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दो-दो पेयजल लाइन फिर भी पानी के लिए तरस रहे चकराता के बाशिंदे, एक हैंडपंप बुझा रहा प्यास

दो-दो पेयजल लाइन होने के बावजूद भी 300 की आबादी वाले माक्टी पोखरी में लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. विभाग की उदासीनता के कारण यहां के बाशिंदों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

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Published : May 26, 2019, 8:34 PM IST

पानी की भारी किल्लत

विकासनगर: चकराता के माक्टी पोखरी गांव इन दिनों पानी की भारी किल्लत है. भीषण गर्मी में लोग भारी जद्दोजहद के बाद किसी तरह पानी का जुगाड़ कर रहे हैं. गांव में यह समस्या लगातार बढ़ रही है.आश्चर्य की बात यह है कि गांव में दो-दो पेयजल लाइन होने के बावजूद भी लगभग 300 की आबादी वाले इस गांव में जनता पेयजल किल्लत से जूझ रही है.

चकराता का माक्टी पोखरी गांव पानी की भारी कमी से जूझ रहा है.

ग्रामीणों का कहना है कि विभाग ध्यान नहीं दे रहा है.चकराता के माक्टी पोखरी गांव में कहने को तो दो-दो पेयजल लाइन बनी हुईं हैं, लेकिन एक पेयजल लाइन में मात्र सुबह के समय ही आधा घंटा पेयजल सप्लाई होता है. स्थानीय ग्रामीण सुभाष राणा का कहना है कि 1 लाइन का पेयजल स्रोत गर्मियों में सूखने की कगार पर है, जबकि चकराता से आने वाली पेयजल लाइन का मेंटिनेंस नहीं होने के कारण माक्टी गांव के लोगों को पेयजल समस्या से जूझना पड़ रहा है.

वहीं स्थानीय महिला विनीता देवी ने बताया कि एक हैंडपंप के सहारे लोगों को सुबह से ही लाइन में खड़े होकर पानी भरने को विवश होना पड़ता है. कई बार स्थानीय लोगों ने संबंधित विभाग को अवगत कराया, बावजूद विभाग इस और कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

यह भी पढ़ेंः धधक रहे लैंसडाउन के जंगल, घास की झाड़ू बनाकर ग्रामीण बुझा रहे आग, बेपरवाह बना वन विभाग

माक्टी पोखरी निवासी कॉटेज संचालक प्रदीप तोमर ने बताया कि माक्टी पोखरी क्षेत्र चकराता से सटा हुआ है. जिस कारण इन दिनों क्षेत्र में पर्यटकों का आवागमन भी हो रहा है. उन्होंने बताया कि वे स्वयं अतिरिक्त खर्च कर पेयजल टैंकर से आपूर्ति कर रहे हैं.

दो-दो पेयजल लाइन होने के बावजूद भी 300 की आबादी वाले इस क्षेत्र में लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. विभाग की उदासीनता के कारण यहां के बाशिंदों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

देखना यह होगा कि क्या विभाग माक्टी पोखरी गांव की समस्याओं का समाधान कर पाएगा या फिर पेयजल समस्या से यहां के लोग जूझते रहेंगे.

विकासनगर: चकराता के माक्टी पोखरी गांव इन दिनों पानी की भारी किल्लत है. भीषण गर्मी में लोग भारी जद्दोजहद के बाद किसी तरह पानी का जुगाड़ कर रहे हैं. गांव में यह समस्या लगातार बढ़ रही है.आश्चर्य की बात यह है कि गांव में दो-दो पेयजल लाइन होने के बावजूद भी लगभग 300 की आबादी वाले इस गांव में जनता पेयजल किल्लत से जूझ रही है.

चकराता का माक्टी पोखरी गांव पानी की भारी कमी से जूझ रहा है.

ग्रामीणों का कहना है कि विभाग ध्यान नहीं दे रहा है.चकराता के माक्टी पोखरी गांव में कहने को तो दो-दो पेयजल लाइन बनी हुईं हैं, लेकिन एक पेयजल लाइन में मात्र सुबह के समय ही आधा घंटा पेयजल सप्लाई होता है. स्थानीय ग्रामीण सुभाष राणा का कहना है कि 1 लाइन का पेयजल स्रोत गर्मियों में सूखने की कगार पर है, जबकि चकराता से आने वाली पेयजल लाइन का मेंटिनेंस नहीं होने के कारण माक्टी गांव के लोगों को पेयजल समस्या से जूझना पड़ रहा है.

वहीं स्थानीय महिला विनीता देवी ने बताया कि एक हैंडपंप के सहारे लोगों को सुबह से ही लाइन में खड़े होकर पानी भरने को विवश होना पड़ता है. कई बार स्थानीय लोगों ने संबंधित विभाग को अवगत कराया, बावजूद विभाग इस और कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

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माक्टी पोखरी निवासी कॉटेज संचालक प्रदीप तोमर ने बताया कि माक्टी पोखरी क्षेत्र चकराता से सटा हुआ है. जिस कारण इन दिनों क्षेत्र में पर्यटकों का आवागमन भी हो रहा है. उन्होंने बताया कि वे स्वयं अतिरिक्त खर्च कर पेयजल टैंकर से आपूर्ति कर रहे हैं.

दो-दो पेयजल लाइन होने के बावजूद भी 300 की आबादी वाले इस क्षेत्र में लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. विभाग की उदासीनता के कारण यहां के बाशिंदों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

देखना यह होगा कि क्या विभाग माक्टी पोखरी गांव की समस्याओं का समाधान कर पाएगा या फिर पेयजल समस्या से यहां के लोग जूझते रहेंगे.

Intro:चकराता के माक्टी पोखरी गांव में दो-दो पेयजल लाइन होने के बावजूद भी लगभग 300 की आबादी पेयजल किल्लत से जूझ रही है ग्रामीणों का कहना है कि विभाग नहीं दे रहा ध्यान


Body:चकराता के माक्टी पोखरी गांव में कहने को तो दो-दो पेयजल लाइन बनी हुई है लेकिन एक पेयजल लाइन में मात्र सुबह के समय ही आधा घंटा पेयजल सप्लाई होती है स्थानी ग्रामीण सुभाष राणा का कहना है कि 1 लाइन का पेयजल स्रोत गर्मियों में सूखने की कगार पर है जबकि चकराता से आने वाली पेयजल लाइन में विभाग की उदासीनता के कारण माक्टी गांव के वासियों को पेयजल समस्या से जूझना पड़ रहा है वहीं स्थानीय महिला विनीता देवी ने बताया एक हैंडपंप के सहारे लोगों को सुबह से ही लाइन में खड़े होकर पानी भरने को विवश होना पड़ता है कई बार स्थानीय लोगों ने संबंधित विभाग को अवगत कराया बावजूद इसके विभाग इस और कोई ध्यान नहीं दे रहा है


Conclusion:माक्टी पोखरी निवासी कॉटेज संचालक प्रदीप तोमर ने बताया कि माक्टी पोखरी क्षेत्र चकराता से सटा हुआ है जिस कारण से इन दिनों माटी क्षेत्र में पर्यटकों का आवागमन भी हो रहा है कहा कि मैं स्वयं अतिरिक्त खर्च कर पेयजल टैंकर से आपूर्ति करता हूं दो दो पेयजल लाइन होने के बावजूद भी 300 वाली आबादी को भी पेयजल समस्या से जूझने को मजबूर होना पड़ रहा है विभाग की उदासीनता के कारण यहां के बाशिंदों को को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है देखना यह होगा कि क्या विभाग माक्टी पोखरी गांव के बाशिंदों की समस्याओं का समाधान कर पाएगा या फिर पेयजल समस्या से यहां के लोग जूझते नजर आएंगे यह तो आने वाला समय ही बताएगा

बाइट- प्रदीप तोमर चश्मे वाला व्हाइट शर्ट
बाइट- सुभाष राणा टोपी चश्मे वाला
बाइट- विनीता देवी स्थानीय निवासी

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