर दून लेकिन विडम्बना कह सकते है की आज शहर अतिक्रमण की मार से दुर्दशा झेल रहा है।जगह जगह रेहड़ी फड़ लगाने वालों ने सड़क को घेर रखा है।ओर नगर निगम भी शहर में होने वाले अतिक्रमण पर पल्ला झाड़ रहा है।क्योंकि शहर की सभी सड़के पीडब्ल्यूडी की है।ओर सभी अतिक्रमण पीडब्ल्यूडी की सड़क पर हो रखा है।


Body:कोर्ट के आदेश के बाद शहर भर में अतिक्रमण हटाया गया था लेकिन विभाग द्वारा अतिक्रमण हटाने के बाद दुकानदारों ने दोबारा से अतिक्रमण कर लिया।अब यह बहुत बड़ी विडंबना है कि अतिक्रमण के शहर की हालत खस्ता हो गई है।शहर की सभी सड़को पर आप अतिक्रमण देख सकते है।साथ ही शहर की सभी सड़के पीडब्ल्यूडी विभाग के अंतर्गत आती है।जिसमे नगर निगम भी अपना पल्ला झाड़ रहा है और सिर्फ सहायक विभाग के तौर पर काम अतिक्रमण हटाने की बात कहता है।हालांकि आचार सहिंता लगने बाद पीडब्ल्यूडी विभाग और नगर निगम के अधिकारी के साथ कर्मचारी सभी चुनाव में व्यस्त हो गए।ओर दुकानदारों ने चुनाव का फायदा उठाते हुए शहर की सभी सड़को पर अतिक्रमण कर डाला।


Conclusion:नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि उच्च न्यायालय में जनहित याचिका पर आदेश मिलने पर अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया गया था।और इस अभियान में पीडब्ल्यूडी को नोडल विभाग बनाया गया था।शहर की क्षेत्रों में जितने भी मुख्य सड़के आती है वह सभी पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आती है बल्कि नगर निगम में कोई भी सड़क नहीं आती है।और अतिक्रमण हटाने में चाहे नगर निगम या फिर एमडीडीए विभाग हो हम सिर्फ सहयोग के तौर पर ही काम करते हैं।साथ ही चुनाव होने के कारण सभी फोर्स व्यस्त चल रही है।और शहर में बढ़ते अतिक्रमण की जानकारी पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के संज्ञान में है और जल्दी ही अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया जाएगा।

बाइट-विनय शंकर पांडे(नगर आयुक्त)
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