देहरादूनः उत्तराखंड में वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार अब गंभीर होती दिख रही है. सरकार ने आग पर काबू पाने के लिए हेलीकॉप्टर का सहारा लेने का निर्णय लिया है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि सरकार के इस निर्णय से शायद कुछ हद तक आग पर काबू किया जा सकता है.
उत्तराखंड में वनों की अग्नि को नियंत्रित करने के लिए आज मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने वीसी के जरिए वन विभाग के अधिकारियों की बैठक ली. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से वनाग्नि पर नियंत्रण करने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए. सीएम रावत ने प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी को निर्देश दिए हैं कि वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए पुख्ता व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली जाएं. इसके लिए युद्धस्तर पर तैयारियां करने को कहा.
ये भी पढ़ेंः आग के संकट से कब बाहर निकलेंगे उत्तराखंड के जंगल?
उन्होंने कहा कि दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में जहां पहुंचना बहुत मुश्किल हो, वहां वनाग्नि शमन के लिए हेलीकॉप्टर की उपलब्धता होनी चाहिए. वनाग्नि के प्रति जन जागरूकता पर विशेष ध्यान दिया जाए और इसे रोकने में स्थानीय लोगों से भी सहयोग लिया जाए. स्थानीय सहभागिता से ही वनों का संरक्षण किया जा सकता है.
ये भी पढ़ेंः नैनीताल जिले में खूब धधक रहे जंगल, अबतक 23 लाख से ज्यादा की वन संपदा खाक
वहीं, मुख्यमंत्री तीरथ रावत ने कहा कि वनाग्नि प्रबंधन की नियमित समीक्षा की जाए और फील्ड लेवल तक सभी जरूरी उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित हो. फायर लाइन की भी मॉनिटरिंग की जाए. इसके लिए ड्रोन का भी उपयोग किया जा सकता है. वनाग्नि शमन के दौरान मृतक कार्मिकों और स्थानीय नागरिकों के परिवारों को अनुग्रह राशि अविलंब उपलब्ध कराई जाएं.
ये भी पढ़ेंः पहाड़ों में दिनों-दिन बढ़ रही वनाग्नि की घटनाएं, संसाधनों का रोना रो रहा विभाग
बता दें कि इनदिनों उत्तराखंड के हिस्सों में जंगल धू-धू कर जल रहे हैं. वनाग्नि से अभी तक लाखों की बहुमूल्य वन संपदा जलकर राख हो चुकी है. सरकार हर बार वनाग्नि को रोकना का दावा तो करती है लेकिन होता असल में कुछ भी नहीं. बरहाल अब आग पर काबू पाने के लिए हेलीकॉप्टर का सहारा लेने की योजना बनाई जा रही है. फिलहाल, यह कितना कारगर साबित होता है, ये धरातल पर उतरने पर ही नजर आएगा.