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ऋषिकेश: बेघरों के लिए आगे आया मानवाधिकार आयोग, डीएम को दिए आदेश

कुछ महीनों पहले चंद्रभागा नदी किनारे बसी बस्ती को उजाड़ दिया गया था. जिसके बाद से वहां रहने वाले लोग बेघर हो गये थे. साथ ही बीमारियों का प्रकोप भी लोगों में बढ़ता जा रहा था. जिस कारण एक बच्चे की भी मौत हो गई थी. एक शिकायत पर अब मानवाधिकार आयोग ने देहरादून डीएम को लोगों के हितों का ध्यान रखने के आदेश दिए हैं.

बेघर हुए लोग.
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Published : Sep 29, 2019, 8:52 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 11:50 PM IST

ऋषिकेश: एनजीटी के आदेश के बाद नगर निगम द्वारा चंद्रभागा नदी किनारे की बस्तियों को खाली कराया गया था. लेकिन उन लोगों के लिए किसी भी तरह की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई थी. जिसको लेकर समाजसेवी अजय कुमार ने लोगों की दुर्दशा को देखते हुए मानवाधिकार आयोग में शिकायत की थी. जिसके बाद आयोग द्वारा जिलाधिकारी देहरादून को बस्ती में रहने वाले लोगों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने के आदेश दिए गये हैं.

बेघरों के लिए आगे आया मानवाधिकार आयोग.

बता दें कि बीते 7 अगस्त को नगर निगम द्वारा चंद्रभागा नदी के किनारे बसी बस्ती को जेसीबी द्वारा तोड़ दिया गया था. लेकिन यहां रहने वाले परिवारों के लिए प्रशासन ने किसी भी तरह की रहने, खाने या फिर स्वास्थ्य की कोई व्यवस्था उपलब्ध नहीं कराई थी. जिस कारण सड़क पर आ चुके ये लोग बीमार पड़ने लगे. वहीं बीमारी की वजह से एक बच्चे की मौत भी हो चुकी है.

पढे़ं- DIGI लॉकर में सेव रखें कागजात, नहीं कटेगा चालान

इसके बाद सामाजिक कार्यकर्ता अजय कुमार ने मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड में अनुच्छेद 21 का हवाला देते हुए शिकायत की थी. जिसके बाद आयोग ने शिकायत को स्वीकार करते हुए जिलाधिकारी देहरादून को बस्ती में रहने वाले लोगों के लिए उचित सुविधा उपलब्ध कराने के आदेश जारी किए हैं. सामाजिक कार्यकर्ता व शिकायतकर्ता अजय कुमार ने बताया कि उन्होंने मानवाधिकार आयोग में शिकायत की थी कि इस पूरे प्रकरण में आर्टिकल 21 का उल्लंघन हुआ है.

क्‍या है आर्टिकल 21

संविधान का ये आर्टिकल देश के हर नागरिक को जीवन जीने की आजादी और व्यक्तिगत आजादी के संरक्षण की व्‍याख्‍या करता है. इसमें कहा गया है, 'किसी भी व्यक्ति को विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अतिरिक्त उसके जीवन और शरीर की स्वतंत्रता के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता'.

ऋषिकेश: एनजीटी के आदेश के बाद नगर निगम द्वारा चंद्रभागा नदी किनारे की बस्तियों को खाली कराया गया था. लेकिन उन लोगों के लिए किसी भी तरह की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई थी. जिसको लेकर समाजसेवी अजय कुमार ने लोगों की दुर्दशा को देखते हुए मानवाधिकार आयोग में शिकायत की थी. जिसके बाद आयोग द्वारा जिलाधिकारी देहरादून को बस्ती में रहने वाले लोगों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने के आदेश दिए गये हैं.

बेघरों के लिए आगे आया मानवाधिकार आयोग.

बता दें कि बीते 7 अगस्त को नगर निगम द्वारा चंद्रभागा नदी के किनारे बसी बस्ती को जेसीबी द्वारा तोड़ दिया गया था. लेकिन यहां रहने वाले परिवारों के लिए प्रशासन ने किसी भी तरह की रहने, खाने या फिर स्वास्थ्य की कोई व्यवस्था उपलब्ध नहीं कराई थी. जिस कारण सड़क पर आ चुके ये लोग बीमार पड़ने लगे. वहीं बीमारी की वजह से एक बच्चे की मौत भी हो चुकी है.

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इसके बाद सामाजिक कार्यकर्ता अजय कुमार ने मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड में अनुच्छेद 21 का हवाला देते हुए शिकायत की थी. जिसके बाद आयोग ने शिकायत को स्वीकार करते हुए जिलाधिकारी देहरादून को बस्ती में रहने वाले लोगों के लिए उचित सुविधा उपलब्ध कराने के आदेश जारी किए हैं. सामाजिक कार्यकर्ता व शिकायतकर्ता अजय कुमार ने बताया कि उन्होंने मानवाधिकार आयोग में शिकायत की थी कि इस पूरे प्रकरण में आर्टिकल 21 का उल्लंघन हुआ है.

क्‍या है आर्टिकल 21

संविधान का ये आर्टिकल देश के हर नागरिक को जीवन जीने की आजादी और व्यक्तिगत आजादी के संरक्षण की व्‍याख्‍या करता है. इसमें कहा गया है, 'किसी भी व्यक्ति को विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अतिरिक्त उसके जीवन और शरीर की स्वतंत्रता के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता'.

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ऋषिकेश-- एनजीटी के आदेश के बाद नगर निगम के द्वारा चंद्रभागा नदी के किनारे बसी बस्ती को खाली कराया गया था लेकिन बस्ती में रहने वाले लोगों के लिए किसी भी तरह के वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई थी जिसको लेकर वहां के लोग बीमार पड़ रहे थे समाजसेवी अजय कुमार ने लोगों की दुर्दशा को देखते हुए मानवाधिकार आयोग में शिकायत की थी जिसके बाद आयोग के द्वारा बस्ती में रहने वाले लोगों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए जिलाधिकारी देहरादून को आदेश दिया है।


Body:वी/ओ-- बीते 7 अगस्त को नगर निगम के द्वारा चंद्रभागा नदी के किनारे बसी बस्ती को जेसीबी के द्वारा तोड़ दिया गया था लेकिन वहां रहने वाले परिवारों के लिए प्रशासन के द्वारा किसी भी तरह की रहने खाने या स्वास्थ्य की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई थी जिस कारण चंद्रभागा नदी के किनारे रहने वाले लोग बीमार पड़ रहे थे वही बीमारी के वजह से एक बच्चे की मौत भी हो गई थी लोगों की समस्याओं को देखते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अजय कुमार ने मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड में अनुच्छेद 21 का हवाला देते हुए शिकायत की थी जिसके बाद आयोग ने शिकायत को स्वीकार करते हुए जिलाधिकारी देहरादून को बस्ती में रहने वाले लोगों के लिए रहने खाने व स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के आदेश जारी किए हैं।


Conclusion:वी/ओ-- सामाजिक कार्यकर्ता व शिकायतकर्ता अजय कुमार ने बताया कि अनुच्छेद 21 जिसमें प्राण एवं वैदिक स्वतंत्रता व्यक्तिगत स्वतंत्रता के साथ जीने का अधिकार देता है जिसमें मानव गरिमा के साथ जीने स्वास्थ्य का अधिकार आजीविका का अधिकार आशय का अधिकार भी शामिल है, उन्होंने मानवाधिकार आयोग में शिकायत की थी कि इस पूरे प्रकरण में अनुच्छेद 21 का उल्लंघन हुआ है।

बाईट--अजय कुमार(शिकायतकर्ता)
Last Updated : Sep 29, 2019, 11:50 PM IST
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