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उत्तराखंडः 5 विद्युत परियोजनाएं ठप, हर रोज 7-8 मिलियन यूनिट बिजली का हो रहा नुकसान

उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते बिजली उत्पादन पर असर पड़ा है. सिल्ट की अधिकता के चलते यमुना नदी घाटी की 5 जल विद्युत परियोजनाओं को बंद कर दिया गया है.

भारी बारिश
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Published : Aug 19, 2019, 9:23 PM IST

देहरादूनः रविवार को प्रदेश के विभिन्न जिलों में हुई भारी बारिश से न सिर्फ आम जनजीवन प्रभावित हुआ है बल्कि प्रदेश की 5 जल विद्युत परियोजनाओं से भी बिजली उत्पादन पूरी तरह ठप हो चुका है. जिसकी वजह से प्रदेश को प्रतिदिन 7-8 मिलियन यूनिट बिजली का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

भारी बारिश से बिजली उत्पादन पर असर पड़ा.

रविवार को पूरे दिन प्रदेश भर में हुई भारी बारिश और उत्तरकाशी में बादल फटने की वजह से विभिन्न मुख्य नदियों जैसे गंगा, भागीरथी, टौंस और यमुना का जलस्तर काफी बढ़ चुका है.

ऐसे में नदी में अधिक सिल्ट आने की वजह से यमुना नदी घाटी की 5 जल विद्युत परियोजनाओं को बंद कर दिया गया है. जिसमें 240 मेगावाट की छिबरो, 120 मेगावाट की खोदरी , 51 मेगावाट की ढालीपुर, 33.75 मेगावाट के ढकरानी और 30 मेगावाट की कुल्हाल जल विद्युत परियोजना शामिल है.

यह भी पढ़ेंः उत्तराखंड में आफत की बारिश: भू-स्खलन से कई जगह NH बंद, मैदानी जिलों में बाढ़ के हालात

वहीं प्रदेश की 5 महत्वपूर्ण जल विद्युत परियोजनाओं को बंद किए जाने के संबंध में अधिक जानकारी देते हुए UJVNL (उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड) के प्रबंध निदेशक एस एन वर्मा ने बताया कि नदियों का जलस्तर बढ़ने की वजह से पानी में सिल्ट की मात्रा बढ़कर 11000 पीपीएम तक पहुंच गई है, जबकि सामान्य तौर पर इसकी मात्रा महज 3000 पीपीएम रहती है .

ऐसे में सिल्ट की वजह से बांध की मशीनों को पहुंचने वाले नुकसान को ध्यान में रखते हुए इन 5 परियोजनाओं से विद्युत उत्पादन रोका गया है. जल्द की नदी के पानी में सिल्ट की मात्रा कम होते ही दोबारा इन परियोजनाओं से विद्युत उत्पादन का कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

देहरादूनः रविवार को प्रदेश के विभिन्न जिलों में हुई भारी बारिश से न सिर्फ आम जनजीवन प्रभावित हुआ है बल्कि प्रदेश की 5 जल विद्युत परियोजनाओं से भी बिजली उत्पादन पूरी तरह ठप हो चुका है. जिसकी वजह से प्रदेश को प्रतिदिन 7-8 मिलियन यूनिट बिजली का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

भारी बारिश से बिजली उत्पादन पर असर पड़ा.

रविवार को पूरे दिन प्रदेश भर में हुई भारी बारिश और उत्तरकाशी में बादल फटने की वजह से विभिन्न मुख्य नदियों जैसे गंगा, भागीरथी, टौंस और यमुना का जलस्तर काफी बढ़ चुका है.

ऐसे में नदी में अधिक सिल्ट आने की वजह से यमुना नदी घाटी की 5 जल विद्युत परियोजनाओं को बंद कर दिया गया है. जिसमें 240 मेगावाट की छिबरो, 120 मेगावाट की खोदरी , 51 मेगावाट की ढालीपुर, 33.75 मेगावाट के ढकरानी और 30 मेगावाट की कुल्हाल जल विद्युत परियोजना शामिल है.

यह भी पढ़ेंः उत्तराखंड में आफत की बारिश: भू-स्खलन से कई जगह NH बंद, मैदानी जिलों में बाढ़ के हालात

वहीं प्रदेश की 5 महत्वपूर्ण जल विद्युत परियोजनाओं को बंद किए जाने के संबंध में अधिक जानकारी देते हुए UJVNL (उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड) के प्रबंध निदेशक एस एन वर्मा ने बताया कि नदियों का जलस्तर बढ़ने की वजह से पानी में सिल्ट की मात्रा बढ़कर 11000 पीपीएम तक पहुंच गई है, जबकि सामान्य तौर पर इसकी मात्रा महज 3000 पीपीएम रहती है .

ऐसे में सिल्ट की वजह से बांध की मशीनों को पहुंचने वाले नुकसान को ध्यान में रखते हुए इन 5 परियोजनाओं से विद्युत उत्पादन रोका गया है. जल्द की नदी के पानी में सिल्ट की मात्रा कम होते ही दोबारा इन परियोजनाओं से विद्युत उत्पादन का कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

Intro:
Desk Please Note- Kindly use the file footage of flood and Hydro projects in the story .

I m also mailing some of the file footage that I have . Please check

देहरादून- रविवार को प्रदेश के विभिन्न जनपदों में हुई भारी बारिश से न सिर्फ आम जन जीवन प्रभावित हुआ है । बल्कि भारी बारिश की वजह से प्रदेश की 5 जल विद्युत परियोजनाओं से भी बिजली उत्पादन पूरी तरह ठप हो चुका है । जिसकी वजह से प्रदेश को प्रति दिन 7-8 मिलियन यूनिट बिजली का नुकसान उठाना पड़ रहा है ।




Body:रविवार को पूरे दिन प्रदेश भर में हुई भारी बारिश और उत्तरकाशी में बादल फटने की वजह से प्रदेश की विभिन्न मुख्य नदियों जैसे गंगा, भागीरथी, टोंग्स, और यमुना का जलस्तर काफी बढ़ चुका है । ऐसे में नदी में अधिक सिल्ट आने की वजह से यमुना नदी घाटी की 5 जल विद्युत परियोजनाओं को बंद कर दिया गया है । जिसमें 240 मेगावाट की छिबरो, 120 मेगावाट की खोदरी , 51 मेगावाट की ढालीपुर, 33.75 मेगावाट के ढकरानी, और 30 मेगावाट की कुल्हाल जल विद्युत परियोजना शामिल है ।




Conclusion:वही प्रदेश की 5 महत्वपूर्ण जल विद्युत परियोजनाओं को बंद किए जाने के संबंध में अधिक जानकारी देते हुए UJVNL (उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड) के प्रबंध निदेशक एस. एन वर्मा ने बताया कि नदियों का जलस्तर बढ़ने की वजह से पानी मे सिल्ट की मात्रा बढ़ कर 11000 पीपीएम तक पहुँच गई है । जबकि सामान्य तौर पर इसकी मात्रा महज 3000 पीपीएम रहती है । ऐसे में सिल्ट की वजह से बांध की मशीनों को पहुचने वाले नुकसान को ध्यान में रखते हुए इन 5 परियोजनाओं से विद्युत उत्पादन रोका गया है । जल्द की नदी के पानी मे सिल्ट की मात्रा कम होते ही दोबारा इन परियोजनाओं से विद्युत उत्पादन का कार्य शुरू कर दिया जाएगा ।

बाइट- एस. एन वर्मा प्रबंध निदेशक UJVNL
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