देहरादूनः उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में चार्जशीट दाखिल करने के बाद अब फास्ट ट्रैक कोर्ट ट्रायल और विशेष अधिवक्ता की कार्रवाई तेज हो गई है. शासन से अनुमति मिलने के बाद इस प्रक्रिया को लेकर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित होगी. उधर दूसरी तरफ अब तक इस केस में एसआईटी की जांच को लेकर हाईकोर्ट ने संतुष्टि जताते हुए सराहना की है. ऐसे में अब आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की मांग और विशेष प्रॉसिक्यूटर को लेकर शासन में प्रस्तावित फाइल पर सबकी नजर है.
इतना ही नहीं, पहली चार्जशीट दाखिल होने के बाद एसआईटी आरोपियों के नार्को टेस्ट के उपरांत एक अलग से सप्लीमेंट्री चार्जशीट को लेकर भी अलग से तैयारी में है. हालांकि, अभी नार्को टेस्ट के लिए कोर्ट की अनुमति मिलनी बाकी है. इसके लिए फिलहाल आज सुनवाई होनी है. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर डॉ. वी मुरुगेशन के मुताबिक, पुलिस की ओर से इस बात का भरसक प्रयास है कि जल्द से जल्द रिपोर्ट में इस केस का ट्रायल शुरू हो और मजबूती से पैरवी कर आरोपियों को कड़ी सजा दिलाई जा सके.
ये भी पढ़ेंः अंकिता भंडारी मर्डर केस: 500 पेज की चार्जशीट तैयार, 30 पुख्ता सबूत, सोमवार तक कोर्ट में होगी पेश
कोर्ट से और पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, 30 अलग-अलग तरह के सबूतों और 100 से अधिक गवाही के आधार पर कोर्ट में 500 पन्नों की पहली चार्जशीट दाखिल करने के बाद सेशन कोर्ट में इस केस का जल्द ही ट्रायल शुरू कराने का प्रयास है. ऐसे में शासन से अनुमति के बाद हाईकोर्ट को फास्ट ट्रैक की अपील प्रेषित होगी. जहां से आदेश मिलने के बाद ही सेशन कोर्ट से फास्ट ट्रैक कोर्ट के आदेश होंगे. दरअसल एसआईटी ने नौ दिसंबर को कोटद्वार न्यायालय में नार्को टेस्ट की अर्जी लगाई थी. नार्को से पहले अदालत ने आरोपियों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की सलाह भी एसआईटी को दी थी.
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर डॉ. वी मुरुगेशन के मुताबिक, फिलहाल चीफ जुडिशियल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल है. जहां से रिमांड लेते हुए केस सेशन कोर्ट में जाएगा और वहां से फास्ट ट्रैक कोर्ट के ऑर्डर होते एडिशनल जज के सामने डे टू डे कोर्ट की प्रक्रिया शुरू होगी. वहीं, दूसरी तरफ शासन से अनुमति मिलने के तत्काल बाद ही एक विशेष अधिवक्ता हायर कर केस की मजबूत पैरवी प्रक्रिया होनी है.
नार्को टेस्ट में कोर्ट के आदेश पर कार्रवाईः आरोपियों के नार्को टेस्ट को लेकर एडीजी मुरुगेशन का कहना है कि कोर्ट के आदेश और आरोपियों की सहमति के मुताबिक ही इस विषय पर भी आगे की कार्रवाई होगी. फिलहाल इसके लिए आरोपियों में से एक व्यक्ति ने 10 दिन का समय मांगा था. जिसका समय लगभग पूरा हो चुका है. अब आज इस विषय में सुनवाई होनी है. ऐसे में कोर्ट से जो आदेश जाएगा, उसी के अनुसार आगे की कार्रवाई होगी.