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Jim Corbett Birthday: मसूरी से भी जुड़ी हैं जिम कॉर्बेट की यादें, यहां पाली थी शेरनी, लोगों ने किया याद - जिम कॉर्बेट का जन्मदिन

मशहूर शिकारी जिम कॉर्बेट का पहाड़ों की रानी मसूरी से भी नाता था. जिम कॉर्बेट के पिता क्रिस्टोफर बिलियम मसूरी में पोस्ट मास्टर थे. इतिहासकार गोपाल भारद्वार बताते हैं कि जिम कॉर्बेट ने मसूरी में शेरनी पाल रखी थी. मसूरी के लोगों ने जिम कॉर्बेट को याद करते हुए उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी.

Jim Corbett Birthday
जिम कॉर्बेट की जयंती
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Published : Jul 25, 2023, 2:31 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 3:17 PM IST

जिम कॉर्बेट का मसूरी कनेक्शन

मसूरी: मशहूर इतिहासकार गोपाल भारद्वाज और मसूरी वासियों ने प्रसिद्ध शिकारी जिम कॉर्बेट के 148वें जन्मदिन पर जिम कॉर्बेट के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनको याद किया. मशहूर इतिहासकार गोपाल भारद्वाज ने बताया कि जिम कॉर्बेट का 148वां जन्म दिवस है. मसूरी से उनका काफी गहरा नाता रहा था.

Jim Corbett Birthday
मसूरी वासियों ने जयंती पर जिम कॉर्बेट को याद किया

जिम कॉर्बेट का मसूरी से भी था नाता: दरअसल जिम कॉर्बेट के पिता मसूरी के पोस्ट मास्टर के पद पर तैनात थे. कॉर्बेट के माता-पिता क्रिस्टोफर विलियम कॉर्बेट और मैरी जेन की शादी 13 अक्टूबर, 1859 को मसूरी के लंढौर क्षेत्र के चार दुकान में सेंट पॉल चर्च में हुई थी. क्रिस्टोफर लंढौर में पोस्ट मास्टर थे. 1869 में उनका तबादला नैनीताल हो गया था. 1875 में नैनीताल में जिम कॉर्बेट का जन्म हुआ. उन्होंने कहा कि जिम कॉर्बेट अपनी जवानी के समय पर अक्सर मसूरी आया करते थे. क्योंकि उनके काफी परिजन मसूरी रहते थे. वो यहां पर भी शिकार करना पसंद करते थे.

Jim Corbett Birthday
जिम कॉर्बेट से जुड़े चित्र दिखाते इतिहासकार गोपाल भारद्वाज

जिम कॉर्बेट ने रखी थी शेरनी: कॉर्बेट द्वारा मसूरी में एक शेरनी रखी हुई थी, जिससे वह बहुत प्यार करते थे. उस शेरनी की फोटो भी उनके पास मौजूद है. गोपाल भारद्वाज ने बताया कि जिम कॉर्बेट अपने वफादार कुत्ते रॉबिन के साथ पैदल शिकार करते समय कई आदमखोर बाघों और तेंदुए को मारने के लिए प्रसिद्ध थे. उन्होंने कई किताबें भी लिखी जिनमें आदमखोरों के साथ उनके साहसिक कारनामों का दिलचस्प विवरण किया गया है.

Jim Corbett Birthday
आज जिम कॉर्बेट की 148वीं जयंती है

जिम कॉर्बेट ने कई किताबें लिखीं: जिम कॉर्बेट ने मैन-ईटर्स ऑफ कुमाऊं, जंगल लोर और अपने शिकार और अनुभवों का वर्णन करने वाली अन्य किताबें लिखीं. वह एक बेहतरीन फोटोग्राफर के साथ उन्होंने भारत के वन्य जीवों संरक्षण को लेकर भी लोगों को जागरूक करने का काम किया. गोपाल भारद्वाज ने बताया कि अपने जीवन के दौरान, कॉर्बेट ने कई आमखोर तेंदुओं और बाघों को मार गिराया था.

आदमखोर वन्य जीवों का शिकार करते थे जिम: कॉर्बेट के अनुसार, इन बड़ी बिल्लियों ने 1,200 से अधिक पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को मार डाला था. उनके द्वारा मारा गया पहला आदमखोर बाघ, चंपावत टाइगर था जो अनुमानित 436 लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार था. कॉर्बेट द्वारा मारा गया पहला आदमखोर 1910 में पनार तेंदुआ था, जिसने कथित तौर पर 400 लोगों की जान ली. दूसरा 1926 में रुद्रप्रयाग का आदमखोर तेंदुआ था. इसने आठ साल से अधिक समय तक पवित्र हिंदू तीर्थस्थलों केदारनाथ और बदरीनाथ की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों समेत लगभग 126 लोगों को अपना शिकार बनाया था.

Jim Corbett Birthday
जिम कॉर्बेट की पाली शेरनी से खेलते पंडित जवाहर लाल नेहरू

जिम बहुत अच्छे फोटोग्राफर थे: कॉर्बेट ने 1920 के दशक के अंत में अपना पहला कैमरा खरीदा. अपने दोस्त फ्रेडरिक वाल्टर चैंपियन से प्रेरित होकर सिने फिल्म पर बाघों को रिकॉर्ड करना शुरू किया. जिम ने कुछ समय छोटी हल्द्वानी में भी बिताया, जिसे उन्होंने गोद लिया था और जिसे कॉर्बेट के गांव के नाम से जाना जाता था. जंगली जानवरों को परिसर से बाहर रखने के लिए कॉर्बेट और ग्रामीणों ने 1925 में गांव के चारों ओर एक दीवार बनाई. अभी भी यह दीवार खड़ी है. ग्रामीणों के अनुसार इसके निर्माण के बाद से ग्रामीणों पर जंगली जानवरों के हमलों को रोका गया.

जिम कॉर्बेट जानवरों के बारे में गहरी जानकारी रखते थे: अपनी छठी पुस्तक, ट्री टॉप्स को समाप्त करने के कुछ दिनों बाद दिल का दौरा पड़ने से कॉर्बेट की मृत्यु हो गई. उन्हें न्येरी के सेंट पीटर एंग्लिकन चर्च में दफनाया गया. गोपाल भारद्वाज ने कहा कि जिम कॉर्बेट जानवरों को लेकर ज्ञानी थे. वह जानवरों के बारे में बहुत अच्छी तरीके से जानते थे. उन्होंने कहा कि जिम कॉर्बेट एक बहुत बड़े शिकारी थे. वह मानव को खाने वाले शेर और बाघ को मारा करते थे. उन्होंने बताया कि जिम कॉर्बेट बहुत ही अच्छे फोटोग्राफर थे और उनके द्वारा खींची हुई फोटो और नेगेटिव उनके पास मौजूद हैं.
ये भी पढ़ें: Jim Corbett Birth Anniversary: एक ऐसा शिकारी जिसने मारे 33 नरभक्षी, हृदय परिवर्तन के बाद बना वन्य जीव संरक्षक

मसूरी में है जिम कॉर्बेट का कुकर: उन्होंने कहा कि उनके पास जिम कॉर्बेट द्वारा जंगल में खाना बनाए जाने को लेकर इंग्लैंड से मंगाया गया कुकर और स्टोव मौजूद है. उन्होंने कहा कि जिस महिला को जिम कॉर्बेट द्वारा सम्मान दिया गया था, उस महिला द्वारा जिम कार्बेट के सामान को उनको दिया गया था. ये सामान उनके पास आज भी संरक्षित कर रखे हुए हैं. उन्होंने बताया कि जिम कार्बेट अक्सर मसूरी के माल रोड में पैदल और डांडी से घूमा करते थे. वह डांडी जिम कार्बेट द्वारा मसूरी में निवास करने वाले एक मुस्लिम परिवार को दान दी गई थी. उन्होंने कहा कि जिम कॉर्बेट जब मसूरी आते थे तो मसूरी के सेंट पॉल चर्च में हमेशा प्रार्थना के लिए आया करते थे.

जिम कॉर्बेट का मसूरी कनेक्शन

मसूरी: मशहूर इतिहासकार गोपाल भारद्वाज और मसूरी वासियों ने प्रसिद्ध शिकारी जिम कॉर्बेट के 148वें जन्मदिन पर जिम कॉर्बेट के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनको याद किया. मशहूर इतिहासकार गोपाल भारद्वाज ने बताया कि जिम कॉर्बेट का 148वां जन्म दिवस है. मसूरी से उनका काफी गहरा नाता रहा था.

Jim Corbett Birthday
मसूरी वासियों ने जयंती पर जिम कॉर्बेट को याद किया

जिम कॉर्बेट का मसूरी से भी था नाता: दरअसल जिम कॉर्बेट के पिता मसूरी के पोस्ट मास्टर के पद पर तैनात थे. कॉर्बेट के माता-पिता क्रिस्टोफर विलियम कॉर्बेट और मैरी जेन की शादी 13 अक्टूबर, 1859 को मसूरी के लंढौर क्षेत्र के चार दुकान में सेंट पॉल चर्च में हुई थी. क्रिस्टोफर लंढौर में पोस्ट मास्टर थे. 1869 में उनका तबादला नैनीताल हो गया था. 1875 में नैनीताल में जिम कॉर्बेट का जन्म हुआ. उन्होंने कहा कि जिम कॉर्बेट अपनी जवानी के समय पर अक्सर मसूरी आया करते थे. क्योंकि उनके काफी परिजन मसूरी रहते थे. वो यहां पर भी शिकार करना पसंद करते थे.

Jim Corbett Birthday
जिम कॉर्बेट से जुड़े चित्र दिखाते इतिहासकार गोपाल भारद्वाज

जिम कॉर्बेट ने रखी थी शेरनी: कॉर्बेट द्वारा मसूरी में एक शेरनी रखी हुई थी, जिससे वह बहुत प्यार करते थे. उस शेरनी की फोटो भी उनके पास मौजूद है. गोपाल भारद्वाज ने बताया कि जिम कॉर्बेट अपने वफादार कुत्ते रॉबिन के साथ पैदल शिकार करते समय कई आदमखोर बाघों और तेंदुए को मारने के लिए प्रसिद्ध थे. उन्होंने कई किताबें भी लिखी जिनमें आदमखोरों के साथ उनके साहसिक कारनामों का दिलचस्प विवरण किया गया है.

Jim Corbett Birthday
आज जिम कॉर्बेट की 148वीं जयंती है

जिम कॉर्बेट ने कई किताबें लिखीं: जिम कॉर्बेट ने मैन-ईटर्स ऑफ कुमाऊं, जंगल लोर और अपने शिकार और अनुभवों का वर्णन करने वाली अन्य किताबें लिखीं. वह एक बेहतरीन फोटोग्राफर के साथ उन्होंने भारत के वन्य जीवों संरक्षण को लेकर भी लोगों को जागरूक करने का काम किया. गोपाल भारद्वाज ने बताया कि अपने जीवन के दौरान, कॉर्बेट ने कई आमखोर तेंदुओं और बाघों को मार गिराया था.

आदमखोर वन्य जीवों का शिकार करते थे जिम: कॉर्बेट के अनुसार, इन बड़ी बिल्लियों ने 1,200 से अधिक पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को मार डाला था. उनके द्वारा मारा गया पहला आदमखोर बाघ, चंपावत टाइगर था जो अनुमानित 436 लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार था. कॉर्बेट द्वारा मारा गया पहला आदमखोर 1910 में पनार तेंदुआ था, जिसने कथित तौर पर 400 लोगों की जान ली. दूसरा 1926 में रुद्रप्रयाग का आदमखोर तेंदुआ था. इसने आठ साल से अधिक समय तक पवित्र हिंदू तीर्थस्थलों केदारनाथ और बदरीनाथ की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों समेत लगभग 126 लोगों को अपना शिकार बनाया था.

Jim Corbett Birthday
जिम कॉर्बेट की पाली शेरनी से खेलते पंडित जवाहर लाल नेहरू

जिम बहुत अच्छे फोटोग्राफर थे: कॉर्बेट ने 1920 के दशक के अंत में अपना पहला कैमरा खरीदा. अपने दोस्त फ्रेडरिक वाल्टर चैंपियन से प्रेरित होकर सिने फिल्म पर बाघों को रिकॉर्ड करना शुरू किया. जिम ने कुछ समय छोटी हल्द्वानी में भी बिताया, जिसे उन्होंने गोद लिया था और जिसे कॉर्बेट के गांव के नाम से जाना जाता था. जंगली जानवरों को परिसर से बाहर रखने के लिए कॉर्बेट और ग्रामीणों ने 1925 में गांव के चारों ओर एक दीवार बनाई. अभी भी यह दीवार खड़ी है. ग्रामीणों के अनुसार इसके निर्माण के बाद से ग्रामीणों पर जंगली जानवरों के हमलों को रोका गया.

जिम कॉर्बेट जानवरों के बारे में गहरी जानकारी रखते थे: अपनी छठी पुस्तक, ट्री टॉप्स को समाप्त करने के कुछ दिनों बाद दिल का दौरा पड़ने से कॉर्बेट की मृत्यु हो गई. उन्हें न्येरी के सेंट पीटर एंग्लिकन चर्च में दफनाया गया. गोपाल भारद्वाज ने कहा कि जिम कॉर्बेट जानवरों को लेकर ज्ञानी थे. वह जानवरों के बारे में बहुत अच्छी तरीके से जानते थे. उन्होंने कहा कि जिम कॉर्बेट एक बहुत बड़े शिकारी थे. वह मानव को खाने वाले शेर और बाघ को मारा करते थे. उन्होंने बताया कि जिम कॉर्बेट बहुत ही अच्छे फोटोग्राफर थे और उनके द्वारा खींची हुई फोटो और नेगेटिव उनके पास मौजूद हैं.
ये भी पढ़ें: Jim Corbett Birth Anniversary: एक ऐसा शिकारी जिसने मारे 33 नरभक्षी, हृदय परिवर्तन के बाद बना वन्य जीव संरक्षक

मसूरी में है जिम कॉर्बेट का कुकर: उन्होंने कहा कि उनके पास जिम कॉर्बेट द्वारा जंगल में खाना बनाए जाने को लेकर इंग्लैंड से मंगाया गया कुकर और स्टोव मौजूद है. उन्होंने कहा कि जिस महिला को जिम कॉर्बेट द्वारा सम्मान दिया गया था, उस महिला द्वारा जिम कार्बेट के सामान को उनको दिया गया था. ये सामान उनके पास आज भी संरक्षित कर रखे हुए हैं. उन्होंने बताया कि जिम कार्बेट अक्सर मसूरी के माल रोड में पैदल और डांडी से घूमा करते थे. वह डांडी जिम कार्बेट द्वारा मसूरी में निवास करने वाले एक मुस्लिम परिवार को दान दी गई थी. उन्होंने कहा कि जिम कॉर्बेट जब मसूरी आते थे तो मसूरी के सेंट पॉल चर्च में हमेशा प्रार्थना के लिए आया करते थे.

Last Updated : Jul 25, 2023, 3:17 PM IST
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