देहरादून: कोरोना संकट के बीच जारी लॉकडाउन में सरकार ने गैर जरूरी चीजों की दुकानों को अब सीमित समय के लिए खुलने की अनुमति प्रदान कर दी है, लेकिन होटल व्यवसाय अभी भी पूरी तरह से बंद चल रहा है. ऐसे में होटल व्यवसाय से जुड़े हजारों कर्मचारियों के साथ-साथ होटल संचालकों को भी भारी नुकसान से गुजरना पड़ रहा है. इस पर ईटीवी भारत ने देहरादून के कुछ होटल व्यवसायियों से बात की और ये जानने का प्रयास किया कि आखिर लॉकडाउन के कारण उन्हें किन परेशानियों से जूझना पड़ रहा है ?
देहरादून शहर में लगभग 100 से ज्यादा छोटे-बड़े होटल मौजूद हैं, लेकिन लॉकडाउन के चलते पिछले महीनों से शहर के सभी होटल पूरी तरह से बंद चल रहे हैं. ऐसे में सभी छोटे-बड़े होटल संचालकों को हर महीने लगभग 10 से 20 लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं, लॉकडाउन के चलते होटल व्यवसाय से जुड़े लगभग 40 से 50 हजार कर्मचारी भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.
होटल संचालकों ने बयां किया 'दर्द'
होटल संचालक हरीश विरमानी ने ईटीवी भारत के सामने अपनी पीड़ा बयां करते हुए कहा कि लॉकडाउन के चलते सिर्फ प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में होटल व्यवसाय ठप पड़ चुका है. उन्होंने ये भी आशंका जताई कि जिस रफ्तार के साथ कोरोना वायरस अपने पैर पसार रहा है, उसे देखकर लगता नहीं कि अगले 2 साल में भी होटलों को संचालन की अनुमति दी जाएगी. इस स्थिति में सभी होटल कारोबारियों के लिए सबसे बड़ी समस्या अपने कर्मचारियों के वेतन देने की है. इसके साथ ही हाउस टैक्स, बिजली-पानी का बिल और अपने होटल के मेंटेनेंस का खर्च निकालना है. महीनों से होटल संचालक किसी तरह इन सभी खर्चों को पूरा कर रहे हैं लेकिन अब होटल व्यवसायियों की कमर टूटने लगी है.
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होटल संचालकों की टूटने लगी कमर
वही, देहरादून के एक होटल में मैनेजर के पद पर तैनात संदीप थलवाल बताते हैं की सामान्य दिनों में हर साल अप्रैल से जून माह के बीच सभी होटल पर्यटकों से पैक रहते थे, लेकिन इस बार होटलों में सन्नाटा पसरा हुआ है और ताले जड़े हुए हैं. जिसकी वजह से हर माह शहर के सभी होटल संचालकों को लाखों का नुकसान हो रहा है. इस स्थिति में होटल संचालकों के लिए अब अपने कर्मचारियों का वेतन देना भी मुश्किल होता जा रहा है.
होटल व्यवसायियों को सुध ले सरकार
ईटीवी भारत के माध्यम से राज्य सरकार से अपील करते हुए होटल संचालक राजीव तलवार का कहना है कि सरकार को अब होटल व्यवसायियों की भी सुध लेनी चाहिए, जिस नुकसान से होटल कारोबारी गुजर रहे हैं और आगे भी स्थिति में कोई ज्यादा परिवर्तन नहीं होने वाला है. इसे ध्यान में रखते हुए सरकार को होटल कारोबारियों को टैक्स, बिजली, पानी के बिल इत्यादि में कुछ रियायत जरूर देनी चाहिए, जिससे कि होटल कारोबारी और होटल व्यवसाय से जुड़े हजारों कर्मचारी भुखमरी की कगार पर न पहुंचें.
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कोरोना महामारी की मार से वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से गुजर रही है. देश की अर्थव्यवस्था की हालत पहले से ही खस्ता थी लेकिन इस महामारी ने होटल व्यवसाय को बड़ा झटका दिया है. ऐसे में सब सामान्य होने के बाद होटल व्यवसायियों को उबरने में करीब छह महीने का वक्त लग सकता है.