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इस तकनीक से बिना मिट्टी के उगाएं ताजी सब्जियां, होगी बेहतर आय - उत्तराखंड न्यूज

हाइड्रोपोनिक खेती में मिट्टी की बिल्कुल जरूरत नहीं पड़ती है. इसके तहत छोटी सी जगह में ही प्लांट लगाया जा सकता है. इसमें 20 और 4 फीट की जगह में करीब 350 पौधे लगा सकते हैं. जिसमें हरी सब्जियों समेत तमाम हर्ब्स लगाए जा सकते है.

hydroponics farming
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Published : Aug 4, 2019, 7:54 PM IST

देहरादूनः आपने खेतों में उगाई जाने वाली सब्जियों का स्वाद तो चखा होगा, लेकिन आज हम आपको हाइड्रोपोनिक तकनीक से उगाई जाने वाली सब्जियों से रूबरू कराने जा रहे हैं. इस तकनीक के जरिए छोटी सी जगह में ही पानी की मदद से सब्जियों के साथ ही फूल और फल की पैदावार की जा सकती है. खेतों की बजाय हाइड्रोपोनिक खेती में सब्जियां जल्द तैयार हो जाती हैं. साथ ही बिना पेस्टिसाइड वाले सब्जियों का स्वाद भी ले सकते हैं. इन सब्जियों का स्वाद भी अन्य सब्जियों से अलग होता है.

हाइड्रोपोनिक खेती से बिना मिट्टी के उगाएं सब्जियां.

डीआरडीओ के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. एके शाह ने Etv Bharat से बातचीत करते हुए बताया कि अमूमन पौधों को 12 एलिमेंट और न्यूट्रिएंट्स की जरूरत होती है. हाइड्रोपोनिक तकनीक के जरिए पौधों को कंट्रोल रूप से दिया जाता है. जिससे पौधे की ग्रोथ काफी तेजी से हाती है. उन्होंने बताया कि खेतों में फल और सब्जियां करीब 3 महीने में तैयार होती है, लेकिन हाइड्रोपोनिक खेती में 2 ही महीने में फल और सब्जियां तैयार हो जाती है.

hydroponics farming
हाइड्रोपोनिक खेती में पानी से उगाएं सब्जियां और हर्ब्स.

ये भी पढ़ेंः IIT दिल्ली पहुंचे निशंक, कहा- भारत विश्व गुरू था, विश्व गुरू रहेगा

उन्होंने कहा कि पौधों को सपोर्ट देने के लिए क्ले बॉल्स और कोको पीट के साथ ही छोटे-छोटे पत्थरों का भी इस्तेमाल किया जाता है. जिससे पानी में पौधों को खड़े रहने का सपोर्ट मिलता है. पौधों को न्यूट्रिएंट्स पानी से मिलता है. जिससे इस खेती में मिट्टी की बिल्कुल जरूरत नहीं पड़ती है. इसके तहत छोटी सी जगह में ही प्लांट लगाया जा सकता है. इसमें 20 और 4 फीट की जगह में करीब 350 पौधे लगा सकते हैं. जिसमें हरी सब्जियों समेत तमाम हर्ब्स लगाए जा सकते है.

hydroponics farming
हाइड्रोपोनिक खेती की एक तकनीक.

डॉ. शाह ने बताया कि हाइड्रोपोनिक तरीके से बेहतर खेती की जा सकती है. क्योंकि, यहां की जमीन पथरीली है और मिट्टी भी काफी कम उपजाऊ है. ऐसे क्षेत्रों में काफी कम जगह पर हाइड्रोपोनिक खेती कर सब्जियां उगा सकते हैं. साथ ही बताया कि उत्तराखंड का वातावरण ठंडा है. लिहाजा कई प्रकार की सब्जियां, हर्ब्स आदि काफी मात्रा में उगाई जा सकती हैं. ये खेती पूरे साल की जा सकती है.

hydroponics farming
हाइड्रोपोनिक खेती में कम जगह में उगाएं ताजी सब्जियां.

ये भी पढे़ंः उपकरणों की खराबी के चलते मौसम विभाग के पास नहीं हैं सटीक आंकड़े

वहीं, आरके शाह ने बताया कि चार-पांच साल पहले घर की छत पर हाइड्रोपोनिक खेती का काम शुरू किया था. रिसर्च और मेहनत की बदौलत सब्जियों का अच्छा प्रोडक्शन हो रहा है. साथ ही बताया कि अब परिवार के कई सदस्य मिलकर घर की छत पर हाइड्रोपोनिक खेती कर रहे है. इसके साथ ही लोगों को हाइड्रोपोनिक खेती करने की ट्रेनिंग भी दे रहे हैं. जिससे वो भी छोटी से जगह में हाइड्रोपोनिक खेती कर सकें.

देहरादूनः आपने खेतों में उगाई जाने वाली सब्जियों का स्वाद तो चखा होगा, लेकिन आज हम आपको हाइड्रोपोनिक तकनीक से उगाई जाने वाली सब्जियों से रूबरू कराने जा रहे हैं. इस तकनीक के जरिए छोटी सी जगह में ही पानी की मदद से सब्जियों के साथ ही फूल और फल की पैदावार की जा सकती है. खेतों की बजाय हाइड्रोपोनिक खेती में सब्जियां जल्द तैयार हो जाती हैं. साथ ही बिना पेस्टिसाइड वाले सब्जियों का स्वाद भी ले सकते हैं. इन सब्जियों का स्वाद भी अन्य सब्जियों से अलग होता है.

हाइड्रोपोनिक खेती से बिना मिट्टी के उगाएं सब्जियां.

डीआरडीओ के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. एके शाह ने Etv Bharat से बातचीत करते हुए बताया कि अमूमन पौधों को 12 एलिमेंट और न्यूट्रिएंट्स की जरूरत होती है. हाइड्रोपोनिक तकनीक के जरिए पौधों को कंट्रोल रूप से दिया जाता है. जिससे पौधे की ग्रोथ काफी तेजी से हाती है. उन्होंने बताया कि खेतों में फल और सब्जियां करीब 3 महीने में तैयार होती है, लेकिन हाइड्रोपोनिक खेती में 2 ही महीने में फल और सब्जियां तैयार हो जाती है.

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हाइड्रोपोनिक खेती में पानी से उगाएं सब्जियां और हर्ब्स.

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उन्होंने कहा कि पौधों को सपोर्ट देने के लिए क्ले बॉल्स और कोको पीट के साथ ही छोटे-छोटे पत्थरों का भी इस्तेमाल किया जाता है. जिससे पानी में पौधों को खड़े रहने का सपोर्ट मिलता है. पौधों को न्यूट्रिएंट्स पानी से मिलता है. जिससे इस खेती में मिट्टी की बिल्कुल जरूरत नहीं पड़ती है. इसके तहत छोटी सी जगह में ही प्लांट लगाया जा सकता है. इसमें 20 और 4 फीट की जगह में करीब 350 पौधे लगा सकते हैं. जिसमें हरी सब्जियों समेत तमाम हर्ब्स लगाए जा सकते है.

hydroponics farming
हाइड्रोपोनिक खेती की एक तकनीक.

डॉ. शाह ने बताया कि हाइड्रोपोनिक तरीके से बेहतर खेती की जा सकती है. क्योंकि, यहां की जमीन पथरीली है और मिट्टी भी काफी कम उपजाऊ है. ऐसे क्षेत्रों में काफी कम जगह पर हाइड्रोपोनिक खेती कर सब्जियां उगा सकते हैं. साथ ही बताया कि उत्तराखंड का वातावरण ठंडा है. लिहाजा कई प्रकार की सब्जियां, हर्ब्स आदि काफी मात्रा में उगाई जा सकती हैं. ये खेती पूरे साल की जा सकती है.

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हाइड्रोपोनिक खेती में कम जगह में उगाएं ताजी सब्जियां.

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वहीं, आरके शाह ने बताया कि चार-पांच साल पहले घर की छत पर हाइड्रोपोनिक खेती का काम शुरू किया था. रिसर्च और मेहनत की बदौलत सब्जियों का अच्छा प्रोडक्शन हो रहा है. साथ ही बताया कि अब परिवार के कई सदस्य मिलकर घर की छत पर हाइड्रोपोनिक खेती कर रहे है. इसके साथ ही लोगों को हाइड्रोपोनिक खेती करने की ट्रेनिंग भी दे रहे हैं. जिससे वो भी छोटी से जगह में हाइड्रोपोनिक खेती कर सकें.

Intro:नोट - स्पेशल स्टोरी है.....

बड़े-बड़े खेतों में उगाई जाने वाली सब्जियों का स्वाद तो सभी ने चखा होगा। लेकिन आज हम आपको हाइड्रोपोनिक तकनीक से उगाई जाने वाली सब्जियों से रूबरू कराने जा रहे हैं। जी हाँ सिर्फ पानी मे उगयीं जाने वाली सब्जियों के साथ ही फूल और फल की पैदावार कैसे की जा सकती है। आखिर क्या है यह तकनीक कैसे इस तकनीक से कम समय में छोटे से स्थान पर सब्जीयाँ उगाई जा सकती हैं, क्या है इसका स्वरूप? आइए आपको बताते हैं ईटीवी भारत की इस खाश रिपोर्ट में........


Body:डीआरडीओ के पूर्व वैज्ञानिक डॉ० ए० के० शाह ने बताया कि पेड़ो को जो 12 एलिमेंट, न्यूट्रिएंट्स के रूप में चाहिए होता है। उसे कंट्रोल रूप से इन्हें दिया जाता है। जिससे पेड़ो की ग्रोथ बहुत तेज होती है। जमीन की खेती में जो फल 3 महीने में आती है यहां हाइड्रोपोनिक खेती में 2 ही महीने में फल या सब्जियां तैयार जाते है। साथ ही बताया कि की खेतो में सब्जियां उगयीं जाती है उसमें प्रेस्टिसाइड डाले जाते है लेकिन इस खेती में बिना प्रेस्टिसाइड के सब्जियों की पूरी ग्रोथ होती है। इस वजह से इन सब्जियों का स्वाद अन्य सब्जियों से अलग होता है।


साथ ही बताया कि पेड़ों को सपोर्ट देने के लिए क्ले बॉल्स, या कोको पीट के साथ ही छोटे-छोटे पत्थरों का भी इस्तेमाल किया जाता है। जिससे पानी मे पेड़ों को खड़े रहने का सपोर्ट मिलता है। और पेड़ों को न्यूट्रिएंट्स पानी से मिलता है। इसलिए इस खेती में मिट्टी की बिल्कुल जरूरत नहीं पड़ती है। और छोटे से छोटे जगह पर प्लांट लगाया जा सकता है। 20 फीट बाई 4 फीट की जगह में करीब 350 पौधे लगा सकते हैं। जिसमे हरी सब्जियों समेत तमाम हर्ब्स लगाए जा सकते है।


साथ भी बताया कि हाइड्रोपोनिक खेती के माध्यम से यहां बहुत अच्छी तरीके से खेती की जा सकती है। क्योंकि यहां की जमीन पथरीली है और यहाँ उपजाऊ मिट्टी भी बहुत कम है। इसलिए ऐसे क्षेत्रों में बहुत ही कम जगह में हाइड्रोपोनिक खेती कर सब्जियां उगा सकते हैं। साथ ही बताया कि उत्तराखंड का वातावरण ठंडा है लिहाजा यह कई प्रकार की सब्जियां, हर्ब्स आदि बहुत मात्रा मे उगाई जा सकती हैं। और पूरे साल खेती की जा सकती है।


वहीं डॉ ए के शाह के छोटे भाई आर के शाह ने बताया कि चार- पांच साल पहले घर की छत पर हाइड्रोपोनिक खेती का काम शुरू किया गया था। रिसर्च और मेहनत की बदौलत सब्जियों का अच्छा प्रोडक्शन हो रहा है। साथ ही बताया कि अब परिवार के कई मिलकर घर की छत पर हाइड्रोपोनिक खेती कर रहे है। इसके साथ ही लोगों को हाइड्रोपोनिक खेती करने को लेकर ट्रेनिंग भी दी जाती है। ताकि वो भी छोटी से जगह में हाइड्रोपोनिक खेती कर सकें।



Conclusion:
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