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उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग का होगा डिजिटलीकरण, सभी को मिलेगा हेल्थ आईडी कार्डः धन सिंह - देहरादून की खबरें

उत्तराखंड में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की मजबूती के लिए जल्द ही स्वास्थ्य विभाग को डिजिटल किया जाएगा. साथ ही प्रत्येक नागरिक का डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड भी बनाया जाएगा. इसके अलावा एयर एम्बुलेंस सेवा को विस्तार किया जाएगा. यह बात सूबे के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण परिषद के 14वें सम्मेलन में कही.

Health Minister Dhan Singh Rawat
गुजरात सम्मेलन में धन सिंह रावत
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Published : May 7, 2022, 10:18 PM IST

देहरादूनः गुजरात में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण परिषद के 14वें सम्मेलन में सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने शिरकत की और उत्तराखंड का पक्ष रखा. इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था को और अधिक सुदृढ करने एवं भविष्य की योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए स्वास्थ्य विभाग के जल्द डिजिटलीकरण करने की बात कही.

स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने प्रदेश में स्वास्थ्य सेक्टर को डिजिटलाइजेशन करने की बात रखी. साथ ही उन्होंने राज्य के प्रत्येक नागरिक का डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड बनाने, प्रत्येक एम्स में प्रतिनिधि नियुक्त करने की बात कही. उन्होंने चिंतन शिविर में राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों को हवाला देते हुए एनएचएम कार्मिकों की वेतनवृद्धि, ब्लाॅक स्तर पर डाॅक्टरों के लिए आवासों का निर्माण एवं एयर एम्बुलेंस सेवा के विस्तार की मांग भी रखी.

ये भी पढ़ेंः पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना में मिलेगी छूट, एयर एम्बुलेंस सेवा को बढ़ाने की भी मांग

वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने आश्वासन देते हुए कहा कि उत्तराखंड एवं पूर्वोत्तर राज्यों की विषम परिस्थितियों को देखते हुए मानकों में शिथिलता प्रदान की जाएगी. मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि स्वास्थ्य चिंतन शिविर में प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर उत्तराखंड में एयर एम्बुलेंस सेवा (Uttarakhand Air Ambulance Service) को आगामी वर्षों के लिए विस्तारित करने, एनएचएम कार्मिकों की वेतनवृद्धि के लिए मानकों में शिथिलता प्रदान करने की मांग रखी है.

उन्होंने बताया कि आपदा के दृष्टिकोण से उत्तराखंड अतिसंवेदनशील राज्यों की श्रेणी में आता है. आमतौर पर देखा गया है कि आपदा के दौरान आम लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने में सरकार एवं विभाग को भारी कठिनाईयों को सामना करना पड़ता है. ऐसी परिस्थितियों में स्वास्थ्य सुविधाओं को समय पर उपलब्ध कराने के लिए एयर एम्बुलेंस ही एक मात्र विकल्प रह जाता है, जिसका राज्य में विस्तार होना अति आवश्यक है.

ये भी पढ़ेंः पौड़ी DM के निरीक्षण में अस्पताल से गायब मिला स्टाफ, कर्मचारियों को जमकर लगाई फटकार

मंत्री रावत ने बताया कि स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की मजबूती के लिए जल्द ही स्वास्थ्य विभाग को डिजिटल किया जाएगा. इसके अलावा प्रत्येक नागरिक का डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड (Digital Health ID Card) बनाया जाएगा. ताकि मरीज के स्वास्थ्य से जुडे़ सभी चीजों का रिकाॅर्ड रखा जा सके. जिससे किसी भी अस्पताल में उपचार के दौरान मरीज की मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पता चल जाएगा और उसे समय पर सही इलाज मिल सकेगा.

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य में आयुष्मान भारत योजना एवं अटल आयुष्मान योजना (‎Atal Ayushman Yojana) का लाभ प्रत्येक व्यक्ति को पहुंचाने के लिए विभागीय स्तर पर प्रभावी कदम उठाए जाएंगे. इसके अलावा मोतियाबिंद के ऑपरेशन (cataract surgery) एवं निःशुल्क चश्मों के वितिरण के लिए न्याय पंचायत, ब्लाॅक एवं जिला स्तर पर कैंप आयोजित किए जाएंगे.

देहरादूनः गुजरात में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण परिषद के 14वें सम्मेलन में सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने शिरकत की और उत्तराखंड का पक्ष रखा. इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था को और अधिक सुदृढ करने एवं भविष्य की योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए स्वास्थ्य विभाग के जल्द डिजिटलीकरण करने की बात कही.

स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने प्रदेश में स्वास्थ्य सेक्टर को डिजिटलाइजेशन करने की बात रखी. साथ ही उन्होंने राज्य के प्रत्येक नागरिक का डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड बनाने, प्रत्येक एम्स में प्रतिनिधि नियुक्त करने की बात कही. उन्होंने चिंतन शिविर में राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों को हवाला देते हुए एनएचएम कार्मिकों की वेतनवृद्धि, ब्लाॅक स्तर पर डाॅक्टरों के लिए आवासों का निर्माण एवं एयर एम्बुलेंस सेवा के विस्तार की मांग भी रखी.

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वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने आश्वासन देते हुए कहा कि उत्तराखंड एवं पूर्वोत्तर राज्यों की विषम परिस्थितियों को देखते हुए मानकों में शिथिलता प्रदान की जाएगी. मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि स्वास्थ्य चिंतन शिविर में प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर उत्तराखंड में एयर एम्बुलेंस सेवा (Uttarakhand Air Ambulance Service) को आगामी वर्षों के लिए विस्तारित करने, एनएचएम कार्मिकों की वेतनवृद्धि के लिए मानकों में शिथिलता प्रदान करने की मांग रखी है.

उन्होंने बताया कि आपदा के दृष्टिकोण से उत्तराखंड अतिसंवेदनशील राज्यों की श्रेणी में आता है. आमतौर पर देखा गया है कि आपदा के दौरान आम लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने में सरकार एवं विभाग को भारी कठिनाईयों को सामना करना पड़ता है. ऐसी परिस्थितियों में स्वास्थ्य सुविधाओं को समय पर उपलब्ध कराने के लिए एयर एम्बुलेंस ही एक मात्र विकल्प रह जाता है, जिसका राज्य में विस्तार होना अति आवश्यक है.

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मंत्री रावत ने बताया कि स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की मजबूती के लिए जल्द ही स्वास्थ्य विभाग को डिजिटल किया जाएगा. इसके अलावा प्रत्येक नागरिक का डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड (Digital Health ID Card) बनाया जाएगा. ताकि मरीज के स्वास्थ्य से जुडे़ सभी चीजों का रिकाॅर्ड रखा जा सके. जिससे किसी भी अस्पताल में उपचार के दौरान मरीज की मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पता चल जाएगा और उसे समय पर सही इलाज मिल सकेगा.

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य में आयुष्मान भारत योजना एवं अटल आयुष्मान योजना (‎Atal Ayushman Yojana) का लाभ प्रत्येक व्यक्ति को पहुंचाने के लिए विभागीय स्तर पर प्रभावी कदम उठाए जाएंगे. इसके अलावा मोतियाबिंद के ऑपरेशन (cataract surgery) एवं निःशुल्क चश्मों के वितिरण के लिए न्याय पंचायत, ब्लाॅक एवं जिला स्तर पर कैंप आयोजित किए जाएंगे.

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