देहरादून: राज्य के स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति किसी से छिपी नहीं है. खासकर पर्वतीय क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की लचर व्यवस्था के मामले सामने आते रहे हैं. जिसको देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को स्थलीय निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं. लिहाजा स्वास्थ्य सेवाओं को परखने के लिए स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी अब धरातल पर उतरेंगे. स्वास्थ्य मंत्री की ओर से स्वास्थ्य अधिकारियों को दिए गए निर्देश के अनुसार अधिकारी जिलों में जाकर स्थानीय लोगों से न सिर्फ जनसंवाद करेंगे, बल्कि राज्य और केंद्र सरकार की ओर से संचालित स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी भी देंगे.
इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत की ओर से अधिकारियों को जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है. जिसके तहत, स्वास्थ्य सचिव आर. राजेश कुमार को चंपावत और पिथौरागढ़, अपर सचिव स्वास्थ्य स्वाति भदौरिया को देहरादून, अपर सचिव स्वास्थ्य नमामि बंसल को नैनीताल और उधमसिंह नगर, अमनदीप कौर को रुद्रप्रयाग और चमोली, आनंद श्रीवास्तव को टिहरी और उत्तरकाशी, गरिमा रौंकली को अल्मोड़ा और बागेश्वर, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. विनीता शाह, संयुक्त सचिव स्वास्थ्य महावीर चौहान को पौड़ी, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना और संयुक्त सचिव स्वास्थ्य अरविंद सिंह पांगती को हरिद्वार जिले की जिम्मेदारी दी गई है.
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जिन अधिकारियों को जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है वो अधिकारी 5 अक्टूबर से 5 नवंबर 2023 तक उस जिले के राजकीय चिकित्सालयों, सामुदायिक केंद्रों और वैलनेस सेंटरों का निरीक्षण कर तमाम सुविधाओं की जानकारी लेंगे. इस दौरान विभागीय अधिकारी आयुष्मान कार्ड और आभा आईडी बनाने के लिये भी जनता को जागरूक करेंगे. साथ ही टीबी मुक्त उत्तराखंड की ओर राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की भी जानकारी देंगे. साथ ही एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर राज्य सरकार को सौंपेंगे. ताकि नवंबर महीने में प्रस्तावित स्वास्थ्य चिंतन शिविर में इन तमाम पहलुओं पर मंथन किया जा सके.