देहरादून: गर्मियों में सूरज की तपिश बढ़ते के साथ ही सांपों का आतंक भी बढ़ने लगता है. गर्मियों में कही भी आपका सामना सांप से हो सकता है. क्योंकि उत्तराखंड के मैदानी इलाके में इन दिनों सबसे ज्यादा सांप देखने जाने की घटनाएं सामने आती है. आज हम आपकों बताएंगे की यदि इस दौरान आपका सामना कही भी सांप से हो जाए तो उसके कैसे बजा जाए?
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सबसे पहले देखे सांप का रंग
सांप और नाग का नाम सुनते ही शरीर का रोम-रोम खड़ा हो जाता है और सांप की फुफकार अच्छे-अच्छों की हालात बिगाड़ देता है. लेकिन कभी आपका सामना सांप से हो जाए तो सबसे पहले सांप का रंग देखना चाहिए, शायद आपका डर 50 फीसदी तक कम हो जाए.
जी हां, सांप कितना जहरीला है इसका अंदाजा उसका रंग देखकर लगाया जा सकता है. विशेषज्ञों के मुताबिक उत्तराखंड में पाए जाने वाला सांप यदि काले रंग का है तो तुरंत सतर्क हो जाना चाहिए. अगर सांप काले रंग का नहीं है तो डरने की कोई जरूरत नहीं.
विशेषज्ञों के अनुसार सांप दो तरह के होते है एक वो जो जहरीले होते है, जो किसी के लिए भी खतरनाक साबित हो सकते है, जबकि दूसरे जहरीले नहीं होते हैं, जिन से इंसानों को कोई खतरा नहीं होता है. उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में कॉमन कोबरा, रसल वाइपर और कॉमन करैत जैसे काले रंग के जहरीले सांप पाए जाते हैं, जो बहुत खतरनाक होते है. बाकि सांप काले रंग के नहीं होते है, जिनसे आपको डरने की जरुरत नहीं है.
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सांप से बचने का तरीका
गर्मियों में सांप से आपका सामना कही भी हो सकता है. गर्मी से बचने से लिए सांप रिहायशी इलाको का रूख करते हैं. अक्सर आपने देखा इन दिनों सांप घर के कौने में, स्टोर रूम में, गार्डन में पेड़ की नीचे और कोई भी ऐसी जगह जहां उन्हें ठंडक महसूस हो, वहां मिल जाएंगे. कभी-कभी सांप आप की कार और बाइक की सीटों के नीचे भी बैठे हुए मिल जाते है. लेकिन आपको इससे डरने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं हैं.
अक्सर हम सांप को देखते ही डर जाते हैं और उस पर हमला करते है या फिर घबराकर सांप को चोट पहुंचाने की कोशिश करते है. लेकिन हमे ऐसा नहीं करना चाहिए.
इस बारे में क्विक रेस्क्यू टीम (QRT) सदस्य अरशद ने बताया कि ज्यादातर सांप खतरनाक नहीं होते हैं. ऐसे में हमें सबसे पहले सांप की पहचान करनी चाहिए. सांप को भागने या मारने के लिए उस पर हमला न करें, बल्कि उस पर नजर बनाए रखें और इसकी जानकारी इमरजेंसी नंबर 108 या फिर वन विभाग द्वारा अधिकृत QRT टीम (9523963139) को फोन पर दें और रेस्क्यू टीम का इंतजार करें. अरशद मुताबिक गर्मियों के दिनों में अपने घर के आसपास सफाई रखें, चूहों की मौजूदगी घर में न होने दे और सफर करते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि अपनी गाड़ी को झाड़ी के पास खड़ी ना करें.
हर रोज इनका होता है सांप से सामना
वन विभाग की क्विक रिस्पांस टीम में काम करने वाले अरशद का हर दिन कई सांपों से सामना होता हैं. अरशद झारखंड के रहने वाले हैं और वन्यजीवों खासतौर से सांपों से बेहद प्यार करते हैं. उन्होंने इसका अध्ययन भी किया है.
अरशद ने बताया कि वह पिछले कुछ सालों से देहरादून में सांपों का रेस्क्यू करने का काम कर रहे हैं और इस दौरान तमाम तरह की चौंकाने वाली घटनाएं उनको देखने को मिली. अरशद ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि एक बार 13 फ्लोर ऊपर पानी की टंकी, लेंजर सुरक्षा के भीतर रखे सोने और पैसों से भरे बैंक के लॉकर के अलावा महंगी-महंगी गाड़ियों से भी उन्होंने सांप का रेस्क्यू किया है. इसके अवाला उत्तराखंड राजभवन से भी उन्होंने सांपों को रेस्क्यू किया है.
जरुरत पड़ने पर ही जहर खर्च करता सांप
अरशद ने बताया कि सांप इंसान को जबतक कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है, जबतक उसे इंसान से कोई खतरा महसूस न हो. खासतौर से जहरीले सांप, क्योंकि उनका जहर उसी तरह से होता है जिस तरह हमारे पर्स में रखे हुए रुपए. बहुत जरूरत पड़ने पर ही पर ही सांप अपने जहर को खर्च करता है.
इस साल 120 सांपों का कर चुके है रेस्क्यू
अरशद के मुताबिक इस साल वे अभीतक 120 से ज्यादा सांपो का रेस्क्यू कर चुके है. जिनमें से 25 से ज्यादा खतरनाक सांप कोबरा और रेट स्नेक जैसे थे. इसके अलावा धामण सांप सबसे ज्यादा पकड़े गए हैं, जोकि इंसानों के लिए कम खतरनाक और चूहों पर सबसे ज्यादा आकर्षित होते हैं. इसके अलावा करैत सांप जो सबसे खतरनाक है ये सांप बरसात की शुरुवात में दिखना शुरू हो जाते है.
चार धाम यात्रा में रखे विशेष ध्यान
7 मई से चारधाम यात्रा शुरू होने जा रही है. इस दौरान यात्री प्राकृतिक सौंदर्य का लुफ्त उठाने के लिए सड़क किनारे जंगलों के पास अपने वाहन खड़े कर देते है. ऐसे में सांप कभी भी गाड़ी के अदर घुस सकता है. इस दौरान यात्रियों को विशेष एहतियात बरतनी चाहिए. क्योंकि कई घटनाएं इस बात की गवाह है कि जमीन पर रेंगने वाले सांप मौका पाते ही गाड़ियों में घुस जाते हैं. ऐसे में आपको सांपों के प्रति जागरूक होना चाहिए.