देहरादून: वन विभाग में हेड ऑफ फॉरेस्ट के पद को लेकर हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई की जारी है. ऐसे में वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी राजीव भरतरी की तरफ से कोर्ट में अपना पक्ष रखा गया. ऐसे में हाईकोर्ट ने वन विभाग के मुखिया के नीतिगत फैसले लेने पर फिलहाल रोक लगाई है. इतना ही नहीं इस पद पर स्थाई नियुक्ति के लिए भी कोई निर्णय नहीं लेने के भी कोर्ट की तरफ से आदेश हुए हैं. लिहाजा, इस मामले को लेकर राजीव भरतरी ने वन मंत्री सुबोध उनियाल से मुलाकात की और उनके समक्ष अपनी बात रखी.
उत्तराखंड वन विभाग में हेड ऑफ फारेस्ट के पद से आईएफएस अधिकारी राजीव भरतरी को हटाने के बाद यह पद विवादों में आ गया है. दरअसल, इस पद पर विनोद सिंघल को नियुक्ति दी गई है. इस फैसले को आईएफएस अधिकारी राजीव भरतरी ने कोर्ट में चुनौती दी थी. राजीव भरतरी का तर्क है कि उन्हें गलत तरीके से इस पद से हटाया गया है जबकि जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष के पद पर उन्हें बिना आवेदन किये ही तैनाती दे दी गई है.
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वहीं, इस मामले में हाईकोर्ट की तरफ से भी हेड ऑफ फॉरेस्ट पर नीतिगत फैसला नहीं लेने का आदेश दिया गया है. यही नहीं इस पद पर स्थाई नियुक्ति को लेकर भी कोई अंतिम फैसला नहीं लेने के लिए कहा गया है. हालांकि, इसके लिए 28 मार्च तक की तारीख दी गयी थी लेकिन इस मामले में 18 अप्रैल को कोर्ट में सुनवाई होनी है. ऐसे में इस मामले को लेकर आज राजीव भरतरी ने वन मंत्री सुबोध उनियाल के सामने अपनी बात रखी.