देहरादून: उत्तराखंड चारधाम यात्रा में सरकार ने श्रद्धालुओं के लिए इस बार भी पंजीकरण को अनिवार्य किया है. बिना पंजीकरण कराए कोई श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर नहीं जा सकता है. एक तरफ जहां पंजीकरण की अनिवार्यता को सही बता रही है तो वहीं दूसरी तरफ होटल व्यापारी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का विरोध कर रहे हैं.
बता दें कि अप्रैल के आखिर सप्तात से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए हैं. हालांकि अभी सरकार ने बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के लिए ही रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू की है, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कुछ दिन बाद शुरू किए जाएंगे. लेकिन होटल एसोसिएशन ने चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन की बाध्यता का विरोध किया है.
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होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि चारधाम यात्रा पर सभी लोगों की आजीविका जुड़ी हुई है. यदि दोनों व्यवस्थाएं सरकार बनाती है तो स्थानीय व्यापारियों को इसका खासा नुकसान उठाना पड़ेगा. यमुना घाटी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष सोबन राणा ने साफ किया है कि यदि सरकार इस तरह की व्यवस्था करती है तो इसके विरोध में चारों धामों के होटल व्यवसाय से जुड़े लोग सड़कों पर उतर कर विरोध करेंगे.
उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की अनिवार्यता समाप्त होनी चाहिए. इसके साथ ही चारों धामों में आने वाले श्रद्धालुओं की सीमित संख्या की बाध्यता भी समाप्त होनी चाहिए और पूर्व की तरह यथावत यात्रा का संचालन किया जाना चाहिए.
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वहीं, होटल व्यवसायी प्रतीक कर्णवाल ने बताया कि अगर सरकार को पंजीकरण करवाना है तो चारों धामों के प्रथम पड़ाव में पंजीकरण की व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़े. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने उनकी समस्याओं की अनदेखी की तो चारधाम होटल एसोसिएशन बहिष्कार करने से भी पीछे नहीं हटेगी.
चारधाम होटल एसोसिएशन की प्रमुख मांगें: भारत के किसी भी राज्य में धार्मिक स्थलों और पर्यटन स्थलों पर ऑनलाइन पंजीकरण एवं सीमित संख्या नहीं है और वहां लाखों लोग एक दिन में दर्शन कर सकते हैं तो चारधाम यात्रा में ही श्रद्धालुओं की सीमित संख्या क्यों रखी जा रही है. इसके अलावा हरिद्वार ऋषिकेश में एक बार वाहनों के ट्रिप कार्ड और ग्रीन कार्ड बन जाने के बाद बैरियर पर पुलिस प्रशासन यात्रियों को परेशान न किया जाए.
21 फरवरी 2023 से केदारनाथ और बदरीनाथ के ऑनलाइन पंजीकरण प्रारंभ हो चुके हैं, लेकिन यमुनोत्री और गंगोत्री के लिए ऑनलाइन पंजीकरण शुरू नहीं किए गए हैं, जबकि दोनों धामों के कपाट अक्षय तृतीया के अवसर पर 22 अप्रैल को खुलने जा रहे हैं. बता दें कि कल 21 फरवरी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धाम की अध्यक्षता में चारधाम यात्रा को लेकर अहम बैठक हुई थी, जिसमें चारोंधाम में यात्रियों की संख्या और रजिस्ट्रेशन को लेकर निर्णय लिया गया था.