देहरादूनः राजधानी देहरादून में अवैध अतिक्रमण बढ़ता ही जा रहा है. अतिक्रमण होने से राहगीरों को काफी फजीहत का सामना करना पड़ रहा है. आये दिन लोगों को जाम से दो चार होना पड़ रहा है. दुकानदार और रेहड़ी-फड़ वालों ने शहर की सड़कों पर अपना डेरा डाला हुआ है. वहीं, मामले पर प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है. इतना ही नहीं नगर निगम सड़कें पीडब्ल्यूडी का होने का हवाला देकर पल्ला झाड़ती नजर आ रही है.
बता दें कि कोर्ट के आदेश के बाद शहर भर में अतिक्रमण हटाया गया था. जिसमें कई जगह अतिक्रमणकारियों से अतिक्रमण मुक्त कराया था, लेकिन इस पर कार्रवाई के बाद हालत एक बार फिर से पहले की तरह हो गया है. अतिक्रमण हटाने के बाद दुकानदारों ने दोबारा से अतिक्रमण कर लिया है. आलम ये है कि दुकानदार अपने सामानों को फुटपाथ पर सजा कर रख रहे हैं. जिससे लोगों को सड़क पर जान जोखिम में डालकर चलना पड़ रहा है. ऐसे में कोई हादसा होने से इनकार नहीं किया जा सकता है.
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वहीं, नगर निगम आयुक्त विनय शंकर पांडे का कहना है कि उच्च न्यायालय में जनहित याचिका पर आदेश मिलने के बाद अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया गया था. इस अभियान में पीडब्ल्यूडी को नोडल विभाग बनाया गया था. उन्होंने बताया कि शहर की सभी सड़कें पीडब्ल्यूडी विभाग के अधीन हैं. जबकि नगर निगम में कोई सड़क नहीं आती है. ऐसे में नगर निगम और एमडीडीए विभाग केवल सहायक विभाग के तौर पर ही अतिक्रमण हटाने का काम कर सकते हैं. साथ ही कहा कि चुनाव के मद्देनजर सभी फोर्स व्यस्त चल रही हैं. शहर में बढ़ते अतिक्रमण की जानकारी पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के संज्ञान में है. जल्द ही अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा.