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केबल मार्किंग के लिए सतपाल महाराज कई बार लिख चुके खत, उड्डयन मंत्रालय नहीं कर रहा सुनवाई

उत्तरकाशी में हाल ही में हेलीकॉप्टर क्रैश और इमरजेंसी लैंडिंग का कारण घाटियों में लगे केबलों की मार्किंग न होना बताया जा रहा है. इस संबंध में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि केबलों पर बैलून या फ्लैग लगाने को लेकर मिनिस्ट्री को पत्र भेज चुके हैं.

हेलीकॉप्टर क्रेश
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Published : Aug 26, 2019, 3:02 PM IST

Updated : Aug 26, 2019, 3:34 PM IST

देहरादूनः बीते दिनों उत्तरकाशी में आयी आपदा के बाद राहत एवं बचाव कार्य में जुटा एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी. वहीं एक हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी थी. इस हादसे का मुख्य कारण घाटियों में लगे ट्रॉली तार थे. जिससे टकराकर हेलीकॉप्टर अपना संतुलन खो बैठे और हादसे का शिकार हो गए.

केबलों की मार्किंग के संबंध में सतपाल महाराज ने रखा पक्ष.

इस संबंध में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि वो कई बार मिनिस्ट्री को पत्र लिख चुके हैं ताकि उत्तराखंड की इन घाटियों में लगे केबलों की मार्किंग कर दी जाए.

गौर हो कि 21 अगस्त को राहत एवं बचाव कार्यों में जुटा प्राइवेट कंपनी का हेलीकॉप्टर घाटियों में लगे केबलों से टकराकर क्रैश हो गया था. जिसमें पायलट, इंजीनियर समेत तीन लोगों की मौत ही गयी थी.

इस घटना के दो दिन बाद ही 23 अगस्त को एक और हेलीकॉप्टर इन केबलों से टकराकर अपना संतुलन खो बैठा, लेकिन पायलट ने सूझबूझ से हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग करा दी थी. हालांकि पायलट और को-पायलट दोनों को चोट जरूर आयी.

हेलीकॉप्टर हादसे के बाद ईटीवी भारत ने घाटियों में लगे केबलों की मार्किंग की खबर को प्रमुखता से उठाया था. यही नहीं इन केबलों की वजह से दुर्घटनाग्रस्त हुए दूसरे हेलीकॉप्टर के पायलट सुरेंद्र जाना ने भी पहले ही ईटीवी भारत के माध्यम से सरकार से अपील की थी कि विदेशों की तर्ज पर इन घाटियों में लगे केबलों की मार्किंग कराई जाए, लेकिन प्रशासन की सुस्ती के चलते, पायलट जाना भी हादसे के शिकार हो गए. लिहाजा अपनी सूझबूझ से हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग कर दी थी.

यह भी पढ़ेंः पौड़ी में मौजूद चंद्रशेखर आजाद की स्मृतियों से अंजान हैं सांसद तीरथ सिंह रावत

तो वहीं अब पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि केबलों पर बैलून या फ्लैग लगाने को लेकर मिनिस्ट्री को पत्र भेजे जा चुके हैं ताकि हेलीकॉप्टर के पायलटों को केबलों का पता चल सके. हालांकि इन केबलों की वजह से दो हेलीकॉप्टर क्रैश हुए. लिहाजा उत्तराखंड की घाटियों में लगे केबलों पर बैलून या फ्लैग लगाए जाएंगे. ताकि हेलीकॉप्टरों को दुर्घटनाग्रस्त होने से रोक जा सके.

देहरादूनः बीते दिनों उत्तरकाशी में आयी आपदा के बाद राहत एवं बचाव कार्य में जुटा एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी. वहीं एक हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी थी. इस हादसे का मुख्य कारण घाटियों में लगे ट्रॉली तार थे. जिससे टकराकर हेलीकॉप्टर अपना संतुलन खो बैठे और हादसे का शिकार हो गए.

केबलों की मार्किंग के संबंध में सतपाल महाराज ने रखा पक्ष.

इस संबंध में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि वो कई बार मिनिस्ट्री को पत्र लिख चुके हैं ताकि उत्तराखंड की इन घाटियों में लगे केबलों की मार्किंग कर दी जाए.

गौर हो कि 21 अगस्त को राहत एवं बचाव कार्यों में जुटा प्राइवेट कंपनी का हेलीकॉप्टर घाटियों में लगे केबलों से टकराकर क्रैश हो गया था. जिसमें पायलट, इंजीनियर समेत तीन लोगों की मौत ही गयी थी.

इस घटना के दो दिन बाद ही 23 अगस्त को एक और हेलीकॉप्टर इन केबलों से टकराकर अपना संतुलन खो बैठा, लेकिन पायलट ने सूझबूझ से हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग करा दी थी. हालांकि पायलट और को-पायलट दोनों को चोट जरूर आयी.

हेलीकॉप्टर हादसे के बाद ईटीवी भारत ने घाटियों में लगे केबलों की मार्किंग की खबर को प्रमुखता से उठाया था. यही नहीं इन केबलों की वजह से दुर्घटनाग्रस्त हुए दूसरे हेलीकॉप्टर के पायलट सुरेंद्र जाना ने भी पहले ही ईटीवी भारत के माध्यम से सरकार से अपील की थी कि विदेशों की तर्ज पर इन घाटियों में लगे केबलों की मार्किंग कराई जाए, लेकिन प्रशासन की सुस्ती के चलते, पायलट जाना भी हादसे के शिकार हो गए. लिहाजा अपनी सूझबूझ से हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग कर दी थी.

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तो वहीं अब पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि केबलों पर बैलून या फ्लैग लगाने को लेकर मिनिस्ट्री को पत्र भेजे जा चुके हैं ताकि हेलीकॉप्टर के पायलटों को केबलों का पता चल सके. हालांकि इन केबलों की वजह से दो हेलीकॉप्टर क्रैश हुए. लिहाजा उत्तराखंड की घाटियों में लगे केबलों पर बैलून या फ्लैग लगाए जाएंगे. ताकि हेलीकॉप्टरों को दुर्घटनाग्रस्त होने से रोक जा सके.

Intro:नोट - फीड मेल से भेजी गई है......uk_deh_02_helicopter_crash_vis_7205803

बीते दिनों उत्तरकाशी में आयी आपदा में राहत बचाव कार्य मे जुटी एक हेलीकॉप्टर क्रेश और एक हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई थी। जिसका मुख्य कारण घाटियों में लगे ट्रॉली के तार थे। जिसमें टकराकर हेलीकॉप्टर अपना संतुलन खो बैठा और एक हेलीकॉप्टर क्रेश तो दूसरे हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी। तो वही पर्यटन मंत्री का कहना है कि वो कई बार मिनिस्ट्री को पत्र लिख चुके है ताकि उत्तराखंड की इन घाटियों में लगे केबलों की मार्किंग कर दी जाए। 


Body:गौर हो कि 21 अगस्त को आपदा राहत बचाव कार्यो में जुटी प्राइवेट हेलीकॉप्टर, घाटियों में लगे केबलों से टकराकर क्रैश हो गया था जिसमे पायलट, को-पायलट समेत तीन लोगो की मौत ही गयी थी। इस घटना के दो दिन बाद ही 23 अगस्त को एक और हेलीकॉप्टर इन केबलों से टकराकर अपना संतुलन खो बैठा था। लेकिन पायलट, अपनी काबिलियत और सूझबूझ से हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग करा दी थी। हालांकि पायलट और को-पायलट दोनों को चोट जरूर आयी।


हालांकि 21 अगस्त को पहला हेलीकॉप्टर क्रेश होने बाद ईटीवी भारत ने घाटियों में लगे केबलों की मार्किंग का खबर प्रमुखता से उठाया था, यही नही इन केबलों की वजह से दुर्घटनाग्रस्त हुई दूसरी हेलीकॉप्टर के पायलट सुरेंद्र जाना ने भी पहले ही ईटीवी भारत के माध्यम से सरकार से अपील किया था कि विदेशों की तर्ज पर इन घाटियों में लगे केबलों की मार्किंग कराई जाए। लेकिन प्रशासन की सुस्ती के चलते, पायलट जाना भी इसी हादसे के शिकार हो गए। लिहाजा अपनी सूझबूझ से हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग कर दी थी। 


तो वही अब पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि केबलों पर बैलून या फ्लैग लगाने को लेकर मिनिस्ट्री को पत्र भेज चुके है। ताकि हेलीकॉप्टर से केबलों का पता चल सके। हालांकि इन केबलों की वजह से दो हेलीकॉप्टर क्रेश हुए, लिहाजा उत्तराखंड की घाटियों में लगे केबलों पर बैलून या फ्लैग लगाए जाएंगे। ताकि हेलीकॉप्टरो को दुर्घटनाग्रस्त होने से रोक जा सके। साथ ही बताया कि मिनिस्ट्री को कई बार वो पत्र लिख चुके है कि उत्तराखंड की घाटियों में लगे कैबलो की बैलून या फ्लैग से मार्किंग की जाए।

बाइट - सतपाल महाराज, पर्यटन मंत्री, उत्तराखंड


Conclusion:
Last Updated : Aug 26, 2019, 3:34 PM IST
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