देहरादून: उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति किसी से छिपी नहीं है. जिसको देखते हुए उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग पहली बार एनएचएम के माध्यम से प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की भर्ती करने जा रहा है. इसके लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों से आवेदन मांगे गए हैं. जिसके बाद 16 फरवरी को इंटरव्यू लिया जाएगा. इसके साथ ही अब प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में भी एनएचएम के माध्यम से विशेषज्ञ डॉक्टरों की भर्ती के प्रयास शुरू करने जा रही है.
उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में विशेषज्ञ चिकित्सकों का अभाव बना हुआ है. ऐसे में पहाड़ी जिलों में स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की कमी पूरी की जा सके उसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने एक मास्टर प्लान तैयार किया है. इसी कड़ी में 16 फरवरी को प्रथम चरण के इंटरव्यू किए जाने हैं. साथ ही पहाड़ी जिलों में स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स को विभाग निजी क्षेत्र की तरह तमाम सुविधाएं और इंसेंटिव देने की भी तैयारी कर रहा है.
उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. पहाड़ी और ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों के अभाव के कारण मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब पहाड़ी क्षेत्रों के लोगों को स्पेशलिस्ट चिकित्सक मिलने जा रहे हैं. इसके लिए 16 फरवरी को प्रथम चरण के इंटरव्यू किए जाने हैं.
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प्रदेश में विशेषज्ञ चिकित्सकों को प्रदेश सरकार की तरफ से वह तमाम सुविधाएं मिलने जा रही हैं जो उन्हें निजी क्षेत्र में मिला करती हैं. राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया लगातार पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा की जा रही है. ऐसे में कई जगहों से यह जानकारी मिली है कि विशेषज्ञ चिकित्सकों के अभाव में मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
अब राज्य सरकार पर्वतीय जिलों में स्पेशलिस्ट चिकित्सकों की तैनाती की दिशा में काम कर रही है. उन्होंने बताया स्वास्थ्य विभाग के पास दवाइयों की कोई कमी नहीं है. न ही अन्य सुविधाओं और मशीनों की कमी है, लेकिन सुदूरवर्ती क्षेत्रों के अस्पतालों में स्पेशलिस्ट डॉक्टर की कमी के कारण कई बार समस्याएं बढ़ जाती हैं. आर राजेश कुमार ने कहा जल्द ही इस समस्या का समाधान कर लिया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग एक नए मिशन के साथ तैयारियों में जुट गया है, ताकि राज्य के हर नागरिक को सरकारी अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके.
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गौरतलब है कि उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में स्पेशलिस्ट चिकित्सकों का अभाव बना हुआ है. पहाड़ी जिलों के सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती ना होने के कारण क्रिटिकल केयर के मरीजों को रेफर करने की नौबत आ जाती है, जिससे मरीजों को खासी परेशानी उठानी पड़ती है. ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग सुदूरवर्ती क्षेत्रों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती को लेकर रोडमैप तैयार कर रहा है. जिसके तहत स्वास्थ्य महकमा निजी क्षेत्र की तरह उन्हें समान तमाम सुविधाएं और इंसेंटिव देने जा रहा है.