देहरादूनः बीते दिनों उत्तरकाशी में आयी आपदा के बाद राहत एवं बचाव कार्य में जुटा एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी. वहीं एक हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी थी. इस हादसे का मुख्य कारण घाटियों में लगे ट्रॉली तार थे. जिससे टकराकर हेलीकॉप्टर अपना संतुलन खो बैठे और हादसे का शिकार हो गए.
इस संबंध में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि वो कई बार मिनिस्ट्री को पत्र लिख चुके हैं ताकि उत्तराखंड की इन घाटियों में लगे केबलों की मार्किंग कर दी जाए.
गौर हो कि 21 अगस्त को राहत एवं बचाव कार्यों में जुटा प्राइवेट कंपनी का हेलीकॉप्टर घाटियों में लगे केबलों से टकराकर क्रैश हो गया था. जिसमें पायलट, इंजीनियर समेत तीन लोगों की मौत ही गयी थी.
इस घटना के दो दिन बाद ही 23 अगस्त को एक और हेलीकॉप्टर इन केबलों से टकराकर अपना संतुलन खो बैठा, लेकिन पायलट ने सूझबूझ से हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग करा दी थी. हालांकि पायलट और को-पायलट दोनों को चोट जरूर आयी.
हेलीकॉप्टर हादसे के बाद ईटीवी भारत ने घाटियों में लगे केबलों की मार्किंग की खबर को प्रमुखता से उठाया था. यही नहीं इन केबलों की वजह से दुर्घटनाग्रस्त हुए दूसरे हेलीकॉप्टर के पायलट सुरेंद्र जाना ने भी पहले ही ईटीवी भारत के माध्यम से सरकार से अपील की थी कि विदेशों की तर्ज पर इन घाटियों में लगे केबलों की मार्किंग कराई जाए, लेकिन प्रशासन की सुस्ती के चलते, पायलट जाना भी हादसे के शिकार हो गए. लिहाजा अपनी सूझबूझ से हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग कर दी थी.
यह भी पढ़ेंः पौड़ी में मौजूद चंद्रशेखर आजाद की स्मृतियों से अंजान हैं सांसद तीरथ सिंह रावत
तो वहीं अब पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि केबलों पर बैलून या फ्लैग लगाने को लेकर मिनिस्ट्री को पत्र भेजे जा चुके हैं ताकि हेलीकॉप्टर के पायलटों को केबलों का पता चल सके. हालांकि इन केबलों की वजह से दो हेलीकॉप्टर क्रैश हुए. लिहाजा उत्तराखंड की घाटियों में लगे केबलों पर बैलून या फ्लैग लगाए जाएंगे. ताकि हेलीकॉप्टरों को दुर्घटनाग्रस्त होने से रोक जा सके.