देहरादून: उत्तराखंड शासन ने गुरुवार को आईएएस, पीसीएस समेत सचिवालय सेवा से जुड़े अधिकारियों को इधर से उधर किया है. दो आईएएस को नई जिम्मेदारी दी गई है तो वहीं सात पीसीएस अधिकारियों समेत पांच सचिवालय सेवा के अधिकारियों को नई नियुक्ति दी गई है.
उत्तराखंड में आचार संहिता हटने के बाद शासन स्तर पर नई जिम्मेदारियों को लेकर पहली लिस्ट आज जारी कर दी गई है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की मंजूरी के बाद आदेश जारी कर कुल 14 अधिकारियों को नई जिम्मेदारी दी गई है.
जिन अधिकारियों को नई जिम्मेदारी मिली है. इनमें जनजातीय विभाग के अपर सचिव बीआर टम्टा है, जो हाल ही में छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपी शंखधर के बिना बताए छुट्टी पर जाने के बाद उस पर कार्रवाई न करने को लेकर चर्चाओं में आए थे. बीआर टम्टा सचिवालय सेवा से हैं, जिनसे जनजाति विभाग के अपर सचिव की जिम्मेदारी वापस ले ली गई है.
लिस्ट में एक नाम पीसीएस अधिकारी गौरव चटवाल का भी है. ये अधिकारी हाल ही में चर्चाओं में आए थे जब इन्होंने केदारनाथ में नियुक्ति के दौरान दुर्गम सेवा से तंग होकर नौकरी से इस्तीफा देने का पत्र जिलाधिकारी को सौंप दिया था. लेकिन बाद में ये कहकर अपनी भूल सुधारी कि वो केदारनाथ से आकस्मिक छुट्टी का प्रार्थना पत्र लिखना चाह रहे थे लेकिन मानसिक तौर पर अस्वस्थ होने के कारण उन्होंने गलती से इस्तीफा लिख दिया था. गौरव चटवाल पीसीएस अधिकारी हैं, उनकी मांग मानते हुये उनको रुद्रप्रयाग से हटाकर नैनीताल का डिप्टी कलेक्टर बनाया गया है. इस आदेश से साफ झलकता है कि गौरव चटवाल के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की जगह उनको दुर्गम सेवा से राहत दी गई है.
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इसके अलावा- आईएएस अधिकारी सौरव गहरवार को पिथौरागढ़ डिप्टी कलेक्टर से तबादला कर चमोली डिप्टी कलेक्टर बनाया गया है. आईएएस बीएम मिश्र को उनके मौजूदा विभाग के अलावा अपर सचिव श्रम विभाग की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है.
पीसीएस अधिकारी हेमंत कुमार वर्मा को अपर जिलाधिकारी उत्तरकाशी से हटाकर अपर आयुक्त कर देहरादून की जिम्मेदारी दी गई है. इनके अलावा पांच पीसीएस अधिकारी- दिनेश प्रताप सिंह, तीर्थपाल, भगत सिंह फोनिया, नंदन सिंह, अनिल शुक्ला की बाध्य प्रतीक्षा खत्म करते हुए विभिन्न जिलों में जिम्मेदारी दी गई है.
पांच सचिवालय सेवा के अधिकारियों में रमेश कुमार से अपर सचिव श्रम की जिम्मेदारी वापस ली गई है जबकि, बीआर टम्टा से जनजाति निदेशक की जिम्मेदारी छीन ली गई. साथ ही सुभाष चंद्र से निदेशक सचिवालय प्रशिक्षण संस्थान की जिम्मेदारी से कार्यमुक्त किया गया है. दिनेश चंद्र भट्ट से अपर सचिव सचिवालय प्रशासन की जिम्मेदारी वापस लेकर उन्हें निदेशक सचिवालय प्रशिक्षण संस्थान की जिम्मेदारी दी गयी है. सुरेश जोशी को निदेशक जनजाति निदेशालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गयी है.