देहरादून: उत्तराखंड में होम आइसोलेशन को लेकर सरकार ने मंजूरी दे दी है. अब शासन ने होम आइसोलेशन के दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं. यानी यदि कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित है तो वो अपने घर पर ही आइसोलेट हो सकता है. बशर्ते रोगी को शासन के दिए गए निर्देशों का पालन करना होगा.
स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने होम आइसोलेशन को लेकर तय नियमों के आदेश जारी कर दिए हैं. इसके तहत अब होम आइसोलेशन में कोई भी रोगी घर पर रह सकेगा, लेकिन रोगी का तय नियमों के लिहाज से पात्र होना जरूरी है. यानि होम आइसोलेशन के लिए बनाए गए नियमों के हिसाब से रोगी का पालन करना जरूरी होगा.
नियमों के अनुसार 60 साल से अधिक बुजुर्ग और दूसरी बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति के साथ 10 साल से कम उम्र के बच्चे होम आइसोलेशन में नहीं रह सकेंगे. होम आइसोलेशन में उन्हीं रोगियों को रहने की इजाजत होगी, जो चिकित्सकों द्वारा लक्षण रहित चिन्हित किए जाएंगे. 24 घंटे रोगी की देखभाल करने के लिए एक व्यक्ति का साथ होना जरूरी होगा.
आइसोलेशन की अवधि के दौरान देखभाल करने वाले व्यक्ति का संबंधित चिकित्सालय से संपर्क बनाए रखना होम आइसोलेशन के लिए जरूरी होगा. ऐसे रोगी के निवास पर खुद को आइसोलेट करने और परिजनों को क्वारंटाइन करने की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए. उसके घर में रोगी के लिए एक शौचालय अटैच कमरा और देखभाल करने वाले के लिए अलग से एक शौचालय अटैच कमरा होना जरूरी है. होम आइसोलेशन में रहने वाले व्यक्ति को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना होगा.
ऐसे घर जिसमें 60 साल से अधिक आयु के या दूसरी बीमारी से ग्रसित व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं या गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति हैं, उस घर में आइसोलेशन की अनुमति नहीं होगी. रोगी को अपने स्वास्थ्य की देखभाल के दायित्व को स्वीकार करना होगा और साथ ही जिले के सर्विलांस अधिकारी को इसकी जानकारी देनी होगी.
कोविड-19 होने के 10 दिनों के पश्चात और पिछले 3 दिनों तक बुखार आने की स्थिति में आइसोलेशन समाप्त माना जाएगा. इसके बाद अगले 7 दिनों तक रोगी को घर पर ही रहकर अपने स्वास्थ्य की देखभाल करनी होगी. होम आइसोलेशन की समाप्ति पर टेस्टिंग की जरूरत नहीं होगी.