देहरादून: उत्तराखंड में 2 साल पहले तक सबसे ताकतवर नौकरशाह माने जाने वाले ओम प्रकाश इन दिनों अपने इस तमगे को खो चुके हैं. दरअसल, पुष्कर सिंह धामी के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही आईएएस ओम प्रकाश सरकार से दूर होते दिखे हैं. ताजा समाचार ये है कि अब उनसे मुख्य स्थानिक आयुक्त का पद भी हटा लिया गया है. इससे पहले धामी सरकार में ही उन्हें मुख्य सचिव पद से भी हटाया गया था.
इसी भाजपा सरकार में त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री रहते जिस अधिकारी को सबसे ताकतवर माना जाता था वह अधिकारी अब एक के बाद एक महत्वपूर्ण पदों से हटाया जा रहा है. साल 2020 में त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री रहते 1987 बैच के उत्तराखंड कैडर के आईएएस ओम प्रकाश को मुख्य सचिव बनाया था. दरअसल, IAS ओम प्रकाश पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में उनके बेहद करीबी माने जाते रहे हैं. ओम प्रकाश त्रिवेंद्र सिंह रावत के कृषि मंत्री रहते हुए भी उनके सचिव रहे हैं.
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जाहिर है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी और प्रदेश में सबसे ताकतवर अफसर बनाया. लेकिन त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद (त्रिवेंद्र के बाद तीरथ मुख्यमंत्री रहे) और पुष्कर सिंह धामी के मुख्यमंत्री बनते ही ओम प्रकाश का भार कम किया गया. एक तरफ धामी ने सरकार में आते ही उन्हें मुख्य सचिव पद से हटाया तो दूसरी तरफ अब मुख्य स्थानिक आयुक्त पद से भी उन्हें हटा दिया गया है. आईएएस ओम प्रकाश के पास अब महज राजस्व परिषद के अध्यक्ष की ही जिम्मेदारी रह गई है.
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चर्चाएं हैं कि मुख्य सचिव रहते हुए ओम प्रकाश ने जनप्रतिनिधियों को जिस तरह नजरअंदाज किया, उसको लेकर कई जनप्रतिनिधि भी उनसे खफा रहे हैं. उनका मीडिया और आम लोगों से दूरी बनाना भी चर्चाओं में रहा है. यही नहीं ओम प्रकाश पर कई आरोप भी लगते रहे हैं जिसको लेकर त्रिवेंद्र सिंह रावत भी कई बार कटघरे में खड़े दिखाई दिए हैं. मुख्य सचिव बनाए जाने के दौरान भी कई लोगों ने सरकार के इस फैसले पर सवाल खड़े किए थे. बहरहाल, अब उन्हें एक और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी से हटाया गया है ऐसे में फिर आईएएस ओम प्रकाश चर्चाओं में आ गए हैं.