देहरादून: राज्य आंदोलनकारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बीते कई सालों से लामबंद हैं. रविवार को चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों ने राज्य सरकार पर उनकी अनदेखी का आरोप लगाया है. उन्होंने आगामी 23 सितंबर को विधानसभा घेराव करने का निर्णय लिया है.
शनिवार रात को राज्य के 3 दर्जन से अधिक चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में के माध्यम से चर्चा की. जिसमें फैसला लिया गया कि अपनी मांगों को लेकर राज्य निर्माण आंदोलनकारी देहरादून में विधानसभा में सत्याग्रह करेंगे. इस बात की जानकारी देते हुए चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक और राज्य कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि राज्य सरकार के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को राज्य आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण के मसले को लेकर पत्र लिखा है. उनके इस कदम का राज्य आंदोलनकारी स्वागत करते हैं.
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धीरेंद्र प्रताप ने बताया कि राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत आरक्षण, आंदोलनकारियों को सम्मान पेंशन समान की जाये, जिसकी राशि कम से कम 10 हजार रुपए प्रतिमाह किए जाये ये उनकी मुख्य मांगे हैं. उन्होंने कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में गैरसैंण को लेकर भी चर्चा हुई. इसके अलावा राज्य आंदोलनकारियों ने मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को सजा दिलाए जाने जैसे सवाल भी उठाये. उन्होंने कहा कि यदि इस संबंध में एक माह के भीतर सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों की मांगों पर फैसला नहीं लिया तो वे 23 सितंबर को विधानसभा का घेराव करते हुए सत्याग्रह करेंगे.
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राज्य आंदोलनकारियों ने खटीमा के शहीद स्मारक को तहसील से हटाकर रेलवे पार्क में ले जाए जाने की साजिशों की निंदा की है. उन्होंने शहीद स्मारक को खटीमा तहसील में ही बनाए जाने का प्रस्ताव पारित किया है. उन्होंने बताया कि 1 सितंबर को खटीमा कांड की बरसी पर आंदोलनकारी समिति के शीर्ष नेताओं का 11 सदस्ययी दल खटीमा जाएगा. जो शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद शहीद स्थल को हटाए जाने के विरोध में धरना भी देंगे.