देहरादून: हरिद्वार के भगवानपुर में दवा जलाये जाने के मामले (Medicines burnt in Bhagwanpur Hospital) में स्वास्थ्य विभाग विस्तृत जांच कराने की बात कह रहा है. दरअसल, राज्य में दवाओं को जलाने के मामले में भले ही शासन गंभीर दिखाई दे रहा हो, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अभी भी लापरवाही वाला रवैया अपनाए हुए हैं. दरअसल, भगवानपुर में दवा जलाए जाने के मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रभारी सचिव स्वास्थ्य (Incharge Secretary Health) डॉ. आर राजेश कुमार ने स्वास्थ्य महानिदेशक को जांच के आदेश दिए थे.
प्रभारी सचिव स्वास्थ्य के जांच करने के आदेश के बाद स्वास्थ्य महानिदेशक ने भी हरिद्वार सीएमओ से जवाब- तलब किया था. जिसके बाद हरिद्वार के सीएमओ ने दवा जलाने के मामले में अपना स्पष्टीकरण दिया था. लेकिन स्वास्थ्य विभाग उनसे संतुष्ट नहीं हुआ. स्वास्थ्य महानिदेशक शैलजा भट्ट (Director General of Health Shailaja Bhatt) ने कहा कि दवा जलाने के मामले पर हरिद्वार के सीएमओ से जवाब मांगा गया था. जिस पर सीएमओ ने अपना जवाब भी दिया. लेकिन सीएमओ के जवाब से डीजी संतुष्ट नहीं हैं. लिहाजा अब मामले की विस्तृत जांच कराई जाएगी.
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दरअसल, दवाओं के नाम पर अभी भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लीपापोती में लगे हैं, जिसके चलते इस तरीके की घटनाएं देखी जाती रही हैं. बता दें कि कुछ समय पहले रुड़की में भी इसी प्रकार का एक प्रकरण सामने आया था, जिसमें दवाओं को नाले में फेंक दिया गया था. जिसमें सरकार के स्तर से अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई भी की गई थी. वहीं, अब भगवानपुर में दवाओं को जला दिया गया, जिसको लेकर अभी तक कोई सख्त कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है.