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रंग से करें जहरीले सांपों की पहचान, इस तरह से आप भी कर सकते हैं बचाव

सांप कितना जहरीला है इसका अंदाजा उसका रंग देखकर लगाया जा सकता है.

Toxic snakes
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Published : May 1, 2019, 6:32 PM IST

देहरादून: गर्मियों में सूरज की तपिश बढ़ते के साथ ही सांपों का आतंक भी बढ़ने लगता है. गर्मियों में कही भी आपका सामना सांप से हो सकता है. क्योंकि उत्तराखंड के मैदानी इलाके में इन दिनों सबसे ज्यादा सांप देखने जाने की घटनाएं सामने आती है. आज हम आपकों बताएंगे की यदि इस दौरान आपका सामना कही भी सांप से हो जाए तो उसके कैसे बजा जाए?

रंग से करें जहरीले सांपों की पहचान

पढ़ें- 84 दिनों से हड़ताल पर पटवारी संघ, आय प्रमाण-पत्र बनवाने में हो रही परेशानी

सबसे पहले देखे सांप का रंग

सांप और नाग का नाम सुनते ही शरीर का रोम-रोम खड़ा हो जाता है और सांप की फुफकार अच्छे-अच्छों की हालात बिगाड़ देता है. लेकिन कभी आपका सामना सांप से हो जाए तो सबसे पहले सांप का रंग देखना चाहिए, शायद आपका डर 50 फीसदी तक कम हो जाए.

जी हां, सांप कितना जहरीला है इसका अंदाजा उसका रंग देखकर लगाया जा सकता है. विशेषज्ञों के मुताबिक उत्तराखंड में पाए जाने वाला सांप यदि काले रंग का है तो तुरंत सतर्क हो जाना चाहिए. अगर सांप काले रंग का नहीं है तो डरने की कोई जरूरत नहीं.

विशेषज्ञों के अनुसार सांप दो तरह के होते है एक वो जो जहरीले होते है, जो किसी के लिए भी खतरनाक साबित हो सकते है, जबकि दूसरे जहरीले नहीं होते हैं, जिन से इंसानों को कोई खतरा नहीं होता है. उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में कॉमन कोबरा, रसल वाइपर और कॉमन करैत जैसे काले रंग के जहरीले सांप पाए जाते हैं, जो बहुत खतरनाक होते है. बाकि सांप काले रंग के नहीं होते है, जिनसे आपको डरने की जरुरत नहीं है.

पढ़ें- चेकिंग के दौरान मित्र पुलिस ने 2 युवकों को पीटा, वीडियो VIRAL

सांप से बचने का तरीका
गर्मियों में सांप से आपका सामना कही भी हो सकता है. गर्मी से बचने से लिए सांप रिहायशी इलाको का रूख करते हैं. अक्सर आपने देखा इन दिनों सांप घर के कौने में, स्टोर रूम में, गार्डन में पेड़ की नीचे और कोई भी ऐसी जगह जहां उन्हें ठंडक महसूस हो, वहां मिल जाएंगे. कभी-कभी सांप आप की कार और बाइक की सीटों के नीचे भी बैठे हुए मिल जाते है. लेकिन आपको इससे डरने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं हैं.
अक्सर हम सांप को देखते ही डर जाते हैं और उस पर हमला करते है या फिर घबराकर सांप को चोट पहुंचाने की कोशिश करते है. लेकिन हमे ऐसा नहीं करना चाहिए.

इस बारे में क्विक रेस्क्यू टीम (QRT) सदस्य अरशद ने बताया कि ज्यादातर सांप खतरनाक नहीं होते हैं. ऐसे में हमें सबसे पहले सांप की पहचान करनी चाहिए. सांप को भागने या मारने के लिए उस पर हमला न करें, बल्कि उस पर नजर बनाए रखें और इसकी जानकारी इमरजेंसी नंबर 108 या फिर वन विभाग द्वारा अधिकृत QRT टीम (9523963139) को फोन पर दें और रेस्क्यू टीम का इंतजार करें. अरशद मुताबिक गर्मियों के दिनों में अपने घर के आसपास सफाई रखें, चूहों की मौजूदगी घर में न होने दे और सफर करते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि अपनी गाड़ी को झाड़ी के पास खड़ी ना करें.

हर रोज इनका होता है सांप से सामना
वन विभाग की क्विक रिस्पांस टीम में काम करने वाले अरशद का हर दिन कई सांपों से सामना होता हैं. अरशद झारखंड के रहने वाले हैं और वन्यजीवों खासतौर से सांपों से बेहद प्यार करते हैं. उन्होंने इसका अध्ययन भी किया है.

अरशद ने बताया कि वह पिछले कुछ सालों से देहरादून में सांपों का रेस्क्यू करने का काम कर रहे हैं और इस दौरान तमाम तरह की चौंकाने वाली घटनाएं उनको देखने को मिली. अरशद ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि एक बार 13 फ्लोर ऊपर पानी की टंकी, लेंजर सुरक्षा के भीतर रखे सोने और पैसों से भरे बैंक के लॉकर के अलावा महंगी-महंगी गाड़ियों से भी उन्होंने सांप का रेस्क्यू किया है. इसके अवाला उत्तराखंड राजभवन से भी उन्होंने सांपों को रेस्क्यू किया है.

जरुरत पड़ने पर ही जहर खर्च करता सांप
अरशद ने बताया कि सांप इंसान को जबतक कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है, जबतक उसे इंसान से कोई खतरा महसूस न हो. खासतौर से जहरीले सांप, क्योंकि उनका जहर उसी तरह से होता है जिस तरह हमारे पर्स में रखे हुए रुपए. बहुत जरूरत पड़ने पर ही पर ही सांप अपने जहर को खर्च करता है.

इस साल 120 सांपों का कर चुके है रेस्क्यू
अरशद के मुताबिक इस साल वे अभीतक 120 से ज्यादा सांपो का रेस्क्यू कर चुके है. जिनमें से 25 से ज्यादा खतरनाक सांप कोबरा और रेट स्नेक जैसे थे. इसके अलावा धामण सांप सबसे ज्यादा पकड़े गए हैं, जोकि इंसानों के लिए कम खतरनाक और चूहों पर सबसे ज्यादा आकर्षित होते हैं. इसके अलावा करैत सांप जो सबसे खतरनाक है ये सांप बरसात की शुरुवात में दिखना शुरू हो जाते है.

चार धाम यात्रा में रखे विशेष ध्यान
7 मई से चारधाम यात्रा शुरू होने जा रही है. इस दौरान यात्री प्राकृतिक सौंदर्य का लुफ्त उठाने के लिए सड़क किनारे जंगलों के पास अपने वाहन खड़े कर देते है. ऐसे में सांप कभी भी गाड़ी के अदर घुस सकता है. इस दौरान यात्रियों को विशेष एहतियात बरतनी चाहिए. क्योंकि कई घटनाएं इस बात की गवाह है कि जमीन पर रेंगने वाले सांप मौका पाते ही गाड़ियों में घुस जाते हैं. ऐसे में आपको सांपों के प्रति जागरूक होना चाहिए.

देहरादून: गर्मियों में सूरज की तपिश बढ़ते के साथ ही सांपों का आतंक भी बढ़ने लगता है. गर्मियों में कही भी आपका सामना सांप से हो सकता है. क्योंकि उत्तराखंड के मैदानी इलाके में इन दिनों सबसे ज्यादा सांप देखने जाने की घटनाएं सामने आती है. आज हम आपकों बताएंगे की यदि इस दौरान आपका सामना कही भी सांप से हो जाए तो उसके कैसे बजा जाए?

रंग से करें जहरीले सांपों की पहचान

पढ़ें- 84 दिनों से हड़ताल पर पटवारी संघ, आय प्रमाण-पत्र बनवाने में हो रही परेशानी

सबसे पहले देखे सांप का रंग

सांप और नाग का नाम सुनते ही शरीर का रोम-रोम खड़ा हो जाता है और सांप की फुफकार अच्छे-अच्छों की हालात बिगाड़ देता है. लेकिन कभी आपका सामना सांप से हो जाए तो सबसे पहले सांप का रंग देखना चाहिए, शायद आपका डर 50 फीसदी तक कम हो जाए.

जी हां, सांप कितना जहरीला है इसका अंदाजा उसका रंग देखकर लगाया जा सकता है. विशेषज्ञों के मुताबिक उत्तराखंड में पाए जाने वाला सांप यदि काले रंग का है तो तुरंत सतर्क हो जाना चाहिए. अगर सांप काले रंग का नहीं है तो डरने की कोई जरूरत नहीं.

विशेषज्ञों के अनुसार सांप दो तरह के होते है एक वो जो जहरीले होते है, जो किसी के लिए भी खतरनाक साबित हो सकते है, जबकि दूसरे जहरीले नहीं होते हैं, जिन से इंसानों को कोई खतरा नहीं होता है. उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में कॉमन कोबरा, रसल वाइपर और कॉमन करैत जैसे काले रंग के जहरीले सांप पाए जाते हैं, जो बहुत खतरनाक होते है. बाकि सांप काले रंग के नहीं होते है, जिनसे आपको डरने की जरुरत नहीं है.

पढ़ें- चेकिंग के दौरान मित्र पुलिस ने 2 युवकों को पीटा, वीडियो VIRAL

सांप से बचने का तरीका
गर्मियों में सांप से आपका सामना कही भी हो सकता है. गर्मी से बचने से लिए सांप रिहायशी इलाको का रूख करते हैं. अक्सर आपने देखा इन दिनों सांप घर के कौने में, स्टोर रूम में, गार्डन में पेड़ की नीचे और कोई भी ऐसी जगह जहां उन्हें ठंडक महसूस हो, वहां मिल जाएंगे. कभी-कभी सांप आप की कार और बाइक की सीटों के नीचे भी बैठे हुए मिल जाते है. लेकिन आपको इससे डरने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं हैं.
अक्सर हम सांप को देखते ही डर जाते हैं और उस पर हमला करते है या फिर घबराकर सांप को चोट पहुंचाने की कोशिश करते है. लेकिन हमे ऐसा नहीं करना चाहिए.

इस बारे में क्विक रेस्क्यू टीम (QRT) सदस्य अरशद ने बताया कि ज्यादातर सांप खतरनाक नहीं होते हैं. ऐसे में हमें सबसे पहले सांप की पहचान करनी चाहिए. सांप को भागने या मारने के लिए उस पर हमला न करें, बल्कि उस पर नजर बनाए रखें और इसकी जानकारी इमरजेंसी नंबर 108 या फिर वन विभाग द्वारा अधिकृत QRT टीम (9523963139) को फोन पर दें और रेस्क्यू टीम का इंतजार करें. अरशद मुताबिक गर्मियों के दिनों में अपने घर के आसपास सफाई रखें, चूहों की मौजूदगी घर में न होने दे और सफर करते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि अपनी गाड़ी को झाड़ी के पास खड़ी ना करें.

हर रोज इनका होता है सांप से सामना
वन विभाग की क्विक रिस्पांस टीम में काम करने वाले अरशद का हर दिन कई सांपों से सामना होता हैं. अरशद झारखंड के रहने वाले हैं और वन्यजीवों खासतौर से सांपों से बेहद प्यार करते हैं. उन्होंने इसका अध्ययन भी किया है.

अरशद ने बताया कि वह पिछले कुछ सालों से देहरादून में सांपों का रेस्क्यू करने का काम कर रहे हैं और इस दौरान तमाम तरह की चौंकाने वाली घटनाएं उनको देखने को मिली. अरशद ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि एक बार 13 फ्लोर ऊपर पानी की टंकी, लेंजर सुरक्षा के भीतर रखे सोने और पैसों से भरे बैंक के लॉकर के अलावा महंगी-महंगी गाड़ियों से भी उन्होंने सांप का रेस्क्यू किया है. इसके अवाला उत्तराखंड राजभवन से भी उन्होंने सांपों को रेस्क्यू किया है.

जरुरत पड़ने पर ही जहर खर्च करता सांप
अरशद ने बताया कि सांप इंसान को जबतक कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है, जबतक उसे इंसान से कोई खतरा महसूस न हो. खासतौर से जहरीले सांप, क्योंकि उनका जहर उसी तरह से होता है जिस तरह हमारे पर्स में रखे हुए रुपए. बहुत जरूरत पड़ने पर ही पर ही सांप अपने जहर को खर्च करता है.

इस साल 120 सांपों का कर चुके है रेस्क्यू
अरशद के मुताबिक इस साल वे अभीतक 120 से ज्यादा सांपो का रेस्क्यू कर चुके है. जिनमें से 25 से ज्यादा खतरनाक सांप कोबरा और रेट स्नेक जैसे थे. इसके अलावा धामण सांप सबसे ज्यादा पकड़े गए हैं, जोकि इंसानों के लिए कम खतरनाक और चूहों पर सबसे ज्यादा आकर्षित होते हैं. इसके अलावा करैत सांप जो सबसे खतरनाक है ये सांप बरसात की शुरुवात में दिखना शुरू हो जाते है.

चार धाम यात्रा में रखे विशेष ध्यान
7 मई से चारधाम यात्रा शुरू होने जा रही है. इस दौरान यात्री प्राकृतिक सौंदर्य का लुफ्त उठाने के लिए सड़क किनारे जंगलों के पास अपने वाहन खड़े कर देते है. ऐसे में सांप कभी भी गाड़ी के अदर घुस सकता है. इस दौरान यात्रियों को विशेष एहतियात बरतनी चाहिए. क्योंकि कई घटनाएं इस बात की गवाह है कि जमीन पर रेंगने वाले सांप मौका पाते ही गाड़ियों में घुस जाते हैं. ऐसे में आपको सांपों के प्रति जागरूक होना चाहिए.

Intro:इस खतरे से दूर रहें, बरते ये सावधानी - स्पेशल


एंकर- मौसम गर्मी का हो चला है ऐसे में एक खतरा है जो साये की तरह आपका पीछा आपके घर से लेकर ट्रेवल तक आपका पीछा कर सकता है। घर में, स्टोर रूम में, टहलते हुए और यात्रा के दौरान सड़क किनारे जंगल की खूबसूरती निहारने तक इस मौसम में उसका सामना आपसे कही भी हो सकता है। हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड में पाए जाने वाले सरीसृपों की। खास तौर से उत्तराखंड के निचले मैदानी इलाकों में इस गर्मी के मौसम में सांप से यदि आपका सामना हो तो कैसे निपटना है जानिए हमारी इस स्पेशल रिपोर्ट में।


Body:सबसे पहले देखे सांप का रंग---
उत्तराखंड में बसंत पंचमी के बाद से ही सांप दिखने शुरू हो जाते हैं और उसके बाद मौसम के चढ़ते हुए बहुतायत संख्या में सांपों के मिलने की सूचना सामने आने लगती है। गर्मी आते ही खास तौर से देहरादून , हरिद्वार, ऋषिकेश सहित तमाम मैदानी इलाकों में आय दिन लोगों का सांपो से सामना होता है लेकिन इस स्थिति में सबसे पहले आपको सांप का रंग देखना है और हो सकता है उसके बाद आपका डर 50 फीसदी कम हो जाये। जी हां इन इलाकों में पाए जाने वाले सांप कितने खतरनाक है इसका एक हद तक अंदाजा आप उसका रंग देख कर लगा सकते हैं। अनुमन इन इलाकों में अगर आपका सामना किसी काले रंग के सांप से होता है तो आपको तुरंत सतर्क होना चाहिए और अगर सांप काले रंग का नही है तो डरने की कोई जरूरत नही है। वन विभाग के अनुसार सांप दो तरह के होते हैं कुछ जहरीले होते हैं जो हमारे ओर आपके लिए खतरनाक हो सकते हैं और दूसरे प्रकार के सांप जहरीले नही होते हैं जो कि इंसानों के लिए खतरनाक नही होते हैं। इन इलाकों में कॉमन कोबरा, रसल वाईपर, कॉमन करैत कुछ ऐसे काले रंग के सांप है जो इंसान के लिए बहुत ही खतरनाक हैं बाकी अगर सांप काले रंग का नही है तो आपको डरने की कुछ खास जरूरत नही है।


कैसे निपटें सांप से----
आज कल का मौसम सांपो के लिहाज से बहुत अनुकूल है ऐसे में आपका सामना इनसे कही भी हो सकता है। सांप से आपका सामना आपके घर मे, आपके स्टोर रूम में, गार्डन में टहलते वक्त, या फिर ट्रेवल करते वक्त, आपके वहान में कही भी हो सकता है लेकिन आपको इस से डरने की बिल्कुल भी जरूरत नही है। जैसे आप इस धरती पर निवास करते हैं वैसे ही सांप भी यहीं रहते हैं। जरूरत है आपके जागरूक होने की। अमूमन बिना जानकारी के हम सांप को देखते ही उस से डर या तो हमलावर हो जाते हैं या फिर घबरा जाते हैं। वह विभाग की QRT यानी क्विक रेस्क्यू टीम के सदस्य अरशद के अनुसार वैसे तो ज्यादातर सांप खतरनाक नही होते हैं केवल जिसमे जहर होता है वो ही खतरनाक होता है इस लिए हमे जब भी सांप मील तो उसकी पहचान सबसे जरूरी है और उसके बाद आप सांप को देखकर केवल उस पर नजर रखे और तुरंत 108 एमएजेंसी नंबर या फिर वन विभाग द्वारा अधिकृत QRT टीम के नम्बर पर 9523963139 पर कॉल करें और रेस्क्यू टीम के आने का इंतजार करें। अरशद ने बताया कि गर्मियों के दिनों में अपने घर के आसपास सफाई रखें, चूहों की मौजूदगी घर मे ना होने दें और ट्रेवल करते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि अपनी गाड़ी को झाड़ी के पास खड़ी ना करें।

हर रोज करते हैं सामना अरशद----
वन विभाग की क्विक रिस्पांस टीम में काम करने वाले अरशद का हर दिन कई सांपों से सामना होता हैं। अरशद झारखंड के रहने वाले हैं और वन्यजीवों से खासतौर से सांपों से बेहद प्यार करते हैं। उन्होंने इसका अध्ययन भी किया है। अरशद ने बताया कि वह पिछले कुछ सालों से देहरादून में सांपों को रेस्क्यू करने का काम कर रहे हैं और इस दौरान तमाम तरह की चौकाने वाली घटनाएं उनको देखने को मिली। अरशद ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि एक बार 13 फ्लोर ऊपर पानी की टंकी से, तो एक बार लेसर सुरक्षा के भीतर सोने और पैसों से भरे बैंक के लॉकर से, महंगी महंगी गाड़ियों से, और कई बार उत्तराखंड के राजभवन से उन्होंने सांपों को रेस्क्यू किया है। अरशद ने बताया कि सांप कभी भी इंसान को नहीं तब तक नहीं काटता है जब तक उसे इंसान से खतरा महसूस ना हो। खासतौर से जहरीले सांपों के लिए उनका जहर उसी तरह से होता है जिस तरह से हमारे लिए बटुए में रखा पैसा होता है। बहुत जरूरत पड़ने पर ही पर ही वो अपना जहर को खर्च करता है। वहीं इस साल में अब तक वो तकरीबन 120 से ज्यादा सांपो का रेस्क्यू कर चुके हें जिनमे से 25 ही मात्र खतरनाक सांप जैसे कोबरा और रेट स्नेक इत्यादि थे इसके अलावा धामण सांप सबसे ज्यादा पकड़े गए हैं जो कि इंसानों के लिए कम खतरनाक और चूहों पर सबसे ज्यादा आकर्षित होते हैं। इसके अलावा करैत सांप जो सबसे खतरनाक है वो बरसात की शरुवात के साथ देखा जाएगा।

चार धाम यात्रा में रखे विशेष ध्यान-----
प्रदेश में आने वाले कुछ महीनों चार धाम यात्रा का भी अपने पूरे चरम पर रहेगी ऐसे में चार धाम के लिए आने वाले यात्रियों के लिए यह एक विशेष सतर्कता का विषय हो सकता है क्योंकि अक्सर चार धाम आने वाले यात्री यात्रा रूट में पढ़ने वाले प्राकृतिक सौंदर्य का लुफ्त उठाने के लिए सड़क किनारे जंगलों में अपने वाहन खड़े करते हैं ऐसे में यात्रियों को विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है क्योंकि कई घटनाएं इस बात की गवाह है कि जमीन पर रेंगने वाले सांप मौका पाने पर गाड़ियों में घुस जाते हैं और फिर सांप और मानव का आमना सामना होने से परिस्थिति बिगड़ सकती है। ऐसे में आपका सांपों के प्रति जागरूक होना, उनकी पहचान करना और उन से कैसे सतर्कता बरती जानी है इसकी जानकारी होना बहुत जरूरी है। क्योंकि सांपों के प्रति आपकी जागरूकता ही आपको एक जानलेवा खतरे से दूर रख सकती है।




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