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कोरोना काल में सैलानियों के न आने से चौपट हुआ होटल व्यवसाय, सरकार से लगाई गुहार - कोरोना का होटल व्यवसाय में असर

स्थानीय व्यवसायियों को पर्यटकों के न पहुंचने से उनको आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है. ऑनलाक-2 में सरकार द्वारा कुछ रियायत दी गई हैं, लेकिन इसके बावजूद पर्यटक चकराता का रुख नहीं कर रहे हैं.

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होटल व्यवसाय
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Published : Jul 7, 2020, 12:20 PM IST

विकासनगर: जौनसार बावर का चकराता क्षेत्र अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के कारण पर्यटकों की पहली पसंद रहा है. पर्यटन होटल व्यवसाय और स्थानीय दुकानदारों के रोजगार का साधन भी रहा है. लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते पर्यटकों ने यहां का रुख करना बंद कर दिया है. जिससे होटल व्यवसाय से जुड़े सभी लोगों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

कोरोना काल में सैलानियों के न आने से चौपट हुआ होटल व्यवसाय.

जौनसार बावर का चकराता क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से पर्यटकों की पहली पसंद है. चकराता में पिछले कई वर्षों से पर्यटक अपने वीकेंड पर दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश आदि राज्यों से यहां पहुंचते थे. लेकिन इस बार कोरोना के कारण चकराता में पर्यटकों के न पहुंचने से होटल व्यवसाय से जुड़े लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. बता दें कि पिछले कई वर्षों से पर्यटन की दृष्टि से चकराता पर्यटक स्थल बनकर उभरा है. कोरोना के कहर के कारण यहां के स्थानीय रोजगार पर काफी फर्क पड़ा है.

स्थानीय दुकानदार दीपक मोहल ने बताया कि चकराता में पर्यटकों के न पहुंचने से उनको आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है. ऑनलाक-2 में सरकार द्वारा कुछ रियायत दी गई हैं, लेकिन इसके बावजूद पर्यटक चकराता का रुख नहीं कर रहे हैं. जिस कारण होटल व्यवसाय से जुड़े लोगों का रोजगार ठप हो गया है.

पढ़ें: डोईवाला: जान जोखिम में डालकर महिलाओं को करनी पड़ रही नहर की सफाई

चकराता के होटल व्यवसायी प्रकाश जोशी ने बताया कि सरकार के अनलॉक-2 गाइडलाइन का पालन करना संभव नहीं है. जिस कारण से पर्यटक नहीं आ रहे हैं, जिससे उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. वह चाहते हैं कि सरकार कुछ रियायत दें जिससे पर्यटक आ सके. साथ ही सरकार की गाइडलाइन का पालन भी हो सके.

विकासनगर: जौनसार बावर का चकराता क्षेत्र अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के कारण पर्यटकों की पहली पसंद रहा है. पर्यटन होटल व्यवसाय और स्थानीय दुकानदारों के रोजगार का साधन भी रहा है. लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते पर्यटकों ने यहां का रुख करना बंद कर दिया है. जिससे होटल व्यवसाय से जुड़े सभी लोगों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

कोरोना काल में सैलानियों के न आने से चौपट हुआ होटल व्यवसाय.

जौनसार बावर का चकराता क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से पर्यटकों की पहली पसंद है. चकराता में पिछले कई वर्षों से पर्यटक अपने वीकेंड पर दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश आदि राज्यों से यहां पहुंचते थे. लेकिन इस बार कोरोना के कारण चकराता में पर्यटकों के न पहुंचने से होटल व्यवसाय से जुड़े लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. बता दें कि पिछले कई वर्षों से पर्यटन की दृष्टि से चकराता पर्यटक स्थल बनकर उभरा है. कोरोना के कहर के कारण यहां के स्थानीय रोजगार पर काफी फर्क पड़ा है.

स्थानीय दुकानदार दीपक मोहल ने बताया कि चकराता में पर्यटकों के न पहुंचने से उनको आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है. ऑनलाक-2 में सरकार द्वारा कुछ रियायत दी गई हैं, लेकिन इसके बावजूद पर्यटक चकराता का रुख नहीं कर रहे हैं. जिस कारण होटल व्यवसाय से जुड़े लोगों का रोजगार ठप हो गया है.

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चकराता के होटल व्यवसायी प्रकाश जोशी ने बताया कि सरकार के अनलॉक-2 गाइडलाइन का पालन करना संभव नहीं है. जिस कारण से पर्यटक नहीं आ रहे हैं, जिससे उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. वह चाहते हैं कि सरकार कुछ रियायत दें जिससे पर्यटक आ सके. साथ ही सरकार की गाइडलाइन का पालन भी हो सके.

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