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अलविदा 2019: इन हेलीकॉप्टर हादसों से सहम गई थी देवभूमि

साल 2019 में उत्तराखंड में तीन हेलीकॉप्टर दुर्घनाएं हुईं. जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई, जबकि 2 लोग घायल हो गये. वहीं, राज्य गठन से अब तक प्रदेश में 9 हेलिकॉप्टर हादसे हो चुके हैं, जिसमें करीब 27 लोग अपनी जान गवां चुके हैं.

Helicopter accidents
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Published : Dec 30, 2019, 7:02 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से अब तक प्रदेश में 9 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं. जिसमें करीब 27 लोग अपनी जान गवां चुके हैं. लेकिन साल 2019 में हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं उत्तराखंड के लिए बेहद चिंताजनक रहीं. क्योंकि, इस साल ही 3 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं हुई हैं. जिसमें 3 लोगों की मौत और 2 लोग घायल हुए. आखिर क्या रही हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने की वजह? क्या है आंकड़े ? देखिये ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट...

साल 2019 में हुई हेलीकॉप्टर हादसे.

उत्तराखंड राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते प्रदेश में बादल फटने, भूस्खलन होना, भूकंप आने के कारण आपदा जैसी स्थिति बनना आम बात है. जिसके चलते कई बार पहाड़ी क्षेत्रों के हालात ऐसे बन जाते हैं कि रेस्क्यू करने और राहत बचाव में हेलीकॉप्टर का प्रयोग किया जाता है. साथ कई हेलीकॉप्टर राहत बचाव कार्यों के दौरान ही दुर्घटना ग्रस्त हुए हैं.

साल 2019 में हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं

पहली घटनाः- 21 अगस्त 2019

उत्तरकाशी में बादल फटने से मची तबाही के बाद 21 अगस्त 2019 को राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे 3 हेलीकॉप्टरों में से एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था. मोल्डी गांव में लगे केबलों से उलझलने से हेलीकॉप्टर दुर्घटना का शिकार हुआ था. जिसमें पायलट, सह-पायलट समेत तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी.

दूसरी घटनाः- 23 अगस्त 2019

21 अगस्त 2019 को मोल्डी गांव में हुए हादसे के बाद प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया. हादसे के तीन दिन बाद 23 अगस्त 2019 को उत्तरकाशी के टिकोची में हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया. इस बार भी हेलीकॉप्टर हादसे का कारण केबल रही. हालांकि, इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई. बता दें, 21 अगस्त को हुए हादसे के बाद ईटीवी भारत ने पायलट जाना ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में घाटियों में लगी केबलों की मार्किंग कराने की अपील की थी और उसके दूसरे दिन खुद पायलट जाना भी घाटियों में लगी इन्हीं केबलों का शिकार हो गए थे.

तीसरी घटनाः- 23 सितंबर 2019

इसके साथ ही 23 सितंबर 2019 को केदारनाथ में हेलीपैड पर एयर हेली कंपनी का हेलीकॉप्टर टेक ऑफ करते हुए क्रैश हो गया था. जिसमें सवार पायलट समेत 6 यात्रियों को सुरक्षित निकल लिये गया था. यह हादसा हेलीकॉप्टर टेक ऑफ करते समय संतुलन बिगड़ने की वजह से हुआ था.

हेलीकॉप्टर दुर्घटना ग्रस्त होने की कुछ अन्य घटनाएं

  • केदारघाटी में साल 2013 में आयी भीषण आपदा के दौरान राहत बचाव कार्यों में जुटे तीन हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हुए थे. जिसमें करीब 23 लोगों की मौत हुई थी. इन दुर्घटनाओं में दो निजी हेलीकॉप्टर और एक भारतीय वायु सेना का एमआई-17 शामिल था. इसकी मुख्य वजह मौसम की खराबी और ओवर लोडिंग बतायी जा रही थी.
  • 18 मई 2017 को केदारनाथ में एक निजी कंपनी का हेलीकॉप्टर, हेलीपैड पर ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.
  • 10 जून 2017 को यात्रियों को बदरीनाथ से हरिद्वार ले जा रहा एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. जिसमें चालक दल में शामिल एक इंजीनियर की मौत हो गई थी. पायलट और को पायलट घायल हो गए थे.
  • 3 अप्रैल 2018 को केदारनाथ धाम के पास भारतीय वायु सेना का एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. जिसके कारण उसमे आग लग गई थी. जिस हादसे में पायलट समेत चार लोग घायल हुए थे.

देहरादून: उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से अब तक प्रदेश में 9 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं. जिसमें करीब 27 लोग अपनी जान गवां चुके हैं. लेकिन साल 2019 में हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं उत्तराखंड के लिए बेहद चिंताजनक रहीं. क्योंकि, इस साल ही 3 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं हुई हैं. जिसमें 3 लोगों की मौत और 2 लोग घायल हुए. आखिर क्या रही हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने की वजह? क्या है आंकड़े ? देखिये ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट...

साल 2019 में हुई हेलीकॉप्टर हादसे.

उत्तराखंड राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते प्रदेश में बादल फटने, भूस्खलन होना, भूकंप आने के कारण आपदा जैसी स्थिति बनना आम बात है. जिसके चलते कई बार पहाड़ी क्षेत्रों के हालात ऐसे बन जाते हैं कि रेस्क्यू करने और राहत बचाव में हेलीकॉप्टर का प्रयोग किया जाता है. साथ कई हेलीकॉप्टर राहत बचाव कार्यों के दौरान ही दुर्घटना ग्रस्त हुए हैं.

साल 2019 में हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं

पहली घटनाः- 21 अगस्त 2019

उत्तरकाशी में बादल फटने से मची तबाही के बाद 21 अगस्त 2019 को राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे 3 हेलीकॉप्टरों में से एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था. मोल्डी गांव में लगे केबलों से उलझलने से हेलीकॉप्टर दुर्घटना का शिकार हुआ था. जिसमें पायलट, सह-पायलट समेत तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी.

दूसरी घटनाः- 23 अगस्त 2019

21 अगस्त 2019 को मोल्डी गांव में हुए हादसे के बाद प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया. हादसे के तीन दिन बाद 23 अगस्त 2019 को उत्तरकाशी के टिकोची में हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया. इस बार भी हेलीकॉप्टर हादसे का कारण केबल रही. हालांकि, इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई. बता दें, 21 अगस्त को हुए हादसे के बाद ईटीवी भारत ने पायलट जाना ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में घाटियों में लगी केबलों की मार्किंग कराने की अपील की थी और उसके दूसरे दिन खुद पायलट जाना भी घाटियों में लगी इन्हीं केबलों का शिकार हो गए थे.

तीसरी घटनाः- 23 सितंबर 2019

इसके साथ ही 23 सितंबर 2019 को केदारनाथ में हेलीपैड पर एयर हेली कंपनी का हेलीकॉप्टर टेक ऑफ करते हुए क्रैश हो गया था. जिसमें सवार पायलट समेत 6 यात्रियों को सुरक्षित निकल लिये गया था. यह हादसा हेलीकॉप्टर टेक ऑफ करते समय संतुलन बिगड़ने की वजह से हुआ था.

हेलीकॉप्टर दुर्घटना ग्रस्त होने की कुछ अन्य घटनाएं

  • केदारघाटी में साल 2013 में आयी भीषण आपदा के दौरान राहत बचाव कार्यों में जुटे तीन हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हुए थे. जिसमें करीब 23 लोगों की मौत हुई थी. इन दुर्घटनाओं में दो निजी हेलीकॉप्टर और एक भारतीय वायु सेना का एमआई-17 शामिल था. इसकी मुख्य वजह मौसम की खराबी और ओवर लोडिंग बतायी जा रही थी.
  • 18 मई 2017 को केदारनाथ में एक निजी कंपनी का हेलीकॉप्टर, हेलीपैड पर ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.
  • 10 जून 2017 को यात्रियों को बदरीनाथ से हरिद्वार ले जा रहा एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. जिसमें चालक दल में शामिल एक इंजीनियर की मौत हो गई थी. पायलट और को पायलट घायल हो गए थे.
  • 3 अप्रैल 2018 को केदारनाथ धाम के पास भारतीय वायु सेना का एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. जिसके कारण उसमे आग लग गई थी. जिस हादसे में पायलट समेत चार लोग घायल हुए थे.
Intro:नोट - फीड ftp से भेजी गई है......
uk_deh_01_helicopter_accident_vis_7205803


उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से अब तक प्रदेश में 9 हेलिकॉप्टर दुर्घटना ग्रस्त हो चुके है। जिसमे करीब 27 लोग अपनी जान गवां चुके है। लेकिन साल 2019 में हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटनाए, उत्तराखंड के लिए बेहद चिंताजनक रही है। क्योंकि इस साल ही 3 हेलीकॉप्टर दुर्घटना ग्रस्त हुई है। जिसमे 3 लोगो की मौत और 2 लोग घायल हो गए थे। आखिर क्या रही है उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर के दुर्घटना ग्रस्त होने की वजह और क्या है आंकड़े? देखिये ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट.....


Body:उत्तराखंड राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते प्रदेश में बादल फटने, भूस्खलन होना, भूकंप आने के कारण आपदा जैसी स्थिति बनना आम बात है। जिसके चलते कई बार पहाड़ी क्षेत्रों के हालात ऐसे बन जाते है कि रेस्क्यू करने और राहत बचाव में हेलीकॉप्टर का प्रयोग किया जाता है। और यही वजह है कि अनुमान हेलीकॉप्टर राहत बचाव कार्यो के दौरान ही दुर्घटना ग्रस्त हुए है। 


....साल 2019 में तीन हेलीकॉप्टर हुई थी दुर्घटनाग्रस्त....

- उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बादल फटने से मची तबाही के बाद 21 अगस्त 2019 को राहत एवं बचाव कार्यो में जुटी 3 हेलीकॉप्टरो में से एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था। मोल्डी गांव में लगे केबल की तारों से टकराने के चलते यह हेलीकॉप्टर क्रेश हो गया था। जिसमे सवार पायलट, सह-पायलट समेत तीन लोगो की मौके पर ही मौत हो गई थी। 

- यही नही 23 अगस्त 2019 को उत्तराखंड के टिकोची में आपदा के राहत बचाव कार्यो में जुटी हेलीकॉप्टर केवल की तारो में उलझने की वजह से दुर्घटना ग्रस्त हो गयी थी। जिसमे हेलीकॉप्टर में सवार एक पायलट और एक को-पायलट दोनों घायल हो गए थे। हालांकि इस दुर्घटना की वजह कही ना कही प्रशासन जिम्मेदार है क्योंकि 21 अगस्त 2019 को हुई हेलीकॉप्टर क्रैश के बाद पायलट जाना ने ईटीवी भारत से एक्सक्लुसिव बातचीत में घाटियों में लगे केबलों की मार्किंग कराने की अपील की थी। और उसी के दूसरे दिन खुद, पायलट जाना भी घाटियों में लगे इन्ही केबलों का शिकार हो गए थे। 

- इसके साथ ही 23 सितंबर 2019 को केदारनाथ में हेलीपैड पर एयर हेली कंपनी का हेलीकॉप्टर टेक ऑफ करते हुए क्रैश हो गया था। जिसमे सवार पायलट समेत 6 यात्रियों को सुरक्षित निकल लिये गया था। हालांकि हेलीकॉप्टर टेक ऑफ करते वक़्त हेलीकॉप्टर का बैलेंस बिगड़ने की वजह से हेलीकॉप्टर दुर्घटना ग्रस्त हुआ था। 


........साल 2013 में राहत बचाव में जुटी 3 हेलीकॉप्टर हुई थी दुर्घटना ग्रस्त......

साल 2013 में केदारघाटी में आयी भीषण आपदा के दौरान राहत बचाव कार्यो में भारतीय वायु सेना के साथ ही कई निजी हेलीकॉप्टरो से राहत बचाव कार्य किया जा रहा था। लेकिन राहत बचाव कार्यो में जुटी एक के बाद कुल 3 हेलीकॉप्टर दुर्घटना ग्रस्त हो गयी थी। और हेलीकॉप्टर दुर्घटना में अभी तक सबसे अधिक करीब 23 लोगों की मौत हो गयी थी। इन दुर्घटना ग्रस्त हुई हेलीकॉप्टरो में 2 निजी और एक भारतीय वायु सेना का एमआई-17 शामिल है। हालांकि इसकी मुख्य वजह मौसम की खराबी और ओवर लोडिंग बतायी जा रही थी।




Conclusion:.......हेलीकॉप्टर दुर्घटना ग्रस्त होने की कुछ अन्य घटनाएं.......

- 18 मई 2017 को केदारनाथ में एक निजी कंपनी का हेलिकॉप्टर, हेलीपैड पर ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।

- वहीं 10 जून 2017 को यात्रियों को बद्रीनाथ से हरिद्वार ले जा रहा एक हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। जिसमें चालक दल में शामिल एक इंजीनियर की मौत हो गई थी, और पायलट, को पायलट घायल हो गए थे। 

- यही नही 3 अप्रैल 2018 को उत्तराखंड में केदारनाथ धाम के पास भारतीय वायु सेना का एक एमआई-17 हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जो हेलिपैड पर लैंडिंग के दौरान, लोहे की रॉड से टकरा गया था, जिसके कारण उसमे आग लग गई थी। जिस हादसे में पायलट समेत चार लोग घायल हुए थे।

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