देहरादूनः डोईवाला की गढ़वाली कॉलोनी के रहने वाले हिंदू युवक वैभव बिजल्वाण के 4 सालों से अपने घर में बंद होकर इस्लाम धर्म का अनुयायी बनने की खबर चर्चाओं में है. पुलिस ने वैभव बिजल्वाण की मानसिक स्थिति ठीक न होने की बात कही है और हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में भर्ती कराया है. जहां मनोचिकित्सक की देखरेख में वैभव का इलाज चल रहा है. अब पुलिस ने उसके मोबाइल और लैपटॉप को लैब भेज दिया है.
पुलिस ने मोबाइल और लैपटॉप लैब भेजाः पुलिस की मानें तो वैभव बिजल्वाण के मोबाइल और लैपटॉप से कोई ऐसा साक्ष्य नहीं मिला है, जिससे युवक के तार पाकिस्तान या आतंकी संगठनों से जुड़े हों. फिलहाल, पुलिस ने वैभव के मोबाइल और लैपटॉप को परीक्षण के लिए लैब भेज दिया है. साथ ही मोबाइल और लैपटॉप से डिलीट किए गए मैसेज समेत अन्य दस्तावेजों को रिकवर करने की कार्रवाई में जुट गई है.
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5 वक्त की नमाज के साथ मौलवियों को करता था फॉलोः जानकारी के मुताबिक, युवक अभी अवसाद में है. जिसके चलते वो ज्यादा जानकारी देने की स्थिति में नहीं है. डॉक्टर की मानें तो युवक का इलाज एक साल से ज्यादा समय तक चलने की संभावना है. आरोप था कि युवक न सिर्फ पांच वक्त की नमाज पढ़ता था. बल्कि, ऑनलाइन उर्दू सीखने के साथ ही मौलवियों समेत प्रचार प्रसार करने वाले धर्मगुरुओं को भी सोशल मीडिया पर फॉलो कर रहा था. इसकी जानकारी होने पर युवक के पिता ने स्थानीय पुलिस को सूचना दी थी. जिसके बाद पुलिस ने वैभव बिजल्वाण से पूछताछ की.
3 से 4 साल में कभी कभार ही घर से बाहर निकलाः प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, युवक मानसिक रूप से बीमार बताया जा रहा है. पिछले 3 से 4 साल के दौरान वो कभी कभार ही अपने कमरे से बाहर निकला है. अपने कमरे में रहकर ही युवक के मोबाइल के जरिए इस्लाम धर्म के प्रभाव में आकर अनुयायी बनने की बात सामने आई है. पुलिस की मानें तो युवक की मानसिक स्थिति को देखते हुए उसका इलाज चल रहा है.
क्या बोली पुलिस? देहरादून एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि युवक की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. इसलिए युवक का मानसिक इलाज चलाया जा रहा है. साथ ही युवक के मोबाइल और लैपटॉप की जांच साइबर पुलिस से कराई जा रही है. जांच के बाद ही पता चल सकेगा कि युवक के किन लोगों के साथ संबंध हैं.