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एलोपैथी से लड़ाई में रामदेव को मिला होम्योपैथी का साथ

बाबा रामदेव ने मेडिकल साइंस पर बयान देकर बवाल खड़ा कर दिया है. बाबा के बयान के बाद एलोपैथी और आयुर्वेद को लेकर बहस एक बार फिर शुरू हो गई है. एलोपैथी के डॉक्टर बाबा रामदेव के इस बयान की कड़ी निंदा कर रहे हैं. दूसरी तरफ आयुर्वेद और होम्योपैथी के डॉक्टर बाबा रामदेव के बयान का समर्थन कर रहे हैं.

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IMA कर रही विरोध तो होम्योपैथी का मिला समर्थन
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Published : May 27, 2021, 3:33 PM IST

देहरादून/दिल्ली: बाबा रामदेव की ओर से मेडिकल साइंस को लेकर दिए गए बयान के बाद अलग-अलग डॉक्टर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कर रहे हैं. वहीं इसके बाद एलोपैथी और आयुर्वेद को लेकर बहस एक बार फिर शुरू हो गई है, जहां एलोपैथी के डॉक्टर बाबा रामदेव के इस बयान की कड़ी निंदा कर रहे हैं. यहां तक कि उनकी गिरफ्तारी की मांग कर चुके हैं. वहीं दूसरी तरफ आयुर्वेद और होम्योपैथी के डॉक्टर बाबा रामदेव के बयान का समर्थन कर रहे हैं और एलोपैथी के डॉक्टर्स को अपनी गलती मानने के लिए कह रहे हैं.

IMA कर रही विरोध तो होम्योपैथी का मिला समर्थन.

'रामदेव का बयान शर्मनाक'

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के नेशनल ज्वॉइंट सेक्रेटरी और दिल्ली मेडिकल काउंसिल के वाइस प्रेसिडेंट डॉक्टर नरेश चावला का कहना है कि कुछ साल पहले तक बाबा रामदेव को योग गुरु बाबा रामदेव के रूप में जान रहे थे. उनके योग और व्यायाम को लेकर बताए गए रास्ते पर चल रहे थे, लेकिन एलोपैथी को लेकर दिए गए बयान के बाद न केवल डॉक्टर बल्कि आम लोग भी उनकी कड़ी निंदा कर रहे हैं और उनके इस बयान से बेहद निराश हैं. डॉ चावला ने कहा कि मौजूदा समय में सभी डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी इस महामारी से लड़ाई में अहम भूमिका निभा रहे हैं. दिन-रात मरीजों की सेवा में लगे हुए हैं. ऐसे में स्वामी रामदेव का यह बयान बेहद ही शर्मनाक है.

पढ़ें: जब मुश्किल में थे प्राण, एलोपैथी आई काम, डॉक्टर बोले- तब हमने बचाई थी जान

'प्रचार के लिए बयानबाजी कर रहे रामदेव'

डॉ चावला ने कहा कि पहले स्वामी रामदेव ने एलोपैथी को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया और उसके बाद उन्होंने कई बीमारियों को लेकर 25 सवाल पूछ डाले. यह बेहद ही निराशाजनक है. क्योंकि मॉडर्न मेडिसिन कई सालों की रिसर्च और एक्सपोर्ट की निगरानी की साथ काम करती है. यदि दवाओं को बदला जाता है तो वह रिसर्च के बाद बदला जाता है. मौजूदा समय में जिस प्रकार से वायरस लगातार बदल रहा है इसी को देखते हुए WHO और ICMR की गाइडलाइंस को फॉलो करते हुए एलोपैथी के डॉक्टर काम कर रहे हैं. सभी दवाइयों को सालों तक स्टडी किया जाता है. उसके बाद उसे अप्रूवल दिया जाता है. डॉ चावला ने आरोप लगाया कि बाबा रामदेव इस तरीके की बयानबाजी केवल अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए कर रहे हैं. वह अपनी दवाई कोरोनिल ने के लिए गलत तरीके से प्रचार-प्रसार कर रहे हैं.

पढ़ें: आचार्य बालकृष्ण का डॉक्टरों को चैलेंज, कहा- हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार

'बालकृष्ण भी ऐलोपैथी से हुए ठीक'

डॉ चावला ने कहा कि बाबा रामदेव का यह बयान उन सभी कोरोना वॉरियर्स के लिए निराशाजनक है जो कि दिन-रात अस्पतालों में आईसीयू में अपनी ड्यूटी दे रहे हैं. इस दौरान हजारों डॉक्टर्स ने अपनी जान दी है, उनके लिए भी यह बेहद अपमानजनक है. डॉ चावला ने स्वामी रामदेव से पूछा कि क्या उनके पास हार्ट अटैक, स्ट्रोक, कैंसर आदि बीमारियों का इलाज है. क्योंकि कुछ साल पहले खुद स्वामी रामदेव इलाज के लिए एक अस्पताल में भर्ती हुए थे, इतना ही नहीं उनके सहयोगी बालकृष्ण भी कुछ महीनों पहले अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हुए थे. ऐसे में जब उनके पास हर बीमारी का इलाज था तो वह अस्पताल में इलाज करवाने क्यों गए?

होम्योपैथी के डॉक्टर ने किया बाबा का समर्थन

वहीं होम्योपैथी के डॉक्टर डीसी प्रजापति ने बाबा रामदेव के बयान का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि कोरोना के इलाज के दौरान बार-बार दवाओं को बदला गया. इस दौरान हजारों लाखों लोगों की जान चली गई. इसके लिए कौन जिम्मेदार है. उन्होंने ICMR द्वारा दवाओं को बदले जाने को लेकर भी सवाल खड़े किए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में कई डॉक्टरों ने दबाव की गलत जानकारी व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक साझा की. जिसे लोगों ने लेना भी शुरू किया. ऐसे में लोगों को गलत जानकारी मिली और लोगों ने गलत दवाइयां खाई. डॉ प्रजापति ने आरोप लगाया कि गलत दवाओं को लेकर मरीज के शरीर में स्टेरॉइड की मात्रा बढ़ाई गई, जिसके बाद कई मरीजों की जान तक चली गई.

देहरादून/दिल्ली: बाबा रामदेव की ओर से मेडिकल साइंस को लेकर दिए गए बयान के बाद अलग-अलग डॉक्टर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कर रहे हैं. वहीं इसके बाद एलोपैथी और आयुर्वेद को लेकर बहस एक बार फिर शुरू हो गई है, जहां एलोपैथी के डॉक्टर बाबा रामदेव के इस बयान की कड़ी निंदा कर रहे हैं. यहां तक कि उनकी गिरफ्तारी की मांग कर चुके हैं. वहीं दूसरी तरफ आयुर्वेद और होम्योपैथी के डॉक्टर बाबा रामदेव के बयान का समर्थन कर रहे हैं और एलोपैथी के डॉक्टर्स को अपनी गलती मानने के लिए कह रहे हैं.

IMA कर रही विरोध तो होम्योपैथी का मिला समर्थन.

'रामदेव का बयान शर्मनाक'

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के नेशनल ज्वॉइंट सेक्रेटरी और दिल्ली मेडिकल काउंसिल के वाइस प्रेसिडेंट डॉक्टर नरेश चावला का कहना है कि कुछ साल पहले तक बाबा रामदेव को योग गुरु बाबा रामदेव के रूप में जान रहे थे. उनके योग और व्यायाम को लेकर बताए गए रास्ते पर चल रहे थे, लेकिन एलोपैथी को लेकर दिए गए बयान के बाद न केवल डॉक्टर बल्कि आम लोग भी उनकी कड़ी निंदा कर रहे हैं और उनके इस बयान से बेहद निराश हैं. डॉ चावला ने कहा कि मौजूदा समय में सभी डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी इस महामारी से लड़ाई में अहम भूमिका निभा रहे हैं. दिन-रात मरीजों की सेवा में लगे हुए हैं. ऐसे में स्वामी रामदेव का यह बयान बेहद ही शर्मनाक है.

पढ़ें: जब मुश्किल में थे प्राण, एलोपैथी आई काम, डॉक्टर बोले- तब हमने बचाई थी जान

'प्रचार के लिए बयानबाजी कर रहे रामदेव'

डॉ चावला ने कहा कि पहले स्वामी रामदेव ने एलोपैथी को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया और उसके बाद उन्होंने कई बीमारियों को लेकर 25 सवाल पूछ डाले. यह बेहद ही निराशाजनक है. क्योंकि मॉडर्न मेडिसिन कई सालों की रिसर्च और एक्सपोर्ट की निगरानी की साथ काम करती है. यदि दवाओं को बदला जाता है तो वह रिसर्च के बाद बदला जाता है. मौजूदा समय में जिस प्रकार से वायरस लगातार बदल रहा है इसी को देखते हुए WHO और ICMR की गाइडलाइंस को फॉलो करते हुए एलोपैथी के डॉक्टर काम कर रहे हैं. सभी दवाइयों को सालों तक स्टडी किया जाता है. उसके बाद उसे अप्रूवल दिया जाता है. डॉ चावला ने आरोप लगाया कि बाबा रामदेव इस तरीके की बयानबाजी केवल अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए कर रहे हैं. वह अपनी दवाई कोरोनिल ने के लिए गलत तरीके से प्रचार-प्रसार कर रहे हैं.

पढ़ें: आचार्य बालकृष्ण का डॉक्टरों को चैलेंज, कहा- हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार

'बालकृष्ण भी ऐलोपैथी से हुए ठीक'

डॉ चावला ने कहा कि बाबा रामदेव का यह बयान उन सभी कोरोना वॉरियर्स के लिए निराशाजनक है जो कि दिन-रात अस्पतालों में आईसीयू में अपनी ड्यूटी दे रहे हैं. इस दौरान हजारों डॉक्टर्स ने अपनी जान दी है, उनके लिए भी यह बेहद अपमानजनक है. डॉ चावला ने स्वामी रामदेव से पूछा कि क्या उनके पास हार्ट अटैक, स्ट्रोक, कैंसर आदि बीमारियों का इलाज है. क्योंकि कुछ साल पहले खुद स्वामी रामदेव इलाज के लिए एक अस्पताल में भर्ती हुए थे, इतना ही नहीं उनके सहयोगी बालकृष्ण भी कुछ महीनों पहले अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हुए थे. ऐसे में जब उनके पास हर बीमारी का इलाज था तो वह अस्पताल में इलाज करवाने क्यों गए?

होम्योपैथी के डॉक्टर ने किया बाबा का समर्थन

वहीं होम्योपैथी के डॉक्टर डीसी प्रजापति ने बाबा रामदेव के बयान का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि कोरोना के इलाज के दौरान बार-बार दवाओं को बदला गया. इस दौरान हजारों लाखों लोगों की जान चली गई. इसके लिए कौन जिम्मेदार है. उन्होंने ICMR द्वारा दवाओं को बदले जाने को लेकर भी सवाल खड़े किए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में कई डॉक्टरों ने दबाव की गलत जानकारी व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक साझा की. जिसे लोगों ने लेना भी शुरू किया. ऐसे में लोगों को गलत जानकारी मिली और लोगों ने गलत दवाइयां खाई. डॉ प्रजापति ने आरोप लगाया कि गलत दवाओं को लेकर मरीज के शरीर में स्टेरॉइड की मात्रा बढ़ाई गई, जिसके बाद कई मरीजों की जान तक चली गई.

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