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देहरादून: ऑरेंज जोन पर उठे सवाल, हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

देहरादून को ऑरेंज जोन में रखने पर नैनीताल हाईकोर्ट ने 18 मई तक केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा है.

Dehradun in Orange zone
देहरादून के ऑरेंज जोन में होने पर उठे सवाल.
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Published : May 17, 2020, 8:01 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच एक नई समस्या सामने आई है. उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले देहरादून में हैं. लेकिन देहरादून ऑरेंज जोन में है. वहीं हरिद्वार में कोरोना के कम मामले होने के बावजूद उसे रेड जोन में रखा गया है. जिसपर लॉ स्टूडेंट्स ने आपत्ति जताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.

याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 18 मई तक केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा है. देहरादून जिला प्रशासन ने मामले में कहा कि किस जिले को किस जोन में रखना है. उसका फैसला केंद्र सरकार लेती है. जोन निर्धारित करने के लिए पॉजिटिव मामलों को नहीं देखा जाता है.

ऑरेंज जोन पर उठे सवाल.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड: न काष्ठ रहा न कलाकार, अंतिम सांसें गिन रहा पुश्तैनी विरासत

देहरादून जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव के मुताबिक जोन का फैसला का फैसला केंद्र सरकार करती है. केंद्र सरकार सिर्फ पॉजिटिव मामलों के आधार पर फैसला नहीं करती है. जोन निर्धारित करने से पहले सरकार उस जिले की रिकवरी रेट, संदिग्ध मरीजों की संख्या के आधार पर निर्धारित होता है. देहरादून की स्थिति मौजूदा समय में संतोषजनक है. क्योंकि शहर में कोई पॉजिटिव केस नहीं आ रहे हैं.

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच एक नई समस्या सामने आई है. उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले देहरादून में हैं. लेकिन देहरादून ऑरेंज जोन में है. वहीं हरिद्वार में कोरोना के कम मामले होने के बावजूद उसे रेड जोन में रखा गया है. जिसपर लॉ स्टूडेंट्स ने आपत्ति जताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.

याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 18 मई तक केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा है. देहरादून जिला प्रशासन ने मामले में कहा कि किस जिले को किस जोन में रखना है. उसका फैसला केंद्र सरकार लेती है. जोन निर्धारित करने के लिए पॉजिटिव मामलों को नहीं देखा जाता है.

ऑरेंज जोन पर उठे सवाल.

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देहरादून जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव के मुताबिक जोन का फैसला का फैसला केंद्र सरकार करती है. केंद्र सरकार सिर्फ पॉजिटिव मामलों के आधार पर फैसला नहीं करती है. जोन निर्धारित करने से पहले सरकार उस जिले की रिकवरी रेट, संदिग्ध मरीजों की संख्या के आधार पर निर्धारित होता है. देहरादून की स्थिति मौजूदा समय में संतोषजनक है. क्योंकि शहर में कोई पॉजिटिव केस नहीं आ रहे हैं.

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