देहरादून: उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से अब तक प्रदेश में 9 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं. जिसमें करीब 27 लोग अपनी जान गवां चुके हैं. लेकिन साल 2019 में हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं उत्तराखंड के लिए बेहद चिंताजनक रहीं. क्योंकि, इस साल ही 3 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं हुई हैं. जिसमें 3 लोगों की मौत और 2 लोग घायल हुए. आखिर क्या रही हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने की वजह? क्या है आंकड़े ? देखिये ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट...
उत्तराखंड राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते प्रदेश में बादल फटने, भूस्खलन होना, भूकंप आने के कारण आपदा जैसी स्थिति बनना आम बात है. जिसके चलते कई बार पहाड़ी क्षेत्रों के हालात ऐसे बन जाते हैं कि रेस्क्यू करने और राहत बचाव में हेलीकॉप्टर का प्रयोग किया जाता है. साथ कई हेलीकॉप्टर राहत बचाव कार्यों के दौरान ही दुर्घटना ग्रस्त हुए हैं.
साल 2019 में हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं
पहली घटनाः- 21 अगस्त 2019
उत्तरकाशी में बादल फटने से मची तबाही के बाद 21 अगस्त 2019 को राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे 3 हेलीकॉप्टरों में से एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था. मोल्डी गांव में लगे केबलों से उलझलने से हेलीकॉप्टर दुर्घटना का शिकार हुआ था. जिसमें पायलट, सह-पायलट समेत तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी.
दूसरी घटनाः- 23 अगस्त 2019
21 अगस्त 2019 को मोल्डी गांव में हुए हादसे के बाद प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया. हादसे के तीन दिन बाद 23 अगस्त 2019 को उत्तरकाशी के टिकोची में हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया. इस बार भी हेलीकॉप्टर हादसे का कारण केबल रही. हालांकि, इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई. बता दें, 21 अगस्त को हुए हादसे के बाद ईटीवी भारत ने पायलट जाना ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में घाटियों में लगी केबलों की मार्किंग कराने की अपील की थी और उसके दूसरे दिन खुद पायलट जाना भी घाटियों में लगी इन्हीं केबलों का शिकार हो गए थे.
तीसरी घटनाः- 23 सितंबर 2019
इसके साथ ही 23 सितंबर 2019 को केदारनाथ में हेलीपैड पर एयर हेली कंपनी का हेलीकॉप्टर टेक ऑफ करते हुए क्रैश हो गया था. जिसमें सवार पायलट समेत 6 यात्रियों को सुरक्षित निकल लिये गया था. यह हादसा हेलीकॉप्टर टेक ऑफ करते समय संतुलन बिगड़ने की वजह से हुआ था.
हेलीकॉप्टर दुर्घटना ग्रस्त होने की कुछ अन्य घटनाएं
- केदारघाटी में साल 2013 में आयी भीषण आपदा के दौरान राहत बचाव कार्यों में जुटे तीन हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हुए थे. जिसमें करीब 23 लोगों की मौत हुई थी. इन दुर्घटनाओं में दो निजी हेलीकॉप्टर और एक भारतीय वायु सेना का एमआई-17 शामिल था. इसकी मुख्य वजह मौसम की खराबी और ओवर लोडिंग बतायी जा रही थी.
- 18 मई 2017 को केदारनाथ में एक निजी कंपनी का हेलीकॉप्टर, हेलीपैड पर ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.
- 10 जून 2017 को यात्रियों को बदरीनाथ से हरिद्वार ले जा रहा एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. जिसमें चालक दल में शामिल एक इंजीनियर की मौत हो गई थी. पायलट और को पायलट घायल हो गए थे.
- 3 अप्रैल 2018 को केदारनाथ धाम के पास भारतीय वायु सेना का एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. जिसके कारण उसमे आग लग गई थी. जिस हादसे में पायलट समेत चार लोग घायल हुए थे.