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हैरी पॉटर फेम हॉलीवुड एक्ट्रेस एमा वॉटसन ने ट्वीट की चिपको आंदोलन की तस्वीर, कही ये बात - Hollywood actress Emma Watson news

हैरी पॉटर फेम हॉलीवुड एक्ट्रेस एमा वॉटसन ने उत्तराखंड के चिपको आंदोलन की फोटो को ट्वीट किया है. एमा ने लिखा जंगल और पेड़ों को बचाने के लिए धन्यवाद.

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हॉलीवुड एक्ट्रेस एमा वॉटसन ने ट्वीट की चिपको आंदोलन की तस्वीर
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Published : Dec 10, 2021, 5:35 PM IST

Updated : Dec 10, 2021, 6:19 PM IST

देहरादून: पर्यावरण संरक्षण को लेकर हॉलीवुड की एक्ट्रेस एमा वॉटसन(Hollywood actress Emma Watson ) ने संदेश दिया है. एमा वॉटसन ने चिपको आंदोलन(Chipko Movement) की फोटो ट्वीट करते हुए अपनी बात को रखा है. ट्वीट में एमा वॉटसन ने लिखा है. 'जंगल और पेड़ों से बचाने के लिए धन्यवाद'.

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हॉलीवुड एक्ट्रेस एमा वॉटसन ने ट्वीट की चिपको आंदोलन की तस्वीर

एमा वॉटसन ने चिपको आंदोलन के बारे में लिखा है इन महिलाओं की ये तस्वीर चिपको आंदोलन की है. जिसमें गांव वालों ने सामाजिक रूप से एकत्र होकर पर्यावरण को बचाने के लिए अहिंसात्मक आदोलन किया. बता दें एमा वॉटसन अपनी खूबसूरती और बेहतर अदाकारी के लिए हॉलीवुड में जानी जाती हैं. एमा वाटसन बचपन से ही फिल्मों में काम करने लगी थीं. उन्होंने फिल्म हैरी पॉटर के लिए खूब सुर्खियां बटोरी थीं. इसी फिल्म से उन्होंने अलग पहचान बनाई. एमा वॉटसन एक ब्रिटिश एक्ट्रेस, मॉडल और एक्टिवस्ट हैं. एमा अपनी फिल्मों के अलावा अपने बेबाक बयानों के चलते भी सुर्खियों में रहती हैं. एमा हर मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखती हैं.

पढ़ें- दिल्ली में CDS बिपिन रावत के परिवार से मिले सीएम धामी, बंधाया ढांढस

क्या था चिपको आंदोलन: चिपको आन्दोलन एक पर्यावरण-रक्षा का आन्दोलन था. यह उत्तराखण्ड राज्य (तब उत्तर प्रदेश का भाग) में किसानों ने वृक्षों की कटाई का विरोध करने के लिए किया था. वे राज्य के वन विभाग के ठेकेदारों द्वारा वनों की कटाई का विरोध कर रहे थे. उन पर अपना परम्परागत अधिकार जता रहे थे. ग्रामीण महिलाओं ने इस आंदोलन का नेतृत्व किया था.

इस आंदोलन की शुरुआत चंडीप्रसाद भट्ट और गौरा देवी की ओर से की गई थी. भारत के प्रसिद्ध पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा ने आगे इसका नेतृत्व किया. इस आंदोलन में पेड़ों को काटने से बचाने के लिए गांव के लोग पेड़ से चिपक जाते थे. इसी वजह से इस आंदोलन का नाम चिपको आंदोलन पड़ा था.

पढ़ें- देहरादून में नौकरी का झांसा देकर युवती से 99 हजार की ठगी, केस दर्ज

चिपको आंदोलन की शुरुआत प्रदेश के चमोली जिले में गोपेश्वर नाम के एक स्थान पर की गई थी. आंदोलन साल 1972 में शुरू हुई जंगलों की अंधाधुंध और अवैध कटाई को रोकने के लिए शुरू किया गया. इस आंदोलन में महिलाओं का भी खास योगदान रहा. इस दौरान कई नारे भी मशहूर हुए और आंदोलन का हिस्सा बने. आखिर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को वनों की सुरक्षा के लिए कानून बनाना पड़ा था.

देहरादून: पर्यावरण संरक्षण को लेकर हॉलीवुड की एक्ट्रेस एमा वॉटसन(Hollywood actress Emma Watson ) ने संदेश दिया है. एमा वॉटसन ने चिपको आंदोलन(Chipko Movement) की फोटो ट्वीट करते हुए अपनी बात को रखा है. ट्वीट में एमा वॉटसन ने लिखा है. 'जंगल और पेड़ों से बचाने के लिए धन्यवाद'.

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हॉलीवुड एक्ट्रेस एमा वॉटसन ने ट्वीट की चिपको आंदोलन की तस्वीर

एमा वॉटसन ने चिपको आंदोलन के बारे में लिखा है इन महिलाओं की ये तस्वीर चिपको आंदोलन की है. जिसमें गांव वालों ने सामाजिक रूप से एकत्र होकर पर्यावरण को बचाने के लिए अहिंसात्मक आदोलन किया. बता दें एमा वॉटसन अपनी खूबसूरती और बेहतर अदाकारी के लिए हॉलीवुड में जानी जाती हैं. एमा वाटसन बचपन से ही फिल्मों में काम करने लगी थीं. उन्होंने फिल्म हैरी पॉटर के लिए खूब सुर्खियां बटोरी थीं. इसी फिल्म से उन्होंने अलग पहचान बनाई. एमा वॉटसन एक ब्रिटिश एक्ट्रेस, मॉडल और एक्टिवस्ट हैं. एमा अपनी फिल्मों के अलावा अपने बेबाक बयानों के चलते भी सुर्खियों में रहती हैं. एमा हर मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखती हैं.

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क्या था चिपको आंदोलन: चिपको आन्दोलन एक पर्यावरण-रक्षा का आन्दोलन था. यह उत्तराखण्ड राज्य (तब उत्तर प्रदेश का भाग) में किसानों ने वृक्षों की कटाई का विरोध करने के लिए किया था. वे राज्य के वन विभाग के ठेकेदारों द्वारा वनों की कटाई का विरोध कर रहे थे. उन पर अपना परम्परागत अधिकार जता रहे थे. ग्रामीण महिलाओं ने इस आंदोलन का नेतृत्व किया था.

इस आंदोलन की शुरुआत चंडीप्रसाद भट्ट और गौरा देवी की ओर से की गई थी. भारत के प्रसिद्ध पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा ने आगे इसका नेतृत्व किया. इस आंदोलन में पेड़ों को काटने से बचाने के लिए गांव के लोग पेड़ से चिपक जाते थे. इसी वजह से इस आंदोलन का नाम चिपको आंदोलन पड़ा था.

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चिपको आंदोलन की शुरुआत प्रदेश के चमोली जिले में गोपेश्वर नाम के एक स्थान पर की गई थी. आंदोलन साल 1972 में शुरू हुई जंगलों की अंधाधुंध और अवैध कटाई को रोकने के लिए शुरू किया गया. इस आंदोलन में महिलाओं का भी खास योगदान रहा. इस दौरान कई नारे भी मशहूर हुए और आंदोलन का हिस्सा बने. आखिर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को वनों की सुरक्षा के लिए कानून बनाना पड़ा था.

Last Updated : Dec 10, 2021, 6:19 PM IST
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