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इस बार प्रतिनियुक्ति को लेकर चर्चाओं में वन विभाग, डेप्यूटेशन और मूल विभाग दोनों में जिम्मेदारी संभाल रहे अधिकारी

उत्तराखंड वन विभाग एक बार फिर से चर्चाओं में है. इस बार मामला आईएफएस अधिकारी की प्रतिनियुक्ति से जुड़ा है. यहां आईएफएस अधिकारी को डेप्यूटेशन के साथ मूल विभाग की भी जिम्मेदारी दी गई है, जिससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

IFS officer Sushant Patnaik
इस बार प्रतिनियुक्ति को लेकर चर्चाओं में वन विभाग
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Published : May 5, 2023, 1:20 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड वन विभाग में नियुक्ति को लेकर अजब हाल है. यहां अधिकारी को प्रतिनियुक्ति भी दी जा रही है और मूल विभाग में जिम्मेदारी से भी नवाजा जा रहा है. दरअसल, हाल ही में आईएफएस अफसर सुशांत पटनायक को पर्यावरण विभाग में प्रतिनियुक्ति दी गई लेकिन, हैरत की बात यह है कि मूल विभाग में भी गढ़वाल चीफ का पद उनके पास बना हुआ है.

वन विभाग में नियुक्तियों को लेकर यूं तो हमेशा विवाद बना रहता है, इसके कई मामले हाईकोर्ट तक भी पहुंचे. अब एक नया मामला आईएफएस अधिकारी की प्रतिनियुक्ति से जुड़ा है. जहां इस अधिकारी को पर्यावरण विभाग में प्रतिनियुक्ति पर तो भेज दिया गया लेकिन मूल विभाग में मौजूद जिम्मेदारी को वापस नहीं लिया गया. इस तरह देखा जाए तो आईएफएस अधिकारी सुशांत पटनायक अब न केवल पर्यावरण विभाग में प्रतिनियुक्ति पर हैं, बल्कि मूल विभाग में भी हैं. बता दें प्रतिनियुक्ति के दौरान अधिकारी को मूल विभाग से एनओसी लेनी होती है. इसके बाद उसे विभाग रिलीव भी करता है.
पढ़ें-टिहरी डैम से बदल रही भौगोलिक स्थिति, नजदीक आ रहे पहाड़, मूवमेंट ने बढ़ाई ग्रामीणों की बेचैनी

वैसे इस मामले में प्रतिनियुक्ति स्टेट स्तर की है. लिहाजा, नियमों को लेकर भिन्नता होना संभव है. उधर विभाग में पिछले दिनों आईएफएस अधिकारियों की आपसी लड़ाई के कारण सिविल सर्विस बोर्ड की बैठक भी नहीं हो पाई. इसे भी आईएफएस अधिकारी सुशांत पटनायक के मूल विभाग में प्रभारी गढ़वाल चीफ के तौर पर जिम्मेदारी बनाए रखने की वजह बताया जा रहा है. सवाल यह भी उठ रहा है कि प्रभारी के तौर पर ही क्या वन विभाग में ही किसी बड़े अफ़सर को यह जिम्मेदारी फिलहाल नहीं दी जा सकती थी. जाहिर है कि यह सवाल सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करेंगे.

मामले को लेकर विभागीय मंत्री सुबोध उनियाल और विभागीय सचिव से भी बातचीत की गई. उनकी तरफ से फिलहाल व्यवस्था बनाए रखने के लिए और सिविल सर्विस बोर्ड की बैठक होने तक प्रभारी के तौर पर आईएफएस सुशांत पटनायक को जिम्मेदारी दिए जाने की बात कही गई है.

देहरादून: उत्तराखंड वन विभाग में नियुक्ति को लेकर अजब हाल है. यहां अधिकारी को प्रतिनियुक्ति भी दी जा रही है और मूल विभाग में जिम्मेदारी से भी नवाजा जा रहा है. दरअसल, हाल ही में आईएफएस अफसर सुशांत पटनायक को पर्यावरण विभाग में प्रतिनियुक्ति दी गई लेकिन, हैरत की बात यह है कि मूल विभाग में भी गढ़वाल चीफ का पद उनके पास बना हुआ है.

वन विभाग में नियुक्तियों को लेकर यूं तो हमेशा विवाद बना रहता है, इसके कई मामले हाईकोर्ट तक भी पहुंचे. अब एक नया मामला आईएफएस अधिकारी की प्रतिनियुक्ति से जुड़ा है. जहां इस अधिकारी को पर्यावरण विभाग में प्रतिनियुक्ति पर तो भेज दिया गया लेकिन मूल विभाग में मौजूद जिम्मेदारी को वापस नहीं लिया गया. इस तरह देखा जाए तो आईएफएस अधिकारी सुशांत पटनायक अब न केवल पर्यावरण विभाग में प्रतिनियुक्ति पर हैं, बल्कि मूल विभाग में भी हैं. बता दें प्रतिनियुक्ति के दौरान अधिकारी को मूल विभाग से एनओसी लेनी होती है. इसके बाद उसे विभाग रिलीव भी करता है.
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वैसे इस मामले में प्रतिनियुक्ति स्टेट स्तर की है. लिहाजा, नियमों को लेकर भिन्नता होना संभव है. उधर विभाग में पिछले दिनों आईएफएस अधिकारियों की आपसी लड़ाई के कारण सिविल सर्विस बोर्ड की बैठक भी नहीं हो पाई. इसे भी आईएफएस अधिकारी सुशांत पटनायक के मूल विभाग में प्रभारी गढ़वाल चीफ के तौर पर जिम्मेदारी बनाए रखने की वजह बताया जा रहा है. सवाल यह भी उठ रहा है कि प्रभारी के तौर पर ही क्या वन विभाग में ही किसी बड़े अफ़सर को यह जिम्मेदारी फिलहाल नहीं दी जा सकती थी. जाहिर है कि यह सवाल सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करेंगे.

मामले को लेकर विभागीय मंत्री सुबोध उनियाल और विभागीय सचिव से भी बातचीत की गई. उनकी तरफ से फिलहाल व्यवस्था बनाए रखने के लिए और सिविल सर्विस बोर्ड की बैठक होने तक प्रभारी के तौर पर आईएफएस सुशांत पटनायक को जिम्मेदारी दिए जाने की बात कही गई है.

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